Ukraine War Trump Profit: यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध ने वैश्विक राजनीति और अर्थव्यवस्था में भूचाल ला दिया है. इस बीच अमेरिका की तरफ से भारत पर लाभ कमाने का आरोप लगाया गया था, जबकि खेल कुछ और था. वास्तविक मुनाफा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उठा रहे हैं. भारत, जो अपने ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक हितों को देखते हुए रूस से तेल खरीद रहा है, उसे अमेरिकी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, पाकिस्तान और चीन के लिए यह एक संदेश भी है कि वैश्विक युद्ध में आर्थिक और सुरक्षा रणनीति का लाभ उठाना किस हद तक महत्वपूर्ण हो सकता है ये अमेरिका को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता है.
Ukraine War Trump Profit in Hindi: ट्रंप हथियार व्यापार से 10 प्रतिशत कमाते हैं
यूक्रेन को हथियार सप्लाई करने के मामले में ट्रंप ने यूरोपीय देशों के जरिए 10 प्रतिशत प्रीमियम लेने का रास्ता अपनाया है. यूएस खजाना सचिव स्कॉट बेसेंट के अनुसार, ट्रंप युद्ध का फायदा अमेरिकी खजाने को भरने के लिए उठा रहे हैं. बेसेंट ने फॉक्स न्यूज को बताया, “हम यूरोपीय देशों को हथियार बेच रहे हैं, जो फिर उन्हें यूक्रेन को बेचते हैं, और राष्ट्रपति ट्रंप उस पर 10 प्रतिशत मार्जिन ले रहे हैं. शायद वही 10 प्रतिशत हवाई समर्थन की लागत को कवर कर दे.”
भारत पर अमेरिकी आरोप
बेसेंट ने भारत पर भी आरोप लगाया कि वह रूस से सस्ते तेल का लाभ उठाकर मुनाफा कमा रहा है. उन्होंने कहा, “इंडिया ने ‘इंडियन आर्बिट्रेज’ के जरिए 16 अरब डॉलर का अतिरिक्त मुनाफा कमाया है.” भारत की यह आर्थिक रणनीति कई देशों के लिए चिंता का विषय हो सकती है, लेकिन यह देश की ऊर्जा और आर्थिक सुरक्षा के लिहाज से अहम है.
यूक्रेन के हथियार सौदे में ट्रंप का निजी फायदा
यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने reportedly अमेरिका से 100 अरब डॉलर तक के हथियार खरीदने की पेशकश की है. इस सौदे में ट्रंप को 10 अरब डॉलर तक का निजी लाभ मिलने की संभावना है. इसके अलावा, अमेरिकी करों के माध्यम से भी अमेरिका को फायदा होगा. ट्रंप ने स्पष्ट किया कि वे अमेरिकी सैनिकों को यूक्रेन में शांति सेना के रूप में नहीं भेजेंगे, लेकिन हवाई सहायता देने के लिए अमेरिकी विमानों की तैनाती पर विचार कर सकते हैं. ये विमान यूक्रेन के पड़ोसी देशों, खासकर पोलैंड से ऑपरेशन कर सकते हैं. पोलैंड नाटो का सदस्य है और यहां अमेरिका और ब्रिटेन के लड़ाकू विमानों की मेजबानी होती रही है.
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आर्टिकल 5 सुरक्षा गारंटी और यूरोप का समर्थन
ट्रंप ने यह भी संकेत दिया कि वे यूरोपीय देशों के साथ मिलकर नाटो के बाहर यूक्रेन को आर्टिकल 5 जैसी सुरक्षा गारंटी देने पर विचार कर सकते हैं. आर्टिकल 5 नाटो का मुख्य सिद्धांत है, जिसमें किसी सदस्य देश पर हमला पूरे गठबंधन पर हमला माना जाता है और संयुक्त प्रतिक्रिया की अनुमति देता है.
वैश्विक स्तर पर युद्ध की स्थिति ने अमेरिका, भारत और यूरोप के हितों को स्पष्ट किया है. जहां भारत अपने आर्थिक और ऊर्जा हितों की रक्षा कर रहा है, वहीं ट्रंप ने निजी मुनाफा कमाने का अवसर साध लिया है. पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के लिए यह चेतावनी है कि वैश्विक युद्ध और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में केवल सैन्य शक्ति नहीं, बल्कि आर्थिक और रणनीतिक चालाकी भी निर्णायक हो सकती है.

