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मेलिसा ने ली 50 से ज्यादा लोगों की जान, हैती और जमैका में तूफान से भारी तबाही, कैरेबियन में मचा हाहाकार

Hurricane Melissa: हरिकेन मेलिसा ने जमैका, हैती और क्यूबा को हिला दिया. 50 से ज्यादा लोगों की मौत, हजारों बेघर, बिजली-पानी ठप. जलवायु परिवर्तन ने बढ़ाई तूफान की ताकत. जमैका ने वर्ल्ड बैंक बॉन्ड से राहत मांगी. कैरेबियन पर प्रकृति का सबसे बड़ा हमला.

Hurricane Melissa: कैरेबियन के छोटे-छोटे देशों पर एक बार फिर प्रकृति का बड़ा हमला हुआ है. हरिकेन मेलिसा, जो अब तक के सबसे ताकतवर तूफानों में से एक बताया जा रहा है, जमैका, हैती और क्यूबा में भारी तबाही मचा दी है. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कम से कम 50 लोगों की मौत हो चुकी है और राहत एजेंसियों को डर है कि यह आंकड़ा और बढ़ सकता है. कई जगहों पर घर मलबे में बदल गए हैं, बिजली और पानी की सप्लाई ठप है, और हजारों लोग अब भी राहत कैंपों में हैं.

Hurricane Melissa: जमैका में मचा हाहाकार 

मंगलवार को जब मेलिसा कैटेगरी-5 हरीकेन के रूप में जमैका से टकराया, तो पूरे द्वीप की तस्वीर बदल गई. अल जजीरा के मुताबिक, 60 फीसदी से ज्यादा इलाकों में बिजली गायब है, जबकि करीब आधे जलस्रोत ठप हो चुके हैं. ऐतिहासिक शहर ब्लैक रिवर सबसे ज्यादा प्रभावित रहा. यहां 90% इमारतों की छतें उड़ गईं, कई कंक्रीट की इमारतें जमींदोज हो गईं और बिजली के खंभे सड़कों पर बिखर गए. जमैका की सूचना मंत्री डाना मॉरिस डिक्सन ने बताया कि 19 मौतों की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के मुताबिक 5 और लोगों के मारे जाने की संभावना है.

हैती में लगभग 21 लोग लापता 

हैती में भी मेलिसा ने कहर बरपाया है. अधिकारियों के मुताबिक, यहां कम से कम 31 लोगों की मौत हुई है और 21 लोग अब भी लापता हैं. सबसे ज्यादा नुकसान देश के दक्षिणी हिस्से में हुआ है, जहां कई गांव पूरी तरह पानी में डूब गए. अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, 15,800 से ज्यादा लोग राहत शिविरों में हैं और वहां तक मदद पहुंचाने में भी दिक्कतें आ रही हैं.

क्यूबा में भी जलप्रलय

क्यूबा में राहत की बात यह है कि वहां किसी की मौत नहीं हुई, लेकिन भारी तबाही और बाढ़ ने हालात बिगाड़ दिए हैं. सरकार ने 7 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया, जबकि पूर्वी हिस्से में काउटो नदी का पानी उफान पर है. सेना और बचावकर्मी कमर-तक पानी में नाव और ट्रकों से लोगों को निकाल रहे हैं. कुछ इलाकों में 15 इंच (380 मिमी) तक बारिश दर्ज की गई है.

क्लाइमेट चेंज ने बढ़ाई तबाही की ताकत

इंपीरियल कॉलेज लंदन के वैज्ञानिकों की एक स्टडी बताती है कि हरिकेन मेलिसा जैसा तूफान मानव-जनित जलवायु परिवर्तन के कारण चार गुना ज्यादा संभव हो गया है. अल जजीरा ने इस अध्ययन का हवाला देते हुए लिखा कि बढ़ते तापमान और समुद्र के गर्म होने से ऐसे तूफान अब पहले से ज्यादा खतरनाक और घातक हो चुके हैं.

जमैका अब इस विनाश से उबरने की कोशिश में है. देश ने 2024 में वर्ल्ड बैंक के साथ मिलकर एक ‘कैटास्ट्रॉफ बॉन्ड’ जारी किया था, जो इस तरह की आपदाओं में आर्थिक मदद देता है. यह बॉन्ड 150 मिलियन अमेरिकी डॉलर की सुरक्षा प्रदान करता है और चार तूफानी सीजन तक सक्रिय रहता है. सरकारी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि हरिकेन मेलिसा की वजह से यह बॉन्ड अब ट्रिगर हो गया है यानी पुनर्निर्माण के लिए फंड जारी होगा. जमैका सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे दान या राहत सामग्री केवल सरकारी माध्यमों से भेजें ताकि ऑनलाइन धोखाधड़ी या फर्जी फंडिंग से बचा जा सके.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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