China Gold Discovery Kunlun Mountain: चीन ने एक बार फिर बड़ी खोज का ऐलान किया है. पश्चिमी शिनजियांग की सीमा के पास, कुनलुन पर्वत में वैज्ञानिकों को ऐसा सोने का भंडार मिला है, जिसने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. शुरुआती अनुमान बताते हैं कि यहां 1,000 टन से भी ज्यादा सोना हो सकता है. चीन लंबे समय से अपनी धरती के अंदर छिपे खजानों को ढूंढने में लगा था, और इस खोज ने उस कोशिश को नई दिशा दे दी है. दिलचस्प बात यह है कि कुनलुन को सदियों से “खजानों का घर” कहा जाता था, लेकिन यह पहली बार है जब विज्ञान ने इन दावों को मजबूत आधार दिया है.
हजार टन सोने की नई पट्टी
काश्गर जियोलॉजिकल टीम के सीनियर इंजीनियर हे फुबाओ और उनकी टीम ने 4 नवंबर को अपने शोधपत्र में बताया कि वेस्ट कुनलुन में हजार टन स्केल की गोल्ड बेल्ट आकार ले चुकी है. यह खोज पिछले एक साल में चीन द्वारा घोषित तीसरी बड़ी सोने की खोज है. इससे पहले लिओनिंग और हूनान प्रांत में भी इतने बड़े स्तर के भंडार मिले थे. इससे पहले दुनिया का अनुमान था कि चीन की जमीन में अब केवल 3,000 टन सोना ही बचा है, लेकिन लगातार हो रही खोजों ने यह आंकड़ा उलट दिया है.
China Gold Discovery Kunlun Mountain: कैसे बदल गया चीन का गोल्ड गेम
इस तेज सफलता के पीछे चीन की नई तकनीकें और बढ़ता निवेश है. चीनी वैज्ञानिकों ने, AI आधारित खोज तकनीक, दुनिया का सबसे शक्तिशाली ग्राउंड-रडार और अत्याधुनिक खनन सैटेलाइट ने इस खोज के लिए ऐसे कई कारगर आधुनिक टूल बनाए हैं. इन तकनीकों ने न सिर्फ चीन बल्कि अफ्रीका के कई हिस्सों में भी नए सोने के भंडार खोजने में मदद की है.
कुनलुन पर्वत को चीन की पुरानी कथाओं में पवित्र पर्वत कहा गया है. “द क्लासिक ऑफ माउंटेन्स एंड सीज” में यह जगह धरती का केंद्र और सभी खजानों का घर बताई गई है. 2,100 साल पहले हान राजवंश के सम्राट वू ने भी एक विशाल ड्रैगन जैसी पर्वतमाला देखकर इसे आधिकारिक तौर पर “कुनलुन” नाम दिया था. आधुनिक विज्ञान ने भी साबित किया है कि यूरेशिया महाद्वीप का केंद्र शिनजियांग में ही है, और यह क्षेत्र जेड समेत कई कीमती खनिजों से भरपूर है. लेकिन सोने को लेकर अभी तक ठोस सबूत नहीं थेजो अब मिल गए हैं.
China Gold Discovery Kunlun Mountain: यहां वैज्ञानिकों को मिला
सबसे बड़ी खोज कुओकेजिलेगा गोल्ड डिपॉजिट है. 1990 के दशक में यहां हल्की-फुल्की खोज हुई थी, लेकिन सतह पर बहुत कम संकेत मिलने के कारण इसे छोड़ दिया गया था. 2019 में नई तकनीक आने पर काम फिर शुरू हुआ और कई बड़े खुलासे हुए. यहां वैज्ञानिकों को मिला जैसे कि 100 किलोमीटर लंबा शियर जोन, जहां धरती की परतें लाखों साल में फटीं और मरोड़ीं. इन्हीं दरारों से सोने से भरा गर्म पानी बहा, जिसने चट्टानों में सोना जमा दिया. 87 सोना-धारी संरचनाएं, जिनमें 6 मुख्य ओरेबॉडीज. सोना जमीन के ऊपरी 300 मीटर में केंद्रित जिससे निकासी आसान. सोने की गुणवत्ता खनन के हिसाब से लाभदायक. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह खोज अब सुपर-लार्ज श्रेणी में आती है.
वेस्ट कुनलुन- सोने की नई राजधानी?
कुओकेजिलेगा के अलावा टुगेनमांसू और बाशिगांके जैसे कई मध्यम और बड़े सोने के भंडार भी हाल में मिले हैं. हे फुबाओ की टीम का कहना है कि सिर्फ वेस्ट कुनलुन क्षेत्र में ही कुल भंडार 1,000 टन से ज्यादा हो सकते हैं. यह वह इलाका है जिसे पहले सोने की खोज के लिहाज से बहुत मजबूत नहीं माना जाता था.
2018 में चीन ने एक क्रॉस-शेप्ड विशाल एंटीना एरे बनाई, जिसका आकार न्यूयॉर्क सिटी से पांच गुना बड़ा है. ये लो-फ्रीक्वेंसी तरंगें धरती की सतह के कई किलोमीटर नीचे तक पहुंचती हैं और खनिजों, तेल, गैस, रेयर मेटल यहां तक कि यूरेनियम भी तक की विस्तृत जानकारी दे देती हैं. दुनिया में ऐसी सुविधा की बात करें तो अभी तक सिर्फ चीन के पास है.
चीन बन सकता है ‘गोल्ड सुपरपावर’
हाल ही में चीन के हुनान प्रांत में भी वैज्ञानिकों ने एक बेहद बड़ा सोने का भंडार खोजा था. यह जगह पिंगजियांग काउंटी में वांगु गोल्ड डिपॉजिट के नीचे मिली थी. यहां 1,000 मीट्रिक टन से ज्यादा सोना होने का अनुमान है. वैज्ञानिकों का कहना था कि करीब 300 टन सोना लगभग 2,000 मीटर यानी जमीन से बहुत नीचे मौजूद है. उनकी रिपोर्ट बताती थीं कि सोने की नसें करीब 3,000 मीटर की गहराई तक जाती हैं. यहां लगभग तीन माउंट एवरेस्ट जितनी ऊंचाई के बराबर गहराई है. चीनी सरकारी मीडिया शिन्हुआ ने कई महीनों की ड्रिलिंग और जांच के बाद अक्टूबर की शुरुआत में इस खोज की पुष्टि की थी. इस भंडार में 40 से ज्यादा सोने वाली नसें मिली थीं. हुनान भूवैज्ञानिक ब्यूरो के विशेषज्ञ चेन रुलिन के मुताबिक इनमें “दिखने वाला सोना” भी है मतलब सोना चट्टानों में साफ दिखाई देता है, जो बहुत उच्च गुणवत्ता का संकेत है. यहां निकाले गए नमूनों में प्रति टन 138 ग्राम तक सोना मिला है, जो दुनिया में बहुत कम जगहों पर मिलता है.
चीन दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड प्रोड्यूसर है, लेकिन वह जितना सोना निकालता है उससे कहीं ज्यादा खपत करता है. नई खोजें जैसे वेस्ट कुनलुन की यह खोज चीन को घरेलू उत्पादन बढ़ाने, विदेशी निर्भरता कम करने और अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मार्केट में अपनी पकड़ मजबूत करने का मौका देती हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में चीन सोने के बाजार में पूरी दुनिया का खेल बदल सकता है.
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