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बर्लिन में बोले पीएम मोदी- इंडिया इज गोइंग ग्लोबल, भारतीय बोले- 2024, मोदी वंस मोर

PM Modi in Berlin: आज विश्व में गेहूं की कमी का सामना दुनिया कर रही है. फूड सिक्यूरिटी को लेकर दुनिया भर के देश चिंतित हैं. उस समय हिंदुस्तान का किसान दुनिया का पेट भरने के लिए आगे आ रहा है.

PM Modi in Berlin: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंडिया इज गोइंग ग्लोबल. कोरोना के इसी काल में भारत ने विश्व के 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाइयां भेजकर अनेको जिंदगी बचाने में मदद की. उन्होंने का कि जब भारत को कोविड की वैक्सीन बनाने में सफलता मिली, तो हमने अपने वैक्सीन से 100 देशों की मदद की. पीएम ने कहा कि आज का ताजा खबर-रुकावट के लिए खेद है. आज विश्व में गेहूं की कमी का सामना दुनिया कर रही है. फूड सिक्यूरिटी को लेकर दुनिया भर के देश चिंतित हैं. उस समय हिंदुस्तान का किसान दुनिया का पेट भरने के लिए आगे आ रहा है. पीएम मोदी सोमवार (2 मई 2022) की रात को बर्लिन में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे. बर्लिन में जब भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए पीएम मोदी मंच पर आये, तो वहां मौजूद जनमानस ने ‘2024, मोदी वंस मोर’ के नारे लगाये.

पीएम ने कहा कि जब भी मानवता के सामने कोई संकट आता है, भारत सॉल्यूशन के साथ सामने आता है. जो संकट लेकर आते हैं, संकट उनको मुबारक, सॉल्यूशन हम लाते हैं. दुनिया जय-जयकार करती है. यही नया भारत है. यही नये भारत की ताकत है. पीएम ने कहा कि आपमें से जो लोग वर्षों से भारत नहीं गये, शर्मिंदगी महसूस न करो. उनको जरूर लगता होगा कि ये हुआ कैसे? इतना बड़ा परिवर्तन आया कैसे? उन्होंने कहा कि मोदी ने कुछ नहीं किया, 130 करोड़ देशवासियों ने किया है.

पीएम मोदी ने का कि ग्लोबल होते भारत में आपका योगदान भी बहुत अहम होने वाला है. आज भारत में लोकल के प्रति जो क्रेज पैदा हुआ है, वह वैसा ही है, जैसा आजादी के आंदोलन के समय स्वदेशी के लिए पैदा हुआ था. अरसे तक हमने देखा कि लोग बताते थे कि ये चीज हमने उस देश से खरीदी है, वो चीज उस देश से खरीदी है. लेकिन, आज भारत के लोगों में स्वदेशी को लेकर गर्व की अनुभूति होती है. इसलिए मैं कहता हूं- वोकल फॉर लोकल.

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पीएम मोदी ने इससे पहले कहा कि 1 वोट की ताकत का एहसास लोगों को अब होने लगा है. सकारात्मक बदलाव और तेज विकास की आकांक्षा ही थी कि वर्ष 2014 में भारत की जनता ने पूर्ण बहुमत वाली सरकार चुनी. 30 साल बाद ऐसा हुआ. ये भारत की महान जनता की दूरदृष्टि है कि वर्ष 2019 में उसने देश की सरकार को पहले से भी ज्यादा मजबूत बना दिया.

पीएम मोदी ने कहा कि भारत को चौतरफा आगे बढ़ाने के लिए जिस तरह की निर्णायक सरकार चाहिए, वैसी सरकार को ही भारत की जनता ने सत्ता सौंपी है. पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं जानता हूं कि उम्मीदों का कितना बड़ा आसमान हमसे जुड़ा हुआ है. मैं ये भी जानता हूं कि मेहनत की पराकाष्ठा से खुद को खपाकर कोटि-कोटि भारतीयों के सहयोग से, उनके नेतृत्व में भारत नयी ऊंचाई पर पहुंच सकता है.’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब समय नहीं गंवायेगा. आज वक्त क्या है, इस वक्त का सामर्थ्य क्या है और इसी वक्त में पाना क्या है, वह हिंदुस्तान भली-भांति जानता है. उन्होंने कहा कि साथियों इस साल हम अपने आजादी का 75वां वर्ष मना रहे हैं. मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जो आजाद हिंदुस्तान में पैदा हुआ. भारत जब अपनी आजादी के 100 वर्ष मनायेगा, उस समय देश जिस ऊंचाई पर होगा, उस लक्ष्य को लेकर आज हिंदुस्तान मजबूती के साथ एक के बाद एक कदम रख रहा है. तेज गति से बढ़ रहा है.

