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दुनिया से 8 साल पीछे जी रहा है यह देश, 13 महीने का कैलेंडर, सितंबर में मनाता है न्यू ईयर, जानें वजह

Ethiopia Is 8 Years Behind The World: इथियोपिया का अनोखा गीज कैलेंडर. जहां 13 महीने वाला साल, नया साल सितंबर में और दुनिया से 7-8 साल पीछे. जानें यहां के त्योहार, ईसाई परंपरा, इतिहास और समय की अनोखी पहचान के बारे में.

Ethiopia Is Behind The World: दुनिया 2025 के अंत की ओर बढ़ रही है, लेकिन एक ऐसा देश है जो अपने कैलेंडर में दुनिया से सात-आठ साल पीछे है. यह देश है इथियोपिया. यहां लोग अभी भी 2017 में जी रहे हैं, और इसके पीछे का कारण है उनका गीज या इथियोपियाई कैलेंडर, जो ग्रेगोरियन कैलेंडर से बिल्कुल अलग है. यह कैलेंडर न सिर्फ साल की गिनती में पीछे है, बल्कि इसमें समय, त्योहार और जीवन की लय भी अलग है.

13 महीने का साल और सितंबर में नया साल

इथियोपियाई कैलेंडर में एक साल में 12 नहीं, बल्कि 13 महीने होते हैं. पहले 12 महीनों में हर महीने 30 दिन होते हैं, और 13वें महीने में 5 या 6 दिन, जो लीप ईयर पर निर्भर करते हैं. सबसे खास बात यह है कि नया साल यहां जनवरी में नहीं, बल्कि सितंबर में आता है. दुनिया जहां 1 जनवरी को नया साल मनाती है, इथियोपिया में लोग 11 सितंबर का इंतजार करते हैं. लीप ईयर में यह दिन 12 सितंबर होता है. इस दिन को एनकुटाताश कहते हैं, जिसका अर्थ है “रत्नों का उपहार”. यह त्योहार रेनी सीजन के अंत और धूप व नयापन की शुरुआत का प्रतीक है. यहां क्रिसमस भी अलग तरीके से मनाया जाता है. दुनिया के 25 दिसंबर की जगह, यहां इसे 7 जनवरी को मनाया जाता है.

इथियोपियाई लोग अपना दिन सूर्योदय से शुरू करते हैं

इथियोपियाई कैलेंडर की अद्वितीयता सिर्फ महीनों में नहीं है. इसका आधार है रूढ़िवादी ईसाई परंपरा. यहां का चर्च मानता है कि ईसा मसीह का जन्म ग्रेगोरियन कैलेंडर से सात साल पहले हुआ था. इसलिए इथियोपिया ने अपनी प्राचीन गणना पर टिके रहने का निर्णय लिया. हालांकि बैंक, स्कूल और सरकारी कार्यालय ग्रेगोरियन कैलेंडर का उपयोग करते हैं, अधिकांश लोग दैनिक जीवन में गीज कैलेंडर का पालन करते हैं.

इथियोपियाई लोग अपना दिन सूर्योदय से शुरू करते हैं, जबकि दुनिया आधी रात से गिनती शुरू करती है. इसका मतलब है कि जब दुनिया भर में सुबह के 6 बजे होते हैं, तो इथियोपिया में दोपहर के 12 बजे होते हैं और जब अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार दोपहर होती है, तो इथियोपिया में शाम के 6 बजे होते हैं. यह उनके जीवन और प्रकृति के बीच के गहरे संबंध को दर्शाता है.

Ethiopia Is Behind The World: कभी यूरोपीय कालोनियों ने कंट्रोल नहीं किया

इथियोपिया सिर्फ समय में अनोखा नहीं है, बल्कि इतिहास में भी. यह अफ्रीका का एकमात्र ऐसा देश है, जिसे कभी यूरोपीय कालोनियों ने नियंत्रित नहीं किया. इसकी संस्कृति प्राचीन परंपरा, आध्यात्मिकता और आत्म-पहचान में गहराई से निहित है. यहां पुराने चर्च, रूढ़िवादी ईसाई रीति-रिवाज और प्राचीन पाक परंपराएं हैं. इथियोपिया मानव जाति के शुरुआती इतिहास में भी महत्वपूर्ण है. यहां 1974 में लूसी का जीवाश्म मिला था, जो मानव पूर्वजों में से एक है. केन्या, सोमालिया, इरिट्रिया और सूडान से घिरा यह देश अफ्रीका के हॉर्न का केंद्र है, जो इतिहास और मिथकों से भरा हुआ है.

गीज कैलेंडर केवल समय मापने का माध्यम नहीं है, यह इथियोपिया की पहचान का हिस्सा है. यह त्योहारों, एग्रीकल्चर सीजन और धार्मिक अनुष्ठानों को आकार देता है. यह लोगों को उनके पूर्वजों और आस्था से जोड़ता है. इथियोपियाई लोगों के लिए दुनिया से सात साल पीछे रहना नकारात्मक नहीं, बल्कि गर्व की निशानी है. यह याद दिलाता है कि संस्कृति की तरह समय भी समाज से बनता है, ताकत से नहीं.

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Govind Jee
Govind Jee
गोविन्द जी ने पत्रकारिता की पढ़ाई माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय भोपाल से की है. वे वर्तमान में प्रभात खबर में कंटेंट राइटर (डिजिटल) के पद पर कार्यरत हैं. वे पिछले आठ महीनों से इस संस्थान से जुड़े हुए हैं. गोविंद जी को साहित्य पढ़ने और लिखने में भी रुचि है.

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