Emmanuel Macron in China before Putin’s India Tour: यूक्रेन युद्ध को लेकर यूरोप और रूस के बीच तनातनी चल रही है. इसी बीच रूस के राष्ट्रपति गुरुवार से भारत दौरे पर आ रहे हैं. जबकि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों बुधवार को तीन दिवसीय राजकीय यात्रा पर चीन पहुंचे. यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक परिस्थिति, खासकर रूस-यूक्रेन युद्ध को देखते हुए भी बेहद अहम माना जा रहा है. अपनी इस यात्रा में मैक्रों का मुख्य ध्यान आर्थिक साझेदारी, रणनीतिक संवाद और कूटनीतिक सहयोग पर होगा. इसके साथ ही उनका लक्ष्य बीजिंग पर ऐसा प्रभाव डालना है कि चीन, रूस पर युद्धविराम के लिए दबाव बनाने में सकारात्मक भूमिका निभाए.
चीन के साथ आर्थिक सहयोग को नई गति देने की तैयारी
मैक्रों के कार्यालय ने बताया कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति एक ऐसे आर्थिक एजेंडे की वकालत करेंगे, जिसका उद्देश्य संतुलित, टिकाऊ और सभी के लिए लाभदायक विकास सुनिश्चित करना है. फ्रांस चाहता है कि चीन की कंपनियाँ फ्रांस में अधिक निवेश करें और बदले में फ्रांसीसी उत्पादों और सेवाओं को चीन के विशाल बाजार तक आसान पहुंच मिले. यात्रा के दौरान ऊर्जा, कृषि-खाद्य उद्योग और विमानन जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. फ्रांसीसी कंपनियाँ लंबे समय से इन क्षेत्रों में चीन के साथ साझेदारी को मजबूत करने की कोशिश कर रही हैं और यह यात्रा उन प्रयासों को नई दिशा दे सकती है.
बीजिंग में औपचारिक स्वागत और उच्च-स्तरीय बैठकें
बीजिंग के हवाईअड्डे पर पहुंचते समय मैक्रों और उनकी पत्नी ब्रिजिट मैक्रों ठंड से बचने के लिए ओवरकोट पहने नजर आए. वहां चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने उनका औपचारिक स्वागत किया. स्वागत समारोह और संक्षिप्त बातचीत के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति दंपत्ति लिमोजीन से अपने होटल के लिए रवाना हुए. यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब फ्रांस 2026 में जी7 शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने जा रहा है, जबकि चीन 21 सदस्यीय APEC (एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग) मंच की कमान संभालेगा. दोनों देशों के बीच संवाद वैश्विक आर्थिक चुनौतियों और भू-राजनीतिक स्थिति को देखते हुए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
रूस-यूक्रेन युद्ध पर चीन को सक्रिय भूमिका निभाने का आग्रह
इस यात्रा में सबसे अहम मुद्दा रूस-यूक्रेन युद्ध रहेगा. पेरिस में यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद मैक्रों अब चीन को इस दिशा में जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए मनाने की कोशिश कर रहे हैं. फ्रांस के एक शीर्ष राजनयिक अधिकारी ने कहा, “हम चाहते हैं कि चीन रूस को युद्धविराम की ओर कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करे और यूक्रेन को सुरक्षित भविष्य की गारंटी देने में मदद करे.” फ्रांस की यह भी अपेक्षा है कि चीन किसी भी रूप में रूस को युद्ध जारी रखने में सहयोग न करे. वहीं चीन ने अपनी ओर से कहा है कि यूक्रेन संकट का समाधान केवल संवाद और वार्ता से संभव है, और वह शांति की दिशा में किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करता है. इस प्रकार, मैक्रों की यह यात्रा आर्थिक लाभ, कूटनीतिक संतुलन और वैश्विक शांति तीनों दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.

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