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इस मुस्लिम देश में बिना हिजाब के दौड़ी महिलाएं, मैराथन कराने वाले आयोजक गिरफ्तार

Iran Women Run Marathon Without Hijab: ईरान के किश द्वीप पर मैराथन में बिना हिजाब दौड़ने वाली महिलाओं की तस्वीरें वायरल होने के बाद दो आयोजकों की गिरफ्तारी हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकारियों ने इसे सार्वजनिक शिष्टता का उल्लंघन बताया, जबकि कई लोग इसे महिलाओं की आजादी की मांग से जोड़कर देख रहे हैं.

Iran Women Run Marathon Without Hijab: किश द्वीप पर एक मैराथन हुई. आम तौर पर खेल की खबरें खुशी और जोश से भरी होती हैं, लेकिन ईरान में यह दौड़ एक बड़े विवाद में बदल गई. वजह थी कि कई महिलाएं बिना हिजाब के दौड़ती दिखीं. सोशल मीडिया पर तस्वीरें फैलीं और उसके बाद ईरान की न्यायपालिका ने कड़ा कदम उठाया. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार को इस मैराथन के दो आयोजकों को गिरफ्तार कर लिया गया. यह मैराथन शुक्रवार को ईरान के किश द्वीप पर हुई. यहां करीब 2,000 महिलाएं और 3,000 पुरुष अलग-अलग श्रेणियों में दौड़ में शामिल हुए. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिलाओं को लाल टी-शर्ट दी गई थी, लेकिन कई महिलाएं बिना हिजाब या सिर पर किसी कपड़े के दौड़ती नजर आईं. तस्वीरें ऑनलाइन आते ही मामला भड़क गया.

Iran Women Run Marathon Without Hijab in Hindi: किसे गिरफ्तार किया गया?

मिजान ऑनलाइन (ईरानी न्यायपालिका की वेबसाइट) ने बताया कि दो मुख्य आयोजकों की गिरफ्तारी हुई है. एक आरोपी किश फ्री जोन का अधिकारी है. दूसरा उस निजी कंपनी का कर्मचारी है जिसने यह मैराथन आयोजित की थी. दोनों को कोर्ट से जारी किए गए वारंट के आधार पर पकड़ा गया. इस घटना पर ईरान में दो तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आईं. कई लोग, खासकर वे जो ईरान में महिलाओं की आजादी की मांग करते हैं, इन तस्वीरों को एक तरह की बगावत या प्रतिरोध के रूप में देख रहे हैं. उनकी नजर में यह साफ संदेश है कि ईरानी महिलाएं अब भी ड्रेस कोड वाले नियमों को खुलकर चुनौती दे रही हैं.

दूसरी तरफ, ईरानी अधिकारियों ने इसे कानून को चुनौती बताया. फ्रांस24 रिपोर्ट के अनुसार, किश के स्थानीय अभियोजक ने कहा कि मैराथन देश के मौजूदा कानूनों, नियमों और धार्मिक-सामाजिक सिद्धांतों का उल्लंघन है. उन्होंने इसे सार्वजनिक शिष्टता का उल्लंघन भी कहा और आयोजकों के खिलाफ सख्ती दिखाई.

महसा अमीनी की याद क्यों आई?

इस विवाद ने तीन साल पहले की उस घटना की याद दिला दी जिसने पूरे ईरान को हिला दिया था. 22 वर्षीय महसा अमीनी को ड्रेस कोड का उल्लंघन करने पर हिरासत में लिया गया था और वहीं उसकी मौत हो गई. इसके बाद देशभर में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए.सरकार ने भारी बल प्रयोग कर इन्हें दबा दिया, लेकिन आज भी कई ईरानी महिलाएं खुले तौर पर हिजाब नियमों का विरोध करती हैं. किश मैराथन में महिलाओं की तस्वीरें इसी पृष्ठभूमि में और ज्यादा संवेदनशील मानी गईं.

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Govind Jee
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गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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