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यूक्रेन पीस प्लान पर ट्रंप के 28 पॉइंट फॉर्मूले से अमेरिका में ही घमासान! रूस की स्क्रिप्ट या यूएस की रणनीति? जानें पूरा मामला

Ukraine Peace Plan: यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर अमेरिका के 28 पॉइंट शांति प्रस्ताव पर अमेरिका के भीतर ही घमासान मच गया है. रूबियो, ट्रंप, जेडी वेंस और जेलेंस्की के बयान सामने आए हैं. जानिए पूरा मामला, विवाद और इस प्रस्ताव का जमीन पर क्या असर होगा.

Ukraine Peace Plan: यूक्रेन-रूस युद्ध को रोकने के लिए अमेरिका ने एक 28 पॉइंट का शांति प्रस्ताव तैयार किया है. लेकिन जैसे ही ये प्रस्ताव सामने आया, वाशिंगटन में ही घमासान मच गया. कुछ अमेरिकी सांसदों का कहना है कि ये प्लान असल में रूस की सोच है, जबकि अमेरिकी सरकार और विदेश मंत्री मार्को रूबियो इसे पूरी तरह अमेरिका का बनाया हुआ बता रहे हैं. द हिल की रिपोर्ट के मुताबिक, यह विवाद यहीं से शुरू हुआ. अमेरिका के दो सीनेटर माइक राउंड्स (साउथ डकोटा) और एंगस किंग (मेन) ने कहा कि विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने उनसे बातचीत में बताया था कि यह प्रस्ताव अमेरिका ने नहीं लिखा, बल्कि यह एक बिचौलिए के जरिए आया और यह रूस की इच्छा सूची जैसा है. लेकिन बाद में रूबियो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इन बातों को गलत बताया. उन्होंने लिखा कि यह योजना अमेरिका ने खुद बनाई है, और इसमें रूस और यूक्रेन दोनों की राय शामिल है.

विदेश विभाग की सफाई

इस मामले पर अमेरिकी विदेश विभाग के डिप्टी प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने भी बयान दिया. उन्होंने भी एक्स पर लिखा कि यह कहना कि अमेरिकी सरकार इस योजना के पीछे नहीं है, पूरी तरह गलत है. उनके मुताबिक यह योजना अमेरिका ने बनाई है और इसमें रूस और यूक्रेन दोनों की बातें ली गई हैं. इससे साफ है कि प्रशासन इस प्लान को अपना मानने पर अड़ा हुआ है. ये मामला सिर्फ विरोधी दल तक सीमित नहीं रहा. खुद ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन में भी दो राय बन गई हैं. सीनेटर मिच मैककोनेल और रॉजर विकर ने इस योजना की कड़ी आलोचना की. उनका कहना है कि इससे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को फायदा मिलेगा और ऐसा लगेगा कि अमेरिका यूक्रेन पर हुए हमले को इनाम दे रहा है.

Ukraine Peace Plan: प्लान में क्या है जो सबको खटक रहा है

द हिल के अनुसार इस प्रस्ताव में कहा गया है कि यूक्रेन के तीन बड़े इलाके क्रीमिया, लुहान्स्क और डोनेट्स्क को रूस के नियंत्रण में मान लिया जाए और अमेरिका भी इसे मान्यता दे. इसके बदले रूस को कहा गया है कि वह अपने 100 अरब डॉलर के जब्त किए गए पैसों को यूक्रेन के फिर से निर्माण में लगाए. लेकिन यूक्रेन इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं दिख रहा. अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इस शांति योजना के समर्थन में आए हैं. उन्होंने X पर लिखा कि जो लोग इस प्लान की आलोचना कर रहे हैं, वे या तो इसे ठीक से समझ नहीं पा रहे या वे ज़मीनी सच्चाई से दूर हैं. उनका कहना है कि शांति ऐसे नेताओं से नहीं आएगी जो सिर्फ सपनों की दुनिया में रहते हैं.

जेलेंस्की की चेतावनी

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन एक बहुत ही नाजुक दौर से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि देश के सामने दो ही रास्ते हैं या तो सम्मान खोने का खतरा उठाओ या फिर एक बड़े साथी देश को खोने का. उन्होंने साफ कहा कि या तो इस 28 पॉइंट के प्रस्ताव को अपनाना होगा या फिर एक बहुत मुश्किल सर्दी का सामना करना होगा. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उन्हें लगता है शांति का एक सही रास्ता निकल आया है. उन्होंने ये भी कहा कि अगर जेलेंस्की इस प्रस्ताव को मंजूरी देंगे, तभी यह आगे बढ़ेगा. सीएनएन के मुताबिक ट्रंप ने कहा कि वो भविष्यवाणी नहीं करना चाहते, लेकिन बातचीत सही दिशा में बढ़ रही है.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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