साहिबगंज
जादोपटिया कला संथाल जनजाति की एक प्राचीन एवं लोकप्रिय लोक चित्रकला है, जो आज लुप्तप्राय की स्थिति में पहुंच चुकी है. इस पारंपरिक कला को संरक्षित करने और नयी पहचान दिलाने का कार्य प्रसिद्ध चित्रकार एवं मूर्तिकार श्याम विश्वकर्मा द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने जादोपटिया कला को कागज पर उकेरने के साथ-साथ पहली बार टेराकोटा माध्यम के जरिए इसे मूर्त रूप देने का अभिनव प्रयास किया है.
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जादोपटिया कला संग्रहालय की योजना
श्याम विश्वकर्मा अब जादोपटिया कला पर आधारित एक म्यूजियम स्थापित करने की योजना बना रहे हैं. इसके लिए उन्होंने अपने डिजाइन भी तैयार कर लिए हैं. वे झारखंड सरकार और जिला प्रशासन के सहयोग से इस योजना को साकार करना चाहते हैं, ताकि लुप्तप्राय होती इस कला को संरक्षित किया जा सके और झारखंडी कला एवं संस्कृति को उसका उचित सम्मान मिल सके. कला विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि यदि यह संग्रहालय स्थापित होता है तो जादोपटिया कला को नयी पहचान मिलेगी और आने वाली पीढ़ियां अपनी सांस्कृतिक विरासत से जुड़ सकेंगी. श्याम विश्वकर्मा का यह प्रयास झारखंड की लोककला संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है.
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