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नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में ना कभी साधनों की कमी रही, न ही संसाधनों की कमी रही. आजादी के बाद देश ने एक मार्ग तय किया. एक दिशा तय की, लेकिन समय के साथ जो बहुत सारे परिवर्तन होने चाहिए थे, जिस तेजी से होने चाहिए थे, जितने व्यापक होने चाहिए थे, नहीं हुआ. किसी न किसी कारण से हम कहीं पीछे छूट गये. उन्होंने का कि विदेशी हुकूमत ने भारतीयों का साल दर साल जो आत्मविश्वास कुचला था, उसकी भरपाई का एक ही उपाय था, फिर से एक बार भारत के जन-जन में आत्मविश्वास भरना. आत्मगौरव भरना. और उसके लिए सरकार के प्रति भरोसा बनना बहुत जरूरी था.

पीएम मोदी ने कहा कि अंग्रेजों की परंपरा की बदौलत सरकार और जनता के बीच में एक भरोसे की बहुत बड़ी खाई थी. पीएम ने कहा कि जहां जरूरत हो, वहां सरकार का अभाव नहीं होना चाहिए. लेकिन, जहां जरूरत न हो, वहां सरकार का प्रभाव भी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश आगे बढ़ता है, जब देश के लोग जनता-जनार्दन स्वयं उसके विकास का नेतृत्व करते हैं. देश आगे बढ़ता है, जब देश के लोग आगे आकर उसकी दिशा तय करते हैं.

पीएम ने कहा कि आज के भारत में सरकार नहीं, मोदी नहीं, बल्कि देश की कोटि-कोटि जनता ड्राइविंग सीट पर बैठी है. इसलिए हम देश के लोगों के जीवन से सरकार का दबाव भी हटा रहे हैं और सरकार का बेवजह का दखल भी समाप्त कर रहे हैं. हम रिफॉर्म करते हुए देश को ट्रांसफॉर्म कर रहे हैं. पीएम ने कहा कि मैं हमेशा कहता हूं कि रिफॉर्म के लिए पॉलिटिकल विल चाहिए. परफॉर्म के लिए गवर्नमेंट मशीनरी का इस्टैब्लिशमेंट चाहिए और ट्रांसफॉर्म के लिए जनता की भागीदारी चाहिए. तब जाकर गाड़ी आगे बढ़ती है.

उन्होंने कहा कि आज भारत ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ मोबिलिटी, क्वालिटी ऑफ ट्रावेल, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, क्वालिटी ऑफ प्रोडक्ट, हर क्षेत्र में नये आयाम स्थापित कर रहा है. पीएम ने कहा कि वही देश है, जिसे आप छोड़कर यहां आये थे. देश वही है, ब्यूरोक्रेसी भी वही है, दफ्तर भी वही हैं, टेबल, कलम और फाइल वही हैं. वही सरकारी मशीनरी है, लेकिन अब नतीजे बहुत बेहतर मिल रहे हैं. उन्होंने का कि 2014 से पहले जब भी मैं आप जैसे लोगों से बात करता था, बहुत बड़ी शिकायत रहती थी- जहां भी जाओ, लिखा होता था – वर्क इन प्रोग्रेस. उन्होंने कहा कि बजट खत्म हो जाता था, काम खत्म नहीं होता था.

पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान बनाया

पीएम मोदी ने कहा कि हमने पीएम गति शक्ति मास्टर प्लान बनाया. चारों ओर उसकी तारीफ हो रही है. कहा कि इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हर क्षेत्र को हमने एक प्लेटफॉर्म पर ला दिया है. नयी एप्रोच ने विकास के काम को गति दी है. आज भारत की जो सबसे बड़ी ताकत है, वो है- स्कोप, स्पीड और स्केल. भारत में नयी शिक्षा नीति को लागू करने के लिए सहमति का एक वातावरण बना है, तो स्वास्थ्य नीति पर काम चपल रहा है.

