Bangladesh Election Sheikh Hasina ICT Verdict Sajeeb Wazed Awami League: 5 अगस्त को छात्र आंदोलन के बाद बांग्लादेश से अपनी जान बचाकर भागीं पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ सोमवार को फैसला आने वाला है. इसको लेकर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पूरी तरह से हाई अलर्ट पर है. इसी बीच शेख हसीना के बेटे और आवामी लीग के सलाहकार ने रविवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी से प्रतिबंध नहीं हटाया गया, तो उसके समर्थक फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को रोक देंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदर्शन हिंसक भी हो सकते हैं. वाजेद ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की, जब ढाका की एक अदालत सोमवार को एक टेलीविजन पर प्रसारित होने वाला फैसला सुनाने वाली है. उम्मीद है कि 78 वर्षीय हसीना को 2024 में छात्र-नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर हुए घातक दमन से जुड़े मानवता-विरोधी अपराधों के मामले में गैर-हाजिर रहते हुए दोषी ठहराया जाएगा. हसीना इन आरोपों को ख़ारिज करती हैं और कहती हैं कि मामला राजनीतिक रूप से प्रेरित है.
‘वे शायद उन्हें फांसी की सजा दे देंगे’
हसीना अगस्त 2024 में बांग्लादेश से भागने के बाद से नई दिल्ली में निर्वासन में रह रही हैं. वाजेद ने कहा कि भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है और एक राष्ट्राध्यक्ष जैसा व्यवहार कर रहा है. उन्होंने कहा, “हमें बिल्कुल पता है कि फैसले में क्या होने वाला है. वे इसे टीवी पर दिखा रहे हैं. वे उन्हें दोषी ठहराएंगे और शायद उन्हें मौत की सजा दी जाएगी. मेरी मां के साथ वे क्या कर सकते हैं? मेरी मां भारत में सुरक्षित हैं. भारत उन्हें पूरी सुरक्षा दे रहा है.”
कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित दिखावा- हसीना
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस, जो अंतरिम सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं और जिनके कार्यकाल में हसीना की लगातार 15 साल की सत्ता समाप्त हुई, उनके प्रवक्ताओं ने टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया. हसीना ने अक्टूबर में कहा था कि वे दिल्ली में स्वतंत्र रूप से घूम सकती हैं, हालांकि सुरक्षा कारणों से सावधानी बरतती हैं. 1975 के सैन्य तख्तापलट में उनके माता-पिता और तीन भाइयों की हत्या कर दी गई थी, जब वह और उनकी बहन देश से बाहर थीं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (बांग्लादेश के घरेलू युद्ध अपराध न्यायालय- ICT) का फैसला पहले से तय है क्योंकि “कार्रवाई राजनीतिक रूप से प्रेरित दिखावा” थी.
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संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
एक संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल 15 जुलाई से 5 अगस्त के बीच हुए सरकार-विरोधी प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोग मारे गए और हज़ारों घायल हुए. इनमें से अधिकांश मौतें सुरक्षा बलों की गोलीबारी में हुईं. यह 1971 के स्वतंत्रता युद्ध के बाद से बांग्लादेश की सबसे गंभीर राजनीतिक हिंसा थी. बांग्लादेश की आबादी 17 करोड़ से अधिक है और यह अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों को परिधान निर्यात करने वाला एक प्रमुख देश है. पिछले साल की अशांति ने इस उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया था.
‘हम अपील नहीं करेंगे’
साजिब वाजेद को बांग्लादेश में उनके निकनेम जॉय से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि वे तभी अपील करेंगे जब एक लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार सत्ता में आएगी और उसमें अवामी लीग की भागीदारी होगी. आवामी लीग पार्टी का पंजीकरण मई में निलंबित कर दिया गया था, जब अंतरिम सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों और वरिष्ठ नेताओं पर युद्ध अपराधों की जांच का हवाला देते हुए इसकी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया. उन्होंने कहा, “हम अवामी लीग के बिना चुनाव होने नहीं देंगे. हमारे प्रदर्शन और भी मजबूत होंगे और हम जो भी जरूरी होगा, करेंगे. अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कुछ नहीं किया, तो चुनाव से पहले बांग्लादेश में हिंसा होना लगभग तय है… टकराव होंगे.”
ढाका में बम धमाके
फैसले से पहले ढाका में राजनीतिक हिंसा बढ़ गई है. रविवार को कई क्रूड बम विस्फोट हुए. सिर्फ 12 नवंबर को 32 धमाके हुए. दर्जनों बसों में आग लगा दी गई. पुलिस ने तोड़फोड़ के आरोप में अवामी लीग कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है. प्रशासन ने फैसला आने से पहले सुरक्षा कड़ी कर दी है. 400 से ज्यादा बॉर्डर गार्ड तैनात किए गए हैं, चौकियां मजबूत की गई हैं और सार्वजनिक सभाओं पर रोक लगाई गई है. किसी भी तरह की हिंसा करने वाली भीड़ को तुरंत गोली मारने के आदेश दिए गए हैं.
हम संघर्ष के लिए तैयार हैं- जॉय
वाजेद ने कहा कि वे और हसीना बांग्लादेश में पार्टी कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं, लेकिन न तो अंतरिम सरकार से और न ही विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) से बात कर रहे हैं, जिसके अगली सरकार का नेतृत्व करने की संभावना मानी जा रही है. उन्होंने कहा, “आपने पिछले कुछ दिनों में देशभर में बंद, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखे हैं, और ये और बढ़ेंगे.”
हसीना, जिन्हें बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था बदलने का श्रेय दिया जाता है लेकिन मानवाधिकार उल्लंघन और असहमति कुचलने के आरोप भी लगे हैं. उन्होंने 2024 में लगातार चौथी बार चुनाव जीता था. यह चुनाव मुख्य विपक्ष की बहिष्कार के कारण हुआ, क्योंकि उसके कई नेता जेल में थे या देश छोड़कर भाग गए थे. अब हालात उलट गए हैं. वाजेद ने कहा, “वह दुखी, गुस्से में और आक्रोशित हैं और हम सभी किसी भी कीमत पर संघर्ष करने के लिए तैयार हैं.”
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