Afghanistan Defence Minister Mohammad Yaqoob slams Pakistan: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पिछले कुछ दिनों से सीमा पर झड़पें चल रही हैं. गोलाबारी, पलायन और तनाव के बीच अब एक नया बयान सामने आया है जिसने हालात को और दिलचस्प बना दिया है. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के उस आरोप को पूरी तरह नकार दिया है जिसमें कहा गया था कि इन झड़पों के पीछे भारत की अहम भूमिका है.
अफगानिस्तान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने पाकिस्तान के आरोपों को “निराधार, तर्कहीन और अस्वीकार्य” बताया है. उन्होंने साफ कहा कि काबुल अपनी नीति अपने राष्ट्रीय हितों के हिसाब से तय करता है और भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए तैयार है.
Afghanistan Defence Minister Mohammad Yaqoob slams Pakistan: याकूब का कड़ा जवाब
तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे और अफगीन रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने अल जजीरा से बातचीत में पाकिस्तान को कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि ये आरोप निराधार हैं. हमारी नीति कभी भी अपने क्षेत्र का इस्तेमाल किसी देश के खिलाफ करने की नहीं रही है. हम एक स्वतंत्र देश हैं और भारत के साथ अपने राष्ट्रीय हितों के दायरे में रिश्ते मजबूत करेंगे. यानि अफगानिस्तान ने साफ कर दिया कि वो पाकिस्तान के दबाव में नहीं आने वाला. नीचे आप वीडियो देख सकते हैं.
The Minister of National Defense strongly rejected claims suggesting that India played a role in the recent tensions between Afghanistan and Pakistan.
— RTA English (@rtaenglish1) October 21, 2025
More details in the report below!#RTA pic.twitter.com/xgoqeCK45B
पाकिस्तान से रिश्ते बिगाड़ने का इरादा नहीं
याकूब ने कहा कि उनका देश पाकिस्तान से रिश्ते तोड़ना नहीं चाहता, बल्कि ‘अच्छे पड़ोसी’ के तौर पर संबंध बनाए रखना चाहता है. उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य तनाव बढ़ाना नहीं, बल्कि संबंधों को आगे बढ़ाना है. पाकिस्तान के आरोप निराधार, अतार्किक और अस्वीकार्य हैं.”
यानि अफगानिस्तान अब दोनों तरफ बैलेंस बनाकर चलना चाहता है. भारत से रिश्ते मजबूत करना और पाकिस्तान से दूरी भी नहीं बढ़ाना. मोहम्मद याकूब, जिन्हें कभी पाकिस्तान का करीबी माना जाता था, ने कहा कि दोनों देशों के बीच शांति समझौता तभी टिकेगा जब एक-दूसरे की सीमाओं का सम्मान किया जाएगा. उन्होंने सुझाव दिया कि कतर और तुर्की इस समझौते की निगरानी कर सकते हैं और इसे कारगर बनाने के लिए योजना बनाने में मदद कर सकते हैं. याकूब ने कहा कि यह समझौता तभी लागू होगा जब कोई भी देश दूसरे की सीमाओं का उल्लंघन नहीं करेगा.
सीमा पर बढ़ता तनाव
11 अक्टूबर को अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर हिंसा भड़क गई. इससे कुछ दिन पहले काबुल में धमाके हुए थे, जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत यात्रा पर गए थे. तालिबान ने पाकिस्तान से लगी दक्षिणी सीमा पर हमला किया, जिसके बाद इस्लामाबाद ने सख्त कार्रवाई का एलान किया. पाकिस्तान का आरोप है कि अफगान तालिबान, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठनों को पनाह दे रहा है.
लेकिन तालिबान सरकार इस आरोप को बार-बार झूठा कहती रही है. उसका कहना है कि संघर्ष की शुरुआत पाकिस्तान ने की थी, जब उसने अफगान क्षेत्र पर हवाई हमले किए. इन झड़पों का सबसे ज्यादा असर आम नागरिकों पर पड़ा है. लोग सीमावर्ती इलाकों से पलायन कर रहे हैं, तोरखम और चमन बॉर्डर बंद हैं और रोजमर्रा की आवाजाही व व्यापार रुक गया है.
‘भारत की गोद में बैठा है तालिबान’
पाकिस्तान ने अब भारत का नाम घसीटते हुए दावा किया कि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार “भारत की गोद में बैठी है” और “भारत छिप करके युद्ध” लड़ रही है. ये बयान पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का है. यानि इस्लामाबाद अब काबुल और दिल्ली के बीच बढ़ती नजदीकी से परेशान दिख रहा है.
भारत का पलटवार
भारत ने पाकिस्तान के इन आरोपों को तुरंत खारिज कर दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि तीन बातें साफ हैं. पहली, पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है. दूसरी, अपनी नाकामी के लिए पड़ोसियों को दोष देना उसकी पुरानी आदत है.
तीसरी, पाकिस्तान इसलिए परेशान है क्योंकि अफगानिस्तान अब अपने फैसले खुद ले रहा है. उन्होंने कहा कि भारत अफगीनिस्तान की संप्रभुता, अखंडता और स्वतंत्रता का सम्मान करता है और उसी के साथ खड़ा रहेगा. भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है, लेकिन दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारी बातचीत करते रहे हैं. नई दिल्ली फिलहाल “सावधानी से दोस्ती” की नीति पर चल रही है न पूरी दूरी, न पूरी नजदीकी.
ये भी पढ़ें:

