पटना : सिटी एसपी (मध्य) शिवदीप वामन लांडे ने रविवार की सुबह डाकबंगला चौराहे पर ‘सिंघम’ स्टाइल में यूपी मुरादाबाद के क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर सर्वचंद्र को रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़ लिया. घुसखोर इंस्पेक्टर को पकड़ने के लिए लांडे खुद सादे वेश में सिर पर दुपट्टा डाल कर पहुंचे थे. वह दुपट्टा उनकी पत्नी का था.
लेकिन बाद में इंस्पेक्टर के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिलने के कारण उन्हें देर शाम छोड़ दिया गया. वहीं एसएसपी जीतेंद्र राणा ने मामले की पूरी रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि अगर आरोपित दोषी पाया जाता है तो उसे फिर से हिरासत में लिया जायेगा.
इंस्पेक्टर एक स्टेशनरी दुकानदार को डरा-धमका कर 10 हजार रुपये घूस लेने के लिए पहुंचा था. डाकबंगला चौराहे पर सीसीटीवी कैमरा देख इंस्पेक्टर वहां से खिसकने लगा. लेकिन, दुपट्टा ओढ़े सादे वेश में मौजूद एसपी ने खदेड़ कर पकड़ लिया व कोतवाली थाना ले आया.
सिटी एसपी ने बताया कि इंस्पेक्टर के खिलाफ रिपोर्ट यूपी पुलिस के अधिकारियों को सौंपी जायेगी, जिसमें सारी बातों की जानकारी दी जायेगी. जीपीओ गोलंबर स्थित स्टेशनरी दुकान के मालिक पंकज कुमार व दीपक कुमार ने शिकायत की थी कि यूपी के क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर सर्वचंद्र अपने अन्य दो साथियों के साथ आये और 2012 में एक अपराधी को सिम कार्ड इश्यू करने के कारण जेल भेजनवाने की धमकी दे कर दस हजार घूस मांग रहे हैं. दुकानदार ने सिटी एसपी को इसकी जानकारी दी व कोतवाली थाने में शिकायत दी. दुकानदार ने उसे पैसा देने के लिए डाकबंगला चौराहे पर बुलाया. पैसा लेने वह अकेले पहुंचा था. उसके दोनों साथी वहां नहीं पहुंचे थे.
मामला सलटा लो, वरना परिणाम बुरा होगा
दुकानदार पंकज ने बताया कि आरोपित इंस्पेक्टर सर्वचंद्र व उसके दो अन्य सहयोगी शनिवार की रात सात बजे जीपीओ गोलंबर स्थित उसकी दुकान पर पहुंचे और एक मोबाइल नंबर की जानकारी दी. इंस्पेक्टर ने पूछा कि इस नंबर का सिम यहां से ही इश्यू हुआ है. उसने स्वीकार कर लिया कि उसकी दुकान से ही सिम इश्यू हुआ है. इसके बाद उन लोगों ने बताया कि जिस व्यक्ति के पास वह सिम है, वह अपराधी है और यूपी में बवाल किये हुए है. इस पर उसने कहा कि इसमें उसकी कहां गलती है, तो वे लोग अपशब्दों का प्रयोग करने लगे और जेल भिजवाने की धमकी देने लगे. इंस्पेक्टर के साथ रहे दो अन्य सहयोगियों ने कहा कि मामले को सलटा लो, नहीं तो परिणाम बुरा होगा.
15000 की मांग, 10000 पर फाइनल
इंस्पेक्टर व सहयोगियों द्वारा धमकी देने पर पंकज ने अपने बड़े भाई दीपक से उन लोगों की बात करायी, तो पता चला कि वे लोग 15 हजार रुपये घूस मांग रहे हैं. इतना पैसा देने से इनकार करने पर इंस्पेक्टर के सहयोगियों ने 10 हजार रुपये पर बात फाइनल करने की बात कही. दुकानदार ने बताया कि उन लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें और अंत में 10 हजार देने की बात उस समय स्वीकार कर ली.
उन लोगों ने शनिवार को ही नौ बजे रात में डाकबंगला चौराहे पर बैंक ऑफ बड़ौदा के नीचे पैसे लेकर आने को कहा और चले गये. लेकिन दुकानदार पैसे देने नहीं पहुंचे, तो उधर से उन लोगों ने राजस्थान होटल के कार्यालय से कई बार उनके मोबाइल पर फोन किया. दुकानदार ने फोन नहीं उठा कर बैक रिंग किया. इंस्पेक्टर के सहयोगी डांटने लगे और कहा कि वे सब रविवार को 10 बजे यूपी चले जायेंगे.