भारत में तेजी से एयरपोर्ट्स बनाये जा रहे हैं

भारत में रिकॉर्ड संख्या में एयरपोर्ट्स बनाये जा रहे हैं. छोटे-छोटे शहरों को इससे जोड़ा जा रहा है. भारत में मेट्रो कनेक्टिविटी पर जितना काम आज हो रहा है, पहले कभी नहीं हुआ. आज रिकॉर्ड संख्या में मोबाइल टावर लग रहे हैं. 5जी भारत में दस्तक दे रहा है. रिकॉर्ड संख्या में गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जा रहा है.

भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी जितना फास्ट, उतना ही सस्ता

भारत में जितनी फास्ट इंटरनेट कनेक्टिविटी है, उतना ही सस्ता है. बहुत से देशों के लिए यह अकल्पनीय है. पिछले साल पूरी दुनिया में हुए रियलटाइम डिजिटल पेमेंट्स में से 40 फीसदी भागीदारी भारत की है. उन्होंने कहा कि भारत में अब ट्रैवल करते समय कहीं आते-जाते समय जेब में कैश लेकर चलने की मजबूरी करीब-करीब खत्म हो चुकी है. दूर-सुदूर के गांव तक भी.

10 हजार सरकारी सेवाएं ऑनलाइन

भारत में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और लोकल सरकार की 10 हजार सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध हैं. सरकारी मदद हो, स्कॉलरशिप हो, किसान को फसल की कीमत हो- सब कुछ डायरेक्ट बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होते हैं. अब किसी प्रधानमंत्री को यह कहना नहीं पड़ेगा कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं, तो 15 पैसे पहुंचते हैं.

वो कौन सा पंजा था

पीएम मोदी ने तंज कसते हुए कहा कि वो कौन सा पंजा था, जो 85 पैसा घिस लेता था. पीएम ने कहा कि आपको जानकर अच्छा लगेगा कि बीते 7-8 साल में भारत सरकार ने डीबीटी के जरिये 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक लोगों के खाते में ट्रांसफर किये गये. 300 बिलियन से ज्यादा लाभुकों के खाते में पैसे पहुंचे हैं. बीच में कोई बिचौलिया नहीं. कहीं कट मनी नहीं. इस वजह से सिस्टम में कितनी बड़ी पारदर्शिता आयी है, उससे भरोसे की खाई को भरने में मदद मिली है.

नागरिक सशक्त होता है, तो आत्मविश्वास से भर जाता है

पीएम ने कहा कि ऐसे टूल्स जब हाथ में आते हैं, जब नागरिक सशक्त होता है, तो बहुत स्वाभाविक है कि वह आत्मविश्वास से भर जाता है. वह खुद संकल्प लेना शुरू करता है और वह स्वयं संकल्प को सिद्धि में परिवर्तित करने के लिए परिश्रम की पराकाष्ठा के लिए तैयार हो जाता है. तब जाकर देश आगे बढ़ता है. इसलिए नया भारत आप सिर्फ सिक्योर फ्यूचर की नहीं सोचता, बल्कि भारत रिस्क लेता है. इनोवेट करता है, इनक्यूबेट करता है.

देश में आज 68,000 से ज्यादा स्टार्टअप्स हैं

उन्होंने कहा, मुझे याद है 2014 के आसपास हमारे देश में 200-400 स्टार्टअप्स हुआ करते थे. आज 68,000 से भी ज्यादा स्टार्टअप्स हैं. पीएम ने कहा कि सिर्फ स्टार्टअप्स की संख्या नहीं बढ़ी. आज दुनिया के सारे पैरामीटर्स कह रहे हैं कि इनमें से दर्जनोें स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न बन चुके हैं. मामला यूनिकॉर्न पर नहीं अटका है. मेरे देश में बहुत सारे यूनिकॉर्न डेकाकॉर्न भी बन रहे हैं. यानी 10 बिलियन का डेटा भी पार कर रहे हैं.

आज सरकारी बाबुओं के बेटे-बेटियां स्टार्टअप से जुड़ गये हैं

मुझे याद है, जब मैं गुजरात में सीएम वाली नौकरी करता था. किसी भी अपने साथी बाबू से पूछता कि बच्चे क्या करते हैं, तो वे कहते कि आईएएस की तैयारी करता है. आज के बाबू कहते हैं कि वो स्टार्टअप की तैयारी कर रहा है. यह परिवर्तन छोटी बात नहीं है. आज सरकार इनोवेटर के पैरों में जंजीर डालकर नहीं, उनमें जोश भरकर उन्हें आगे बढ़ा रही है.

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