Nigeria School Kidnapping: नाइजीरिया इन दिनों एक बार फिर बड़े अपहरण की खबरों से घिरा हुआ है. हालात ऐसे हैं कि लोगों को 2014 की वह चिबोक घटना याद आ रही है, जब सैकड़ों लड़कियों को बोको हराम उठा ले गया था. अब नवंबर में हुए एक और बड़े अपहरण के बाद 100 बच्चों की रिहाई की पुष्टि हुई है, लेकिन बाकी 165 छात्रों और स्कूल स्टाफ का कोई पता नहीं है. यह पूरे देश की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.
Nigeria School Kidnapping in Hindi: कैसे हुआ था अपहरण?
नवंबर में नाइजर राज्य के सेंट मैरी को-एजुकेशनल बोर्डिंग स्कूल से बंदूकधारियों ने 315 छात्रों और स्टाफ को अगवा कर लिया था. थोड़ी देर बाद करीब 50 लोग खुद निकलकर भाग आए, लेकिन 265 लोगों को बंधक माना जा रहा था. रविवार को खबर आई कि 100 बच्चों को रिहा करा लिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के एक सूत्र ने एफपी को बताया कि इन बच्चों को सोमवार को नाइजर राज्य सरकार को सौंपा जाएगा. हालांकि, स्कूल चलाने वाली कॉन्टागोरा डायोसीज़ के प्रवक्ता डेनियल अटोरी ने कहा है कि उन्हें अभी तक इसकी आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है. उन्होंने कहा कि अगर यह सच है तो यह अच्छी खबर है, लेकिन हमें सरकार से आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता संडे डेयर ने भी एफपी को इन 100 बच्चों की रिहाई की पुष्टि की है. लेकिन अभी तक यह साफ नहीं है कि रिहाई बातचीत से हुई या किसी सैन्य कार्रवाई के जरिए.
Nigeria School Kidnapping in Hindi: नाइजीरिया की सुरक्षा चुनौती
नाइजीरिया कई तरह की सुरक्षा समस्याओं से एक साथ जूझ रहा है. उत्तर-पूर्व में जिहादी संगठन सक्रिय हैं. उत्तर-पश्चिम में बैंडिट गिरोह अपहरण और लूट को धंधा बना चुके हैं. देश के बीच वाले हिस्सों में किसान और चरवाहों के बीच जमीन और संसाधनों को लेकर लगातार संघर्ष होता रहता है. दक्षिण-पूर्व में अलगाववादी समूह छोटी-बड़ी हिंसा की घटनाएं करते रहते हैं. इन सबके चलते स्कूलों पर हमले और अपहरण करने वालों के हौसले और बढ़ गए हैं.
अमेरिका का दबाव और ट्रंप के बयान
इन घटनाओं के बीच अमेरिका का कूटनीतिक दबाव भी बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आरोप लगाया था कि नाइजीरिया में ईसाइयों की बड़ी संख्या में हत्या हो रही है और इसे उन्होंने जनसंहार की तरह बताया. ट्रंप ने यहां तक कहा कि अमेरिका इसे रोकने के लिए सैन्य कदम भी उठा सकता है. हालांकि, नाइजीरिया की सरकार और कई स्वतंत्र विश्लेषकों ने इस दावे को गलत बताया है. उनके मुताबिक यह मुद्दा अक्सर अमेरिका और यूरोप के कुछ ईसाई संगठनों में राजनीतिक रूप से इस्तेमाल किया जाता है.
अपहरण अब ‘धंधा’: एक साल में 1.66 मिलियन डॉलर की कमाई
लागोस की SBM Intelligence की ताजा रिपोर्ट बताती है कि जुलाई 2024 से जून 2025 के बीच सिर्फ फिरौती के जरिए 1.66 मिलियन डॉलर कमाए गए. यानी अब अपहरण नाइजीरिया में एक लाभ कमाने वाली इंडस्ट्री की तरह काम कर रहा है, जिसमें सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों और आम लोगों को झेलना पड़ रहा है. 100 बच्चों का वापस आना राहत की बात है, लेकिन 165 बच्चे और स्कूल स्टाफ अभी भी अपहरणकर्ताओं के कब्जे में हैं. सरकार, सेना और स्थानीय प्रशासन कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हालात बताते हैं कि नाइजीरिया को अपहरण की इस “इंडस्ट्री” को खत्म करने के लिए बड़े और कड़े कदम उठाने होंगे. फिलहाल परिवारों की सबसे बड़ी उम्मीद यही है कि बाकी सभी बच्चे भी सुरक्षित वापस लौट आएं.
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