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फ्रांस में राजनीतिक तूफान! प्रधानमंत्री बायरू का इस्तीफा, मैक्रों की सत्ता पर संकट बढ़ा

France Political Crisis: फ्रांस की संसद ने प्रधानमंत्री बायरू की सरकार गिरा दी. बजट विवाद, आर्थिक दबाव और सामाजिक असंतोष के बीच मैक्रों के सामने नई सरकार बनाने या चुनाव कराने की चुनौती. देश राजनीतिक और आर्थिक संकट में.

France Political Crisis: फ्रांस की संसद ने सोमवार को प्रधानमंत्री फ्रांसुआ बायरू की सरकार को गिरा दिया, जिससे देश में राजनीतिक संकट गहराया. बायरू ने अपने 44 अरब यूरो ($51 बिलियन) के खर्च घटाने वाले बजट के लिए समर्थन मांगा था, जिसमें दो सार्वजनिक छुट्टियों को समाप्त करना और सरकारी खर्च पर रोक जैसी कड़े कदम शामिल थे. प्रस्ताव के विरोध में 364 सांसदों ने बायरू के खिलाफ और केवल 194 ने समर्थन में वोट किया गया.

बायरू, जो सिर्फ नौ महीने में पद छोड़ने जा रहे हैं, अपने ही बजट प्रस्ताव के लिए संसद से विश्वास मत चाहते थे. उनकी हार पूर्व प्रधानमंत्री मिशेल बार्नियर की तरह है. अब राष्ट्रपति एमानुएल मैक्रों को दो साल में पांचवे प्रधानमंत्री को नियुक्त करने की चुनौती मिली है. उनका अगला कदम नई सरकार बनाना या स्नैप चुनाव कराने का होगा, लेकिन किसी विकल्प से संसद में बहुमत मिलने की गारंटी नहीं है.

France Political Crisis: आर्थिक दबाव और बजट संघर्ष 

बायरू का लक्ष्य देश के लगभग 6% के घाटे को EU की 3% सीमा तक लाना था. वित्त मंत्री एरिक लोम्बार्ड ने चेतावनी दी कि सरकार का बदलाव घाटे को कम करने की योजना कमजोर कर सकता है. बायरू ने कहा कि आप सरकार को गिरा सकते हैं लेकिन वास्तविकता नहीं मिटा सकते. खर्च बढ़ते रहेंगे और कर्ज का बोझ भारी होता जाएगा. फ्रांस का अस्तित्व दांव पर है. विपक्षी दलों ने बजट प्रस्ताव का विरोध किया, खासकर 2027 के राष्ट्रपति चुनाव को ध्यान में रखते हुए. सोशलिस्ट पार्टी ने वैकल्पिक बजट पेश किया, जिसमें 100 मिलियन यूरो से अधिक संपत्ति पर 2% टैक्स और 22 अरब यूरो की बचत शामिल है. लेकिन यह योजना मैक्रों के प्रो-बिजनेस एजेंडे से मेल नहीं खाती.

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Prime Minister Bayrou Government Falls: सामाजिक असंतोष और सड़क पर विरोध

देश में सामाजिक तनाव भी बढ़ रहे हैं. जन आंदोलन “Bloquons Tout” ने बुधवार को राष्ट्रीय स्तर पर विरोध का आह्वान किया है, जबकि ट्रेड यूनियनों ने 18 सितंबर को हड़ताल की योजना बनाई है. फ्रांस का 2027 राष्ट्रपति चुनाव भी अनिश्चितता में है. दक्षिणपंथी नेशनल रैली की मरीन ले पेन को अदालत ने EU फेक जॉब्स घोटाले में दोषी ठहराया और पांच साल तक चुनाव लड़ने से रोका. हालांकि उनका अपील सुनवाई जनवरी 2026 में होगी, जिससे उनके राष्ट्रपति बनने की संभावना बनी रहती है. ले पेन ने बायरू की सरकार को “फैंटम गवर्नमेंट” करार देते हुए मैक्रों से स्नैप चुनाव की मांग की.

फ्रांस का राजनीतिक और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. प्रधानमंत्री बायरू का नौ महीने में हटना, बजट विरोध, सड़क पर असंतोष और 2027 चुनाव की अनिश्चितता देश को अस्थिर स्थिति में ले आई है. राष्ट्रपति मैक्रों के लिए अब चुनौती है नई सरकार बनाना या चुनाव कराना, जबकि विपक्ष और जनता दोनों असंतोष व्यक्त कर रहे हैं.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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