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पाकिस्तानी परमाणु हथियारों से US को डरना चाहिए, पुतिन-बुश के बीच सालों पहले हुई बातचीत आई सामने

Vladimir Putin George Bush Transcript Pakistan Nuclear Weapon: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के साथ एक निजी बैठक में पाकिस्तान को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं. पुतिन ने कहा कि यह केवल परमाणु हथियारों से लैस एक जुंटा है. लोकतंत्र नहीं है, फिर भी पश्चिम इसे लेकर आलोचना नहीं करता. इस पर चर्चा होनी चाहिए.

Vladimir Putin George Bush Transcript Pakistan Nuclear Weapon: पाकिस्तान के परमाणु हथियार हमेशा अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और दक्षिण एशियाई स्थिरता के लिए चिंता का विषय रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 2001 में अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश के साथ एक निजी बैठक में पाकिस्तान को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त की थीं. पुतिन ने इसे “महज परमाणु हथियारों से लैस एक जुंटा” करार दिया और सवाल उठाया कि बिना लोकतंत्र वाले इस देश के परमाणु भंडार को लेकर पश्चिमी देशों की ओर से कोई गंभीर चिंता क्यों नहीं होती. यह बैठक 16 जून, 2001 को स्लोवेनिया में हुई थी, और हाल ही में इसकी ट्रांसक्रिप्ट सार्वजनिक की गई है.

पुतिन ने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार और राजनीतिक अस्थिरता क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा हैं, और इस पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान देना जरूरी है. जारी दस्तावेजों से यह भी सामने आया कि 2001 से 2008 के बीच रूस और अमेरिका के नेताओं ने पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को लेकर लगातार गंभीर चिंता जताई. ये दस्तावेज अमेरिका-रूस के उच्च-स्तरीय संवाद और परमाणु अप्रसार प्रयासों को दर्शाते हैं. पुतिन की चिंता भारत की पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़ी चिंताओं से भी मेल खाती है.

2001 से 2008 के बीच हुई बैठकों और फोन पर के दस्तावेज दिखाते हैं कि दोनों नेताओं ने परवेज मुशर्रफ के नेतृत्व वाले पाकिस्तान को परमाणु अप्रसार के संदर्भ में चुनौती के रूप में देखा. यह समय 9/11 हमलों के बाद था, जब अमेरिका और रूस आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ा रहे थे. नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव द्वारा जारी शब्दशः ट्रांसक्रिप्ट में पाकिस्तान के हथियारों के ईरान और उत्तर कोरिया तक फैलने के खतरे को लेकर गहरी चिंताएं देखी जा सकती हैं. ये दस्तावेज सूचना का अधिकार (FOIA) के तहत जारी किए गए.

16 जून, 2001 को स्लोवेनिया के ब्रदो कैसल में हुई बैठक में पुतिन ने पाकिस्तान की स्थिरता को लेकर अपनी तीखी चिंता जताई और बुश से कहा, “यह केवल परमाणु हथियारों से लैस एक जुंटा है. लोकतंत्र नहीं है, फिर भी पश्चिम इसे लेकर आलोचना नहीं करता. इस पर चर्चा होनी चाहिए.” यह बातचीत रणनीतिक स्थिरता, मिसाइल रक्षा, ईरान, उत्तर कोरिया और नाटो विस्तार जैसे मुद्दों के दौरान हुई. बुश ने रूस को “पश्चिम का हिस्सा और दुश्मन नहीं” बताया. बाद में बुश ने कहा कि उन्होंने पुतिन को भरोसेमंद पाया.

2005 के ट्रांसक्रिप्ट के अंश

पुतिन: लेकिन यह साफ नहीं है कि (ईरान की) प्रयोगशालाओं के पास क्या है और वे कहां हैं… पाकिस्तान के साथ सहयोग अब भी जारी है.

बुश: मैंने इस बारे में मुशर्रफ से बात की है. मैंने उनसे कहा कि हमें ईरान और उत्तर कोरिया को किए जा रहे ट्रांसफर को लेकर चिंता है. उन्होंने ए.क्यू. खान और उसके कुछ साथियों को जेल में डाला, फिर नजरबंद किया. हम जानना चाहते हैं कि उन्होंने क्या बताया. मैं मुशर्रफ को लगातार यह याद दिलाता रहता हूं. या तो उन्हें कुछ भी पता नहीं है, या फिर वे पूरी सच्चाई नहीं बता रहे हैं.

पुतिन: मेरी समझ से उन्होंने सेंट्रीफ्यूज में पाकिस्तानी मूल का यूरेनियम पाया है.

बुश: हां, वही जिसे ईरानियों ने आईएईए को बताना भूल गए थे. यह एक उल्लंघन है.

पुतिन: वह पाकिस्तानी मूल का था. यह मुझे परेशान करता है.

बुश: हमें भी यह परेशान करता है.

पुतिन: हमारे बारे में सोचिए.

बुश: हमें परमाणु हथियारों वाले ढेर सारे धार्मिक कट्टरपंथी नहीं चाहिए. ईरान में वही लोग देश चला रहे हैं.

George Bush And Vladimir Putin Talk Transcript 2
पुतिन और बुश के बीच बातचीत का ट्रांस्क्रिप्ट.

ए.क्यू. खान के प्रसार नेटवर्क पर बुश-पुतिन ने जताई थी चिंता

ट्रांसक्रिप्ट का अवर्गीकरण जॉर्ज वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी से जुड़े नेशनल सिक्योरिटी आर्काइव द्वारा किए गए FOIA मुकदमे के बाद हुआ. 2005 के इस ट्रांसक्रिप्ट के अंश में दोनों नेताओं ने ए.क्यू. खान के प्रसार नेटवर्क और पाकिस्तान के परमाणु प्रसार की चिंता व्यक्त की. पुतिन ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तानी मूल का यूरेनियम सेंट्रीफ्यूज में पाया, जिसे ईरान ने IAEA को रिपोर्ट नहीं किया. बुश ने भी इस पर चिंता जताई. यह बातचीत पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की कमान और नियंत्रण प्रणाली की कमजोरी को उजागर करती है. जारी दस्तावेज ने अमेरिका-रूस की उन उच्च-स्तरीय चर्चाओं की झलक दी है, जिन्होंने इराक युद्ध, नाटो विस्तार और मिसाइल रक्षा से पहले परमाणु अप्रसार पर सहयोग की दिशा तय की. 

भारत ने भी समय समय पर पाकिस्तान के उल्लंघन पर की है बात

पुतिन के विचार भारत की पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को लेकर पुरानी चिंताओं से मेल खाते हैं. मई में हुए संघर्ष के बाद, भारत ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाए और उन्हें अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की निगरानी में लाने की मांग की. ट्रांसक्रिप्ट में पुतिन की टिप्पणियां इन चिंताओं को और पुष्ट करती हैं. इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान की गुप्त परमाणु गतिविधियों, ए.क्यू. खान नेटवर्क और निर्यात नियंत्रण उल्लंघनों को लेकर भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय लंबे समय से सतर्क रहा है.

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Anant Narayan Shukla
Anant Narayan Shukla
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट. करियर की शुरुआत प्रभात खबर के लिए खेल पत्रकारिता से की और एक साल तक कवर किया. इतिहास, राजनीति और विज्ञान में गहरी रुचि ने इंटरनेशनल घटनाक्रम में दिलचस्पी जगाई. अब हर पल बदलते ग्लोबल जियोपोलिटिक्स की खबरों के लिए प्रभात खबर के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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