30.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

दिल्ली HC ने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से कानून बनाने की जरूरत नहीं, एमवी एक्ट पहले से है लागू

न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधान और केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू हैं.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को इलेक्ट्रिक वाहनों के नियमनों को लेकर टिप्पणी करते हुए कहा मोटर वाहन (एमवी) एक्ट और केंद्रीय मोटर वाहन (सीएमवी) नियम-1989 के प्रावधान पहले से ही सभी प्रकार के वाहों पर लागू हैं. इसके बाद अदालत ने दायर एक याचिका को खारिज कर दिया. जनहित याचिका में दोपहिया वाहनों में इलेक्ट्रिक स्कूटर और मोटरसाइकिलों के अनिवार्य कानून बनाने के निर्देश देने की मांग की गई थी. याचिका में विश्वसनीय और लंबे समय तक चलने वाली बैटरियों के मानकीकृत निर्माण को सुनिश्चित करने के लिए उचित कानून बनने तक उचित दिशानिर्देश जारी करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई थी.

इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से निर्देश देने की जरूरत नहीं

न्यायमूर्ति सतीश चंदर शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने गुरुवार को अपने फैसले में कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रासंगिक प्रावधान और केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 पहले से ही इलेक्ट्रिक वाहनों पर लागू हैं. अदालत ने कहा कि खास तौर पर अनिवार्य बीमा कवर दोपहिया वाहनों पर हेडगियर पहनने और प्रावधानों का अनुपालन न करने पर दंडात्मक प्रावधानों से संबंधित है. पीठ ने कहा कि अदालत की राय है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अलग से किसी आदेश या निर्देश देने की आवश्यकता नहीं है. इस संबंध में पहले ही आदेश पारित कर दिया गया है.

बैटरियों के लिए भारत सरकार ने पहले ही मानक कर दिए हैं निर्धारित

अदालत ने अपनी टिप्पणी में आगे कहा कि भारत सरकार ने बैटरी से चलने वाले वाहनों में इस्मेमाल की जाने वाली बैटरियों के लिए निर्माताओं के लिए मानकों को पहले ही निर्धारित कर दिया है. इसलिए अदालत की ओर से दोबार किसी प्रकार का आदेश या निर्देश दिए जाने की जरूरत नहीं है. अदालत ने कहा कि दिल्ली सरकार को यह तय करना है कि उसके अधिकार क्षेत्र में रजिस्टर्ड इलेक्ट्रिक वाहनों पर उसकी ओर से दी जाने वाली सब्सिडी योजना के अनुरूप बांटी जा रही है या नहीं.

किस नियम के तहत हेलमेट न पहनने पर होती है कार्रवाई

अदालत में केंद्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील गुरदास खुराना ने याचिका का विरोध किया. उन्होंने अदालत से कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को पहले से ही केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1989 के साथ मोटर वाहन अधिनियम के तहत स्वीकार किया गया है. उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 146 के तहत बीमा कवरेज को अनिवार्य किया गया है. इसके अलावा, मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के तहत सार्वजनिक स्थान पर दोपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट को पहनना अनिवार्य बनाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 194 और 196 के तहत बीमा नियमों के उल्लंघन हेलमेट न पहनने पर दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान है.

Also Read: सरकार ने रोकी सब्सिडी, सात इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनियों को 9000 करोड़ से अधिक का नुकसान

याचिका में क्या की गई थी मांग

समाचार एजेंसी एएनआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली हाईकोर्ट में रजत कपूर ने दायर याचिका में कहा था कि बीमा से संबंधित नियमों में कमी की वजह से सड़क पर तेज गति से चलने वाहने वाहनों की भरमार हो जाएगी. उन्होंने कहा था कि इससे आने वाले दिनों में परेशानी काफी बढ़ जाएगी. याचिका में उन्होंने थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के मुद्दे को लेकर अदालत की ओर से निर्देश जारी करने की मांग की थी. इसके अलावा, उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि यदि कोई इलेक्ट्रिक वाहन 25 किलोमीटर प्रति घंटे तक की अधिकतम स्पीड और 250 वाट तक की पावर वाला दोपहिया वाहनों को चलाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं है. फिर भी थर्ड पार्टी जोखिमों को कवर करने के लिए बीमा कवरेज का प्रावधाना होना चाहिए.

Also Read: क्या आपने ईवी खरीदा है? अपनी गाड़ी को इलेक्ट्रिक वाहन बीमा से ऐसे कर सकते हैं सुरक्षित

भारत में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार का हो रहा विस्तार

बताते चलें कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है. पेट्रोल और डीजल ईंधन से चलने वाले वाहनों के हरित विकल्प के तौर पर सरकार की ओर से भी इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण और बिक्री को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इन्सेंटिव) योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों को बनाने और बिक्री करने वाली कंपनियों को सब्सिडी दी जाती है. सरकार के इस कदम से आने वाले दिनों मे भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में कमी आने के आसार अधिक हैं. याचिका में कहा गया है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के बाजार का विस्तार हो रहा है. ऐसे में संभावित खरीदारों को यह चिंता हो सकती है कि वे इलेक्ट्रिक वाहनों का बीमा कहां कराएं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें