21.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

पुतिन ने थमाया ट्रंप को झुनझुना, बजाते पहुंचे अमेरिका! जानें बैठक की 6 बड़ी बातें और भारत पर असर

Trump Putin Meeting: अलास्का के Joint Base Elmendorf-Richardson में हुई ट्रंप-पुतिन बैठक तीन घंटे चली, लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकला. जानिए भारत पर इसके प्रभाव, अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक ऊर्जा बाजार पर असर.

Trump Putin Meeting: अलास्का के Joint Base Elmendorf-Richardson में शुक्रवार (15 अगस्त 2025) को ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ. शुरुआत में बैठक उत्साह और गर्मजोशी से भरी रही, लेकिन अंत में कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया. ट्रंप और पुतिन की आमने-सामने मुलाकात करीब तीन घंटे चली, लेकिन न तो युद्धविराम पर कोई सहमति बनी और न कोई ठोस समझौता निकला. ट्रंप झुनझुना बजाते खाली हाथ लौटे. आइए न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार समझते हैं कि ट्रंप-पुतिन शिखर सम्मेलन से क्या निकला. 

Trump Putin Meeting key Takeaways in Hindi: बैठक की 6 बड़ी बातें

बैठक के बाद दोनों नेताओं ने कोई समझौता या प्रगति के स्पष्ट क्षेत्रों का खुलासा नहीं किया. पुतिन ने कहा कि नेताओं ने “यूक्रेन में शांति की राह बनाने” पर सहमति बनाई, लेकिन ट्रंप ने साफ किया कि अभी भी कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर मतभेद हैं. उन्होंने कहा, “जब तक डील नहीं होगी, डील नहीं है.” संक्षिप्त संयुक्त बयान में दोनों नेताओं ने कुछ प्रगति की बात की, लेकिन उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि किन मुद्दों पर सहमति बनी और किन पर मतभेद हैं.

पढ़ें: Pakistan Tragedy: पाकिस्तान में मचा हाहाकार, 48 घंटे में 321 मौतें! लोग बोले–कयामत आ गई

पुतिन को दो बड़ी जीत

पुतिन ने बैठक से पहले ही जीत हासिल की थी. पश्चिमी देशों द्वारा वर्षों तक अलग-थलग किए जाने के बाद वे अमेरिका में पहली बार आए, रेड कार्पेट पर स्वागत हुआ और ट्रंप की सुरक्षा गाड़ी “बीस्ट” में बैठकर सम्मेलन स्थल तक आए. बैठक के बाद भी पुतिन किसी बड़ी शर्त पर समझौता किए बिना ही अमेरिका से लौटे. उन्होंने ट्रंप के साथ दोस्ताना व्यवहार बनाए रखा.

ट्रंप ने बैठक में पुतिन को प्राथमिकता दी और संयुक्त बयान में पहले पुतिन को बोलने दिया. पुतिन ने यूक्रेन युद्ध और उसके कारणों पर अपनी राय रखी, जबकि ट्रंप ने उनका विरोध नहीं किया. ट्रंप, जो लंबे समय से “मजबूत नेताओं” को पसंद करते हैं, ने बैठक में युद्धविराम की अपनी पूर्व मांग का उल्लेख नहीं किया.

ट्रंप को मिले अपने मुद्दों के मौके

हालांकि बैठक का कोई ठोस परिणाम नहीं निकला, लेकिन ट्रंप ने कुछ व्यक्तिगत लाभ हासिल किए. उन्होंने 2016 के चुनाव में रूस के कथित हस्तक्षेप पर अपने पुराने आरोपों को दोहराया और इसे “हॉक्स” बताया. पुतिन ने ट्रंप के इस कथन की पुष्टि की कि यदि ट्रंप 2022 में राष्ट्रपति होते, तो रूस का यूक्रेन पर हमला नहीं होता.

मीटिंग के दौरान पुतिन ने भविष्य में मास्को में मिलने का सुझाव दिया. ट्रंप ने इसे दिलचस्प बताया और माना कि भविष्य में यह संभव हो सकता है. इससे संकेत मिलता है कि ट्रंप रूस यात्रा के लिए खुले हैं.

जेलेंस्की को अभी भी शांति की प्रतीक्षा

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की इस बैठक से बाहर रहे और टीवी के माध्यम से इसे देखना पड़ा. ट्रंप ने कहा कि बैठक के बाद वे जेलेंस्की और NATO नेताओं से संपर्क करेंगे. फिलहाल यूक्रेन युद्ध में कोई ठोस शांति सुनिश्चित नहीं हुई है, और जेलेंस्की ने हाल ही में कहा कि रूस युद्ध जारी रख रहा है.

दी न्यू यौर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप-पुतिन की बैठक प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण रही, लेकिन वास्तविक परिणाम शून्य रहे. कोई समझौता नहीं हुआ, और रूस-यूक्रेन संकट पर स्थिति जटिल बनी हुई है. ट्रंप राजनीतिक लाभ तो ले गए, लेकिन शांति प्रक्रिया में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

ये भी पढ़ें: ट्रंप ने भी माना पाकिस्तान को पड़ी थी लात, ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने गिराए 6-7 प्लेन

Trump Putin Meeting in Hindi: भारत पर संभावित प्रभाव

अमेरिकी टैरिफ में राहत की संभावना: ट्रंप ने पहले भारत से आयातित वस्तुओं पर 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी. शिखर सम्मेलन के बाद संकेत मिले हैं कि यह निर्णय पुनर्विचार के दायरे में हो सकता है, जिससे भारत को व्यापारिक राहत मिल सकती है.

रूस से तेल आयात पर दबाव: भारत रूस का दूसरा सबसे बड़ा तेल ग्राहक है. बैठक के परिणामस्वरूप भारत को रूस से तेल आयात पर अप्रत्यक्ष दबाव का सामना करना पड़ सकता है.

वैश्विक ऊर्जा बाजार की अस्थिरता: शिखर सम्मेलन में कोई ठोस समाधान नहीं होने से निवेशकों में चिंता बढ़ी है. इससे वैश्विक ऊर्जा बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है, जिसका असर भारत के ऊर्जा आयात पर पड़ सकता है.

कूटनीतिक स्थिति में संतुलन की चुनौती: भारत ने हमेशा रूस और अमेरिका दोनों के साथ संतुलित कूटनीतिक संबंध बनाए रखे हैं. अब भविष्य में दोनों देशों के साथ संबंधों में नई रणनीति अपनाने की जरूरत हो सकती है.

ट्रंप-पुतिन की बैठक प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण रही, लेकिन वास्तविक परिणाम शून्य रहे. अमेरिका और रूस के बीच संघर्ष के समाधान में कोई ठोस कदम नहीं लिया गया, और भारत समेत वैश्विक बाजार पर इसके अप्रत्यक्ष प्रभाव की संभावना बनी हुई है.

Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel