Pakistan PM Army Chief Meet Trump: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार उनका टारगेट कोई विवादित ट्वीट नहीं, बल्कि व्हाइट हाउस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनिर से मुलाकात रही. मुलाकात के पीछे कई राजनीतिक और आर्थिक मुद्दे जुड़े हैं, और इसे सिर्फ औपचारिक शिष्टाचार की बैठक मानना शायद अधूरा होगा.
Pakistan PM Army Chief Meet Trump: ट्रंप की तारीफों के पुल- ‘दोनों हैं शानदार नेता’
मुलाकात से पहले ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में शहबाज शरीफ और आसिम मुनिर की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा, “हमारे पास एक शानदार नेता आ रहे हैं, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और फील्ड मार्शल. दोनों ही बेहद बड़े लोग हैं, और शायद अभी यह लोग इसी कमरे में भी हों, मुझे पता नहीं, क्योंकि हम लेट हो गए हैं.” यह बयान सिर्फ शिष्टाचार नहीं लगता, बल्कि ट्रंप की पाकिस्तान के प्रति बदलती नजर को भी दिखाता है.
शहबाज शरीफ इस हफ्ते न्यूयॉर्क में हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आठ मुस्लिम देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ट्रंप से मिले थे. बैठक का मुख्य एजेंडा था गाजा में इस्राइल-हमास युद्ध को खत्म करने की रणनीति पर चर्चा करना.
अमेरिका-पाकिस्तान ट्रेड डील और तेल निवेश
यह मुलाकात अमेरिकी-पाकिस्तानी ट्रेड डील के कुछ ही समय बाद हुई. जुलाई में दोनों देशों ने समझौता किया था, जिसमें पाकिस्तान के अब तक अनछुए तेल संसाधनों में अमेरिकी निवेश बढ़ाने और पाकिस्तान पर टैरिफ कम करने का लक्ष्य रखा गया. ट्रंप और पाकिस्तान के रिश्तों में अचानक गर्मजोशी की वजह है कि ट्रंप ने पहले पाकिस्तान को “आतंकवाद का सुरक्षित ठिकाना” कहा था. दिलचस्प है कि हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित भी किया.
भारत-पाक तनाव में ट्रंप की भूमिका
ट्रंप अक्सर दावा करते रहे हैं कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव कम करने में मदद की. खासकर भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, जो 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुआ था. इस ऑपरेशन में भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान-निर्धारित जम्मू-कश्मीर में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया और आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया.
हालांकि नई दिल्ली ने किसी तीसरे पक्ष की भूमिका को स्वीकार नहीं किया और कहा कि सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दे केवल द्विपक्षीय स्तर पर हल होने चाहिए. ट्रंप ने मई 10 से बार-बार दावा किया कि अगर दोनों देश तनाव कम करेंगे, तो अमेरिका “महत्वपूर्ण व्यापार” करेगा. भारत ने इसे ठुकरा दिया और स्पष्ट किया कि वास्तविकता यह है कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने सीधे अपने न्यू दिल्ली समकक्ष से संपर्क कर संघर्ष रोकने की अपील की.
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क्यों है यह मुलाकात महत्वपूर्ण?
ट्रंप की पाकिस्तान के साथ बढ़ती दोस्ती, सेना प्रमुख के नोबेल पुरस्कार नामांकन और अमेरिका-पाकिस्तान ट्रेड डील के बीच यह मुलाकात दक्षिण एशियाई राजनीति में नया ड्रामा पैदा कर रही है. व्हाइट हाउस से निकलते ही इस मुलाकात के राजनीतिक और आर्थिक निहितार्थों पर हर नजर टिक गई है.

