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बांग्लादेश में बूढ़ी ब्रह्मपुत्र नदी पर ड्रेजर कार्य का मंत्री खालिद महमूद चौधरी ने किया उद्घाटन, …पढ़ें भारत को क्या होगा फायदा

ढाका : बांग्लादेश से जल वहन को मजबूत करने के लिए दस हजार किलोमीटर नदी मार्गों में खुदाई करने का फैसला किया है. बांग्लादेश के नौवहन राज्यमंत्री खालिद महमूद चौधरी ने शनिवार को कहा कि नदी ड्रेजिंग देश भर में शिपिंग व्यापार का निर्माण करेगी. रोजगार होगा, बेरोजगारी समाप्त होगी और कृषि पर निर्भर गतिविधियां बढ़ेंगी. यात्रियों और माल की सस्ती कीमतों पर ढुलाई आसान हो जायेगी. राज्यमंत्री चौधरी शनिवार को शेरपुर में ब्रह्मपुत्र नदी मार्गों की खुदाई के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

ढाका : बांग्लादेश से जल वहन को मजबूत करने के लिए दस हजार किलोमीटर नदी मार्गों में खुदाई करने का फैसला किया है. बांग्लादेश के नौवहन राज्यमंत्री खालिद महमूद चौधरी ने शनिवार को कहा कि नदी ड्रेजिंग देश भर में शिपिंग व्यापार का निर्माण करेगी. रोजगार होगा, बेरोजगारी समाप्त होगी और कृषि पर निर्भर गतिविधियां बढ़ेंगी. यात्रियों और माल की सस्ती कीमतों पर ढुलाई आसान हो जायेगी. राज्यमंत्री चौधरी शनिवार को शेरपुर में ब्रह्मपुत्र नदी मार्गों की खुदाई के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.

जहाजरानी मंत्रालय के वरिष्ठ सूचना अधिकारी मोहम्मद जहांगीर आलम खान के मुताबिक, खालिद महमूद चौधरी ने कहा कि राष्ट्रपिता बंगबंधु की बेटी प्रधानमंत्री देशरत्न शेख हसीना ने सौ साल पुरानी नदी को वापस लाने का वादा किया था. इसलिए देश भर में 10,000 किलोमीटर जलमार्ग खोदा जायेगा. वहीं, राज्य मंत्री मुजीब ने बूढ़ी ब्रह्मपुत्र नदी पर 226 किलोमीटर जलमार्ग की खुदाई में स्थानीय लोगों का सहयोग मांगा. उन्होंने कहा कि नदी की खुदाई से जमालपुर-शेरपुर जिले के साथ क्षेत्र में समुद्री व्यापार में वृद्धि होगी.

राज्यमंत्री ने बूढ़ी ब्रह्मपुत्र नदी पर ड्रेजर कार्य का उद्घाटन किया. बूढ़ी ब्रह्मपुत्र नदी के शेरपुर खंड में 18 किमी की ड्रेजिंग की जायेगी. इस पर 179 करोड़ 22 लाख रुपये खर्च होंगे. परियोजना का काम जून 2024 में समाप्त होगा. परियोजना के पूर्ण होने से कार्गो और यात्री जहाज पूरे वर्ष आसानी से और सुरक्षित रूप से चलने में सक्षम होंगे. कृषि कार्य में सिंचाई और मछली पालन सहायक होगा.

मालूम हो कि वर्तमान अवामी लीग सरकार ने 10,000 किलोमीटर के जलमार्ग को सूखा कर नौसैनिक क्षमता को बहाल करने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया है. नौसेना की सुरक्षा के अलावा, कैपिटल ड्रेजिंग ने अंतर्देशीय जलमार्गों को बहाल करने के लिए ”पूरे वर्ष में पुराने ब्रह्मपुत्र, धारला, तुलाई और पुनर्भाबा की नवग्यता की विकास और पुनर्स्थापना” परियोजना शुरू की है.

भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्देशीय और तटीय जलमार्ग संपर्क बढ़ाने के हुए हैं कई महत्वपूर्ण समझौते, होंगे कई फायदे

भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार और जहाजों के आवागमन के लिए दोनों देशों के बीच अंतर्देशीय तथा तटीय जलमार्ग संपर्क बढ़ाने के संबंध में कई महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं. मंत्री ने फरवरी में संसद में बताया था कि भारत-बांग्लादेश नदी समझौते के तहत 470 किलोमीटर लंबे नदी मार्गों में खुदाई कार्य शुरू हो चुका है. इस पर आनेवाला खर्च भारत और बांग्लादेश संयुक्‍त रूप से वहन करेंगे.

भारत और बांग्लादेश के बीच समझौते पर भारत से नौवहन सचिव श्री गोपाल कृष्ण और बांग्लादेश में समकक्ष मोहम्मद अब्दुस्समद ने हस्ताक्षर किये थे. समझौते के तहत बांग्लादेश में चट्टोग्राम और मोन्गला गोदियों को भारत से आनेवाले और भारत को भेजे जानेवाले सामान के आवागमन के लिए इस्तेमाल किया जायेगा. साथ ही यात्रियों के आने-जाने और नौवहन सेवाओं के लिए भी एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) पर भी हस्ताक्षर किये गये हैं. संभावना है कि नदी के रास्ते नौवहन सेवाएं कोलकाता-ढाका-गुवाहाटी-जोरहट के बीच शुरू की जायेगी.

इसके अलावा भगीरथी नदी पर जांगीपुर नौवहन क्षेत्र को दोबारा खोला जा सकता है. यह भारत और बांग्लादेश के बीच फरक्का में गंगा का पानी साझा करने संबंधी संधि के प्रावधानों के अनुरूप होगा. दोनों पक्षों ने जोगीघोपा के विकास के प्रति भी सहमति जता चुके हैं. इसके तहत जोगीघोपा को असम, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड और भूटान के लिए सामान के आवागमन के संबंध में टर्मिनल के रूप में इस्तेमाल किया जाना है.

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