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नैक से मान्यता नहीं, तो यूजीसी की ग्रांट पर लगेगी रोक

नैक से मान्यता नहीं, तो यूजीसी की ग्रांट पर लगेगी रोक फोटो- कैंपस 2कैप्शन- बैठक के दौरान प्रौजेक्टर के माध्यम से जानकारी देते शैक्षणिक उप कुलसचिव – बीएनएमयू . यूजीसी ने 31 दिसंबर तक का विवि को दिया है समय – कुलपति ने दिया निर्देश, 23 दिसंबर तक विभागों का स्टडी रिपोर्ट नेट पर करें […]

नैक से मान्यता नहीं, तो यूजीसी की ग्रांट पर लगेगी रोक फोटो- कैंपस 2कैप्शन- बैठक के दौरान प्रौजेक्टर के माध्यम से जानकारी देते शैक्षणिक उप कुलसचिव – बीएनएमयू . यूजीसी ने 31 दिसंबर तक का विवि को दिया है समय – कुलपति ने दिया निर्देश, 23 दिसंबर तक विभागों का स्टडी रिपोर्ट नेट पर करें अपलोड – यूजीसी से सभी प्रकार की ग्रांट लेने के लिए नैक से ए या बी ग्रेड मिलना जरूरी – सी ग्रेड मिलने पर विवि को कोई नयी ग्रांट नहीं मिलेगी, डी ग्रेड पर नहीं मिलेगी कोई ग्रांट –अब नये परिसर में नौ विषयों का होगा पठन-पाठन प्रतिनिधि, मधेपुराभूपेंद्र नारायण मंडल विवि परिसर स्थित कुलपति कार्यालय में गुरुवार को सभी विभागाध्यक्षों की महत्वपूर्ण बैठक की गयी. बैठक की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डाॅ विनोद कुमार ने कहा कि 23 दिसंबर तक सभी विभागाध्यक्ष विभाग का स्टडी रिपोर्ट नोडल पदाधिकारी को समर्पित करेंगे. उन्होंने कहा किसी भी परिस्थिति में 31 दिसंबर तक विवि को नैक से मान्यता लेनी होगी, अन्यथा यूजीसी से मिलने वाली अनुदान से विवि को वंचित होना पड़ सकता है. ऐसी परिस्थिति विवि की शैक्षणिक व प्रशासनिक कार्य भी प्रभावित हो, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. इसलिए विवि को नैक से कम से कम ए या बी ग्रेड मिलना जरूरी है. इसके अलावा अन्य ग्रेड मिलने से इसका फायदा विवि को नहीं मिलेगा.सी मिला तो पास, डी मिला तो फेल विवि के जानकार का बताते है कि विवि को सी ग्रेड मिलता है तो पास माना जायेगा. वहीं डी मिलने पर विवि को फेल कर दिया जायेगा. सी ग्रेड में विवि को पुराना ग्रांट तो मिलेगा लेकिन यूजीसी से कोई नया ग्रांट नहीं मिलेगा. वहीं डी ग्रेड मिलने की परिस्थिति विवि को नया व पुराना किसी प्रकार का ग्रांट नहीं मिलेगा. डी ग्रेड मिलने पर नैक से विवि को मान्यता भी नहीं मिलेगी. इसका एक उदाहरण हाल फिलहाल में मगध विवि को मिले सी ग्रेड की मान्यता मिली है. प्रोजेक्टर के माध्यम से दी गयी जानकारीबैठक के दौरान शैक्षणिक उप कुलसचिव डा नरेंद्र श्रीवास्तव ने विभागाध्यक्षों को प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया कि नैक से विवि को कैसे मान्यता मिलेगी. वहीं मौके पर बताया गया शैक्षणिक गतिविधि कर कितना प्वाइंट मिलना है. जिसमें बताया कि शैक्षणिक गतिविधियां बेहतर रहने की स्थिति में पांच सौ से अधिक अंक दिया जायेगा. मौके पर कुलपति ने निर्देश देते हुए कहा कि 23 दिसंबर तक सभी विभागों का स्टडी रिपोर्ट नैक के नेट पर अपलोड कर देना है. वहीं इसके लिए नोडल पदाधिकारी को डा अशोक कुमार सिंह को अधिकृत किया गया. शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने पर दिया जोड़ बैठक में विवि की शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. जिसमें कहा गया कि सबैला स्थित विवि के नये परिसर में जल्द ही नौ पीजी विभाग का पठन-पाठन कार्य शुरू कराया जायेगा. वहीं अन्य विभाग तत्काल पुराने परिसर में ही संचालित होगी. नये परिसर में जाने वाले विभागों में मुख्य रूप से भौतिकी विज्ञान विभाग, रसायन शास्त्र विभाग, जंतु विज्ञान विभाग, वनस्पति विज्ञान विभाग, गृह विज्ञान विभाग, मनो विज्ञान विभाग, भूगोल शास्त्र विभाग एवं कॉमर्स विभाग शामिल है. बैठक में निर्णय लिया गया कि इन विभागों का पठन-पाठन कार्य यथाशीघ्र नये परिसर में शुरू हो. इसके आगे की प्रक्रिया के लिए क्रीड़ा सह परिसंपदा पदाधिकारी डा शैलेंद्र कुमार को अधिकृत किया गया. स्टडी रिपोर्ट तैयार करने में पूर्व विभागाध्यक्ष करेंगे मदद इतने कम समय में विवि परिसर स्थित पीजी विभाग के नये विभागाघ्यक्षों के लिए विभाग का स्टडी रिपोर्ट तैयार करना संभव नहीं था. इसलिए बैठक में कुलपति डा विनोद कुमार ने कहा कि नये विभागाध्यक्ष को कुछ परेशानी होगी, इसके लिए पूर्व विभागाध्यक्ष स्टडी रिपोर्ट तैयार करने में मदद करेंगे. बैठक के दौरान कुलसचिव डा कुमारेश प्रसाद सिंह, सीसीडीसी डा जे एन राय, परिसंपदा पदाधिकारी डा शैलेंद्र कुमार सहित सभी विभाग के विभागाध्यक्ष मौजूद थे. पहले सरकार ने लगायी रोक, अब यूजीसी की ग्रांट पर भी आफत मधेपुरा. भूपेंद्र नारायण मंडल विवि में अभी सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा है. पहले तो वेतन और पेंशन मद में से मिलने वाली अनुदान की राशि पर सरकार ने रोक लगा दी. इसके बाद यूजीसी से मिलने वाली ग्रांट पर तलवार लटक रही है. सरकार ने पेंशन और वेतन मद पर यह कह कर रोक लगा दिया है कि पहले विवि पूर्व में दिये गये अनुदान की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र विभाग को जमा करें, इसके बाद ही अगले अनुदान पर किसी प्रकार का विचार किया जायेगा. सरकार ने कहा है कि विवि साल दर साल ग्रांट तो लेते रही है, लेकिन उसका उपयोगिता विभाग को अब तक मुहैया नहीं कराया है. विवि सूत्रों की माने तो दो वित्तीय वर्ष से बीएनएमयू प्रशासन ने सरकार को अनुदान की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराया है. इस परिस्थिति में विवि में कार्यरत और सेवानिवृत कर्मियों के वेतन और पेंशन आदि पर आफत आना लाजिमी है.

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