China Foreign Minister Wang Yi India Visit: चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार, 19 अगस्त को अपनी भारत यात्रा पूरी की. इस दौरान उन्होंने सबसे पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भेंट की. दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई.
मुख्य विषयों में सीमा विवाद, सीमा पार से आतंकवाद, ब्रह्मपुत्र पर चीन के बांध निर्माण, ताइवान और SCO शिखर बैठक शामिल थे. बैठक के दौरान चीन ने भारत की तीन प्रमुख आर्थिक मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया. इसमें उर्वरक आपूर्ति में बाधाओं को समाप्त करना, रेअर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति शुरू करना और टनेल बोरिंग मशीन के आयात की सुविधा देना शामिल है.
भारत यात्रा के बाद वांग यी पाकिस्तान जाएंगे. 21 अगस्त को वे पाकिस्तान-चीन विदेश मंत्रियों की छठी रणनीतिक वार्ता की सह-अध्यक्षता करेंगे. इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच ‘ऑल-वेदर स्ट्रैटेजिक कोऑपरेटिव पार्टनरशिप’ को मजबूत करना, मूल हितों के मुद्दों पर समर्थन की पुष्टि करना, आर्थिक और व्यापार सहयोग बढ़ाना और क्षेत्रीय शांति, विकास व स्थिरता के लिए संयुक्त प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करना है.
आइए जानते हैं कि चीन के विदेश मंत्री वांग यी भारत की यात्रा के दौरान किन पांच अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.
China Foreign Minister Wang Yi India Visit in Hindi: सीमा विवाद पर वार्ता
वांग यी ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोवाल के साथ 24वीं विशेष प्रतिनिधि (SR) वार्ता में सीमा से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा की. इस बैठक में सीमा पर तनाव कम करने, सीमाओं का स्पष्ट सीमांकन और अन्य सीमा संबंधित मुद्दों को प्रमुखता दी गई. भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया.
आतंकवाद और सुरक्षा
भारत ने बैठक में सभी रूपों और प्रकारों के आतंकवाद, खासकर सीमा पार से होने वाले आतंकवाद के खतरों को उठाया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के मूल उद्देश्य के तहत आतंकवाद से निपटने की जरूरत भी याद दिलाई. वांग यी ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद से निपटना दोनों देशों के लिए उच्च प्राथमिकता का विषय होना चाहिए.
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5 key Points China Foreign Minister Wang Yi India Visit: SCO शिखर बैठक में पीएम मोदी की भागीदारी
इस महीने चीन में SCO शिखर बैठक होने वाली है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस बैठक में शामिल होंगे. उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को धन्यवाद दिया और अपनी भागीदारी की पुष्टि की. भारत ने चीन की SCO अध्यक्षता का समर्थन किया और प्रधानमंत्री मोदी ने टियांजिन में शी जिनपिंग से मिलने की उम्मीद जताई.
ब्रह्मपुत्र पर बांध निर्माण को लेकर चिंता
विदेश मंत्री जयशंकर ने यारलुंग त्सांगपो (ब्रहमपुत्र) नदी के निचले हिस्से में चीन द्वारा चल रहे महा-बांध निर्माण पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि यह निचले हिस्से के राज्यों के लिए गंभीर परिणाम पैदा कर सकता है. जयशंकर ने पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया.
ताइवान मुद्दा
चीन ने ताइवान को लेकर अपना रुख उठाया, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि ताइवान के साथ उसके आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक संबंध जारी रहेंगे. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष ने नोट किया कि चीन भी ताइवान के साथ इन क्षेत्रों में सहयोग करता है.
इस यात्रा और वार्ता से दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग को मजबूत करने का संदेश गया. सीमा विवाद, आतंकवाद और जल संसाधन जैसे संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर चर्चा करना भारत और चीन के संबंधों में स्थिरता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने वाला कदम माना जा रहा है.
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