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पाकिस्तान में सत्ता परिवर्तन से खुश ड्रैगन, कहा- शहबाज शरीफ चीन-पाक संबंधों के लिए इमरान खान से ‘बेहतर’

चीनी और पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना ​​है कि ठोस चीन-पाकिस्तान संबंध पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों को सुरक्षित रखने और विकसित करने के लिए पाकिस्तान में सभी दलों और सभी समूहों की संयुक्त सहमति है.

बीजिंग: चीन के सरकारी मीडिया ने रविवार को इमरान खान के सत्ता से हटने के बाद शहबाज शरीफ के नये प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं पर खुशी जाहिर की. चीनी मीडिया ने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच संबंध ‘इमरान खान के शासन काल से बेहतर’ हो सकते हैं.

सरकार द्वारा संचालित ‘ग्लोबल टाइम्स’ के एक लेख में कहा गया है कि सोमवार को संसद की बैठक के बाद तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज के नेतृत्व में पाकिस्तान में एक नयी सरकार बनने की संभावना है. लेख में कहा गया, ‘चीनी और पाकिस्तानी विश्लेषकों का मानना ​​है कि ठोस चीन-पाकिस्तान संबंध पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक परिवर्तन से प्रभावित नहीं होंगे, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों को सुरक्षित रखने और विकसित करने के लिए पाकिस्तान में सभी दलों और सभी समूहों की संयुक्त सहमति है.’

लेख में कहा गया, ‘खान का संभावित उत्तराधिकारी शरीफ परिवार से है, जो लंबे समय से चीन-पाकिस्तान संबंधों को बढ़ावा दे रहा है और दोनों देशों के बीच सहयोग खान की तुलना में भी बेहतर हो सकता है.’ साथ ही कहा गया कि पारंपरिक राजनीतिक दलों के तहत दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध बेहतर थे.

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सीपीईसी का इमरान खान ने किया था विरोध

नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार के तहत 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) का काम बेहतर ढंग से आगे बढ़ा. चीन को इमरान खान के बारे में आपत्ति थी, क्योंकि जब वह विपक्ष में थे, तो वह परियोजना के आलोचक थे. हालांकि बाद में वर्ष 2018 में पद संभालने के बाद वह इसके बड़े प्रशंसक बन गये.

आर्थिक स्थिति को बिगड़ने से बचाने में विफल रहे इमरान

सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान में अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने बताया कि पाकिस्तान में नवीनतम राजनीतिक परिवर्तन मुख्य रूप से राजनीतिक दल के संघर्ष और अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका के मुद्दों के कारण होता है. कियान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण, देश में कई लोगों का मानना है कि खान का प्रशासन आर्थिक स्थिति को बिगड़ने से रोकने में विफल रहा है.

Posted By: Mithilesh Jha

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