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रूसी आक्रमण के खिलाफ लड़ने को स्वदेश लौट रहे पुरुष, अब तक यूक्रेन से 3,68,000 लोग भागे

Russia-Ukraine War: संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि युद्ध की वजह से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या 3,68,000 हो गयी है.

जिनेवा/मेदिका: रूस-युक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बीच रूस की सेना से लड़ने के लिए यूक्रेन (Ukraine) के पुरुष अलग-अलग देशों से स्वदेश लौटने लगे हैं. वहीं, संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने कहा है कि युद्ध की वजह से 3.68 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर भाग गये हैं.

शरणार्थियों की संख्या अनुमान से डबल

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि युद्ध की वजह से पड़ोसी देशों में पहुंच रहे यूक्रेन के नागरिकों की संख्या 3,68,000 हो गयी है. संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी मामलों के उच्चायुक्त द्वारा रविवार को बतायी गयी शरणार्थियों की संख्या शनिवार के अनुमान की तुलना में दोगुने से भी अधिक है.

1.5 लाख नागरिक पोलैंड, हंगरी और रोमानिया भागे

शनिवार को एजेंसी ने अनुमान जताया था कि यूक्रेन के कम से कम 1,50,000 नागरिक भागकर पोलैंड और हंगरी तथा रोमानिया समेत अन्य देश चले गये हैं. प्रवक्ता क्रिस मीजर ने ट्विटर पर कहा कि पोलैंड-यूक्रेन क्रॉसिंग पर वाहनों की 14 किलोमीटर लंबी लाइन लगी नजर आयी.

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यूक्रेन छोड़ने वालों में अधिकतर महिलाएं और बच्चे

यूक्रेन छोड़कर भागने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं, जिन्हें रात भर ठंडे तापमान में लंबा इंतजार करना पड़ा. पोलैंड की सरकार ने शनिवार को कहा कि यूक्रेन के एक लाख से अधिक लोगों ने पिछले 48 घंटे में पोलैंड-यूक्रेन सीमा पार की है.

विदेश से यूक्रेन लौट रहे पुरुष

यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच हजारों लोग यूक्रेन छोड़ रहे हैं. वहीं, कुछ यूक्रेनी पुरुष और महिलाएं अपनी मातृभूमि की रक्षा में मदद करने के लिए पूरे यूरोप से स्वदेश लौट रही हैं. दक्षिण-पूर्वी पोलैंड के मेदिका सीमा चौकी पर ऐसे कई नागरिक रविवार तड़के यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए कतार में खड़े दिखे.

यूरोप से यूक्रेन लौट रहे लोग

यूक्रेन में प्रवेश करने के लिए चौकी पर खड़े यूक्रेन के करीब 20 ट्रक चालक के एक समूह के आगे खड़े मूंछ वाले एक व्यक्ति ने कहा, ‘हमें अपनी मातृभूमि की रक्षा करनी है. अगर हम नहीं करेंगे, तो और कौन करेगा.’ ये सभी यूरोप से यूक्रेन लौटे थे.

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रूसियों को डरना चाहिए, हमें डर नहीं

समूह में शामिल एक अन्य व्यक्ति ने कहा, ‘रूसियों को डरना चाहिए. हमें डर नहीं है.’ समूह के सदस्यों ने अपनी एवं परिवार की सुरक्षा के चलते अपना नाम बताने से इंकार कर दिया. 30 साल की एक महिला ने अपने उपनाम के बिना अपना नाम लीजा बताया.

पुरुष देश की रक्षा के लिए जायेंगे

महिला ले कहा, ‘मुझे डर है, लेकिन मैं एक मां हूं और अपने बच्चों के साथ रहना चाहती हूं. आप क्या कर सकते हैं? यह खतरे से भरा है, लेकिन मुझे करना होगा.’ एक अन्य युवती ने कहा कि वह भी अपने बच्चों की देखभाल करने के लिए लौट रही है, ताकि यूक्रेन के पुरुष देश की रक्षा के लिए जा सकें. उसने कहा, ‘हमें करना होगा, हम यूक्रेन के लोगों को अपने बच्चों को दूर ले जाना होगा, ताकि पुरुष लड़ सकें.’

Posted By: Mithilesh Jha

Prabhat Khabar Digital Desk
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