– महानंदा नदी पर बना आरसीसी पुल 3 इंच धंसने से लगी है रोक – 2009 में पुल का हुआ था उद्घाटन, 15 साल बाद ही पुल धंसने की उच्च स्तरीय जांच की उठी मांग – पुल मरम्मति में एक महीने का लग सकता है समय प्राणपुर बिहार बंगाल को जोड़ने वाली एनएच 81 मुख्य सड़क महानंदा नदी पर बनी लाभा पुल तीन इंच धंसने से भारी वाहनों के आवागमन पर रोक लगा दी गयी है. जिसके कारण बिहार व पश्चिम बंगाल के बीच का व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इससे व्यवसायियों को प्रतिदिन नुकसान उठाना पड़ रहा है. विभागीय सूत्रों के अनुसार पुल की मरम्मति में एक माह का समय लग सकता है. यह पुल वर्ष 2029 में 15 वर्ष पूर्व इस पुल का उद्घाटन किया गया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण में अनियमितता के कारण ही मात्र 15 वर्षों में पुल का पाया तीन इंच तक धंस गया है. इस पुल के बनने से पटना व पश्चिम बंगाल के कोलकाता की दुरी तकरीबन 150 किलोमीटर घट गई थी. इस सड़क से पटना, बरौनी, बेगूसराय, खगड़िया, बंगाल, कुमेदपुर, हरिशचंद्रपुर, मालदा, कलिया चौक, फरक्का, रामपुर हाट, मुर्शिदाबाद एवं झारखंड सहित दर्जनों जिला के गिट्टी बालू, सिमेंट, खाद, वस्त्र, लोहा सहित दर्जनों सामग्री बड़े बड़े व्यवसायियों के द्वारा इस सड़क से आयात निर्यात किया करते थे. जिससे व्यवसायियों को लाखों का फायदा हो रहा था. इससे बिहार एवं पश्चिम बंगाल को राजस्व का लाभ मिल रहा था. बड़े व भारी वाहनों के परिचालन पर रोक से व्यवसायियों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. पुल के बीचों बीच जर्जर एवं तकरीबन तीन इंच धंसने से व्यवसायियों में मायूसी छाई हुई है. महानंदा पर बने लाभा पुल के जर्जर होने तथा तीन इंच धंसने की खबर से क्षेत्र में संवेदक के प्रति आक्रोश का माहौल व्याप्त है. विभाग की ओर से बैरिकटिंग लगा कर भारी वाहनों के आवगामन पर रोक लगा दी गई है. पुल की मरम्मति की जा रही है. राजद युवा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष चंदन यादव ने कहा कि 2009 में पुल का उद्घाटन हुआ था. 15 साल बाद पुल में आई दरार उच्च स्तरीय जांच किया जाय. पुल बनाने में घटिया सामग्री का उपयोग किया गया है. पुल निर्माण में काफी अनियमितता बरती गई है. जो भी दोषी हो उस पर कार्रवाई किया जाय. कहते हैं कार्यपालक अभियंता ————————————- राष्ट्रीय उच्च पथ के कार्यपालक अभियंता रजनीश कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि राष्ट्रीय उच्च पथ 81 के लाभा पुल के स्लैब में क्षतिग्रस्त हुआ है. वहां बैरियर लगा दिया गया है. दो-तीन दिन में स्लैब मरम्मती का काम शुरू कर दिया जायेगा.
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