Pakistan US Relations: हाल ही में पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंध गहराते दिख रहे हैं. ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई नेताओं सहित पाकिस्तानी सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने अमेरिका के दौरे किए और लगातार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्रशंसा की. वहीं, एक तरफ पाकिस्तान अमेरिका का विश्वास हासिल करने की कोशिश कर रहा है, वहीं पूर्व पाक विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने अमेरिका के अपने देश के प्रति रवैये पर आपत्ति जताई है.
Pakistan US Relations in Hindi: हिना रब्बानी खार का बयान
हिना रब्बानी ने कहा कि अमेरिका को दक्षिण एशिया के प्रति अपनी राजनीतिक सोच पर पुनर्विचार करना चाहिए और पाकिस्तान को केवल भारत के संबंध के परिप्रेक्ष्य से नहीं देखना चाहिए. ‘जीजीरो’ मीडिया से बातचीत में हिना ने कहा कि मुझे लगता है कि अमेरिका अब पाकिस्तान को केवल भारतीय दृष्टिकोण से देख रहा है. अमेरिका को पाकिस्तान को भारत के दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए, जो पाकिस्तान के प्रति बहुत आक्रामक है.
हिना ने भारत पर उठाए सवाल
इस बातचीत में हिना रब्बानी खार ने भारत पर भी निशाना साधा. हिना ने कहा कि मई 2025 में पाकिस्तान पर हमला करके, भारत ने एक नया मापदंड स्थापित करने की कोशिश की है. यह पूरे क्षेत्र के लिए खतरनाक स्थिति बन सकता है. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया में लगातार आतंकवाद की घटनाएं हो रही हैं. ऐसी स्थिति में, किसी देश को किसी आतंकवादी घटना के मामले में दूसरे देश पर मिसाइल हमला करने का अधिकार नहीं है.
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ट्रंप और मुनीर की बैठक
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर को एक अनपेक्षित बैठक में आमंत्रित किया, जो न्यूक्लियर संपन्न दक्षिण एशियाई विरोधियों के बीच पिछले महीने हुए संघर्ष को रोकने के ट्रंप के दावे पर भारत के साथ असहमति बढ़ा सकता है. यह दोपहर का लंच बैठक पहली बार थी जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख को वरिष्ठ पाकिस्तानी सिविल अधिकारियों के बिना व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया. हालिया बढ़ते रिश्तों को देखें तो, दोनों नेताओं ने पाकिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों, विशेष रूप से तेल और खनिजों, पर चर्चा की और ट्रंप ने कहा भी था कि पाकिस्तान के पास खूब सारा तेल भंडार है और आगे चलकर भारत पाकिस्तान से तेल खरीद सकता है.
यह मुलाकात पाकिस्तान के बढ़ते राजनीतिक प्रभाव को दर्शाती है. अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ते व्यापारिक संबंधों में महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है पाकिस्तान के तेल भंडारों का दोहन. अमेरिका ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान और सिंध प्रांतों में स्थित तेल भंडारों की खोज और विकास में सहयोग की पेशकश की है. इसके अतिरिक्त, दोनों देशों के बीच खनिजों, क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल अवसंरचना के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने की योजना भी है.
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भारत तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा
हालांकि, इस बढ़ते सहयोग के बावजूद, भारत ने अमेरिका से स्पष्ट किया है कि वह पाकिस्तान के साथ तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी समझौते में अमेरिका की भूमिका नहीं होनी चाहिए. इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान और अमेरिका के बीच संबंधों में एक नई दिशा देखने को मिल रही है, जो क्षेत्रीय राजनीति और रणनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है.

