पाकिस्तान में नौ मई को ऐतिहासिक कोर कमांडर हाउस या जिन्ना हाउस पर हुए हिंसक हमला मामले की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को तलब किया. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख खान को लाहौर में किला गुज्जर पुलिस मुख्यालय में शाम चार बजे जेआईटी के समक्ष पेश होने को कहा गया है. उन्हें हमले को लेकर सरवर रोड थाने में दर्ज के एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है.
पूर्व प्रधानमंत्री खान को नौ मई को गिरफ्तार किए जाने के बाद हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने जिन्ना हाउस (कोर कमांडर हाउस) को आग लगा दी थी. बड़ी संख्या में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस पर धावा बोल दिया था और इसमें तोड़फोड़ करने के बाद आग लगा दी थी. ‘जियो न्यूज’ ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जिन्ना हाउस और लाहौर में असकरी कॉरपोरेट टावर पर आगजनी और हमले की जांच के लिए पंजाब की अंतरिम सरकार ने जेआईटी का गठन किया था, जिसने मंगलवार को खान को तलब किया.
कई दिनों तक सड़कों पर हुआ विरोध प्रदर्शन
पूर्व प्रधानमंत्री खान की गिरफ्तारी के विरोध में कई दिनों तक सड़कों पर विरोध प्रदर्शन हुआ. वहीं, सुरक्षा बलों ने नागरिक एवं सैन्य संस्थानों पर हमलों के बाद पार्टी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जिसके बाद पीटीआई नेताओं का पलायन शुरू हो गया. देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों में कम से कम आठ लोग मारे गए. हिंसक प्रदर्शनकारियों ने खान के गृहनगर पंजाब के मियांवाली जिले में एक विमान को आग लगा दी और फैसलाबाद में आईएसआई भवन पर हमला किया.
विरोध प्रदर्शन के दौरान सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़
भीड़ ने पहली बार रावलपिंडी में सेना मुख्यालय (जीएचक्यू) पर धावा बोल दिया. पुलिस के अनुसार दो दिन के हिंसक विरोध प्रदर्शन के दौरान एक दर्जन से अधिक सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई या उनमें आग लगा दी गयी.