Pakistan Peshawar Blast: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर में फेडरल कॉन्स्टेबुलरी (एफसी) के मुख्यालय पर हुए आत्मघाती हमला हो गया. पाकिस्तान के अखबार डॉन के मुताबिक सोमवार सुबह पुलिस बल के मुख्यालय पर हमला हुआ. इस फिदायीन हमले में दो लोगों के मारे जाने की सूचना है. हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है. पुलिस अधिकारियों ने सोमवार को डॉन से बात करते हुए हमले की पुष्टि की. पेशावर के कैपिटल सिटी पुलिस ऑफिसर (सीसीपीओ) डॉ. मियां सईद अहमद ने बताया कि एफसी मुख्यालय पर हमला हुआ है. सुरक्षा बल जवाबी कार्रवाई कर रहे हैं और पूरे क्षेत्र की घेराबंदी की जा रही है.
सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, हमलावर ने एफसी मुख्यालय के मुख्य द्वार पर खुद को उड़ा लिया. धमाके के तुरंत बाद इलाके में फायरिंग की आवाजें भी सुनी गईं. सूत्रों ने बताया कि दो आतंकवादियों को मार गिराया गया है, जबकि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल को पूरी तरह सील कर दिया है. इस हमले के बाद रुक-रुक कर गोलीबारी की भी आवाजें आ रही थीं. घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने वीडियो रिकॉर्ड किए हैं, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
पिछले दिनों में हमलों में आई तेजी
पाकिस्तान हाल में आतंकवादी गतिविधियों में तेज उछाल देख रहा है, विशेष रूप से खैबर पख्तूनख्वा (केपी) और बलूचिस्तान में. नवंबर 2022 में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) द्वारा सरकार के साथ युद्धविराम तोड़ने और सुरक्षा बलों व पुलिस को निशाना बनाने की धमकी के बाद देश में आतंकवाद लगातार बढ़ा है. इसी साल सितंबर में केपी के बन्नू जिले में एफसी मुख्यालय पर हुए एक बड़े हमले को सुरक्षा बलों ने नाकाम किया था, जिसमें छह सैनिक शहीद हो गए थे और पाँच आतंकी मारे गए थे.
सीजफायर समाप्त होने के बाद बढ़े हमले
पाकिस्तान में सुरक्षा बलों ने इस हमले के बाद सर्च अभियान तेज कर दिए हैं. मामले को कंट्रोल करने के लिए इलाके की घेराबंदी कर दी गई है. अभी तक किसी भी ग्रुप ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है. अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर बुलाया गया है. लोगों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. इस क्षेत्र में हमले में पिछले दिनों बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसके पीछे नवंबर 2022 में टीटीपी (तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान) का सरकार के साथ खत्म हुआ सीजफायर भी है. उसने रक्षा बलों, पुलिस और अन्य एजेंसियों पर हमलों की धमकी दी थी.
पाकिस्तान का यह क्षेत्र आतंकवाद के केंद्र में रहा है. इस क्षेत्र में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) सक्रिय रही है. इसके संबंध अफगानिस्तान से भी रहे हैं, जिसकी वजह से पिछले दिनों दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बन गए थे. गौरतलब है हालिया हमला, जिस नागरिक अर्धसैनिक बल हमला हुआ है, इसका पहले नाम फ्रंटियर कॉन्स्टेबुलरी था, जिसे सरकार ने जुलाई में बदलकर अब फेडरल कॉन्स्टेबुलरी कर दिया है. इसका मुख्यालय एक घनी आबादी वाले क्षेत्र में स्थित है, जो सैन्य कैंटोनमेंट के बेहद करीब है, ऐसे में इस तरह के हमले ने सुरक्षा जोखिम और बढ़ा दिया है. फिलहाल पुलिस ने इस घटना में कितने लोग मारे गए हैं, इसकी पूरी जानकारी साझा नहीं की है.
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