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वेम्बली स्टेडियम में प्रधानमंत्री ने कहा, दुनिया से हम मेहरबानी नहीं बराबरी चाहते हैं

लंदन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ब्रिटेन यात्रा के दूसरे दिन आज भारतीय मूल के लोगों कोवेम्बली स्टेडियम में संबोधित किया. उन्होंने संबोधन की शुरूआत हाथ जोड़कर नमस्ते से की और कहा सालों के बाद आया हूं. आप सभी को भाईदूज की बहुत शुभकामनाएं स्टेडियम मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा. प्रधानमंत्री ने गूड […]

लंदन : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ब्रिटेन यात्रा के दूसरे दिन आज भारतीय मूल के लोगों कोवेम्बली स्टेडियम में संबोधित किया. उन्होंने संबोधन की शुरूआत हाथ जोड़कर नमस्ते से की और कहा सालों के बाद आया हूं. आप सभी को भाईदूज की बहुत शुभकामनाएं स्टेडियम मोदी मोदी के नारों से गूंज उठा. प्रधानमंत्री ने गूड इवनिंग वेंबले. यह एक एतिहासिक दिन है. एक महान साझेदारी है और आप इसकी धड़कन है.

दो महान देशों के बीच, दो लोकतंत्र के बीच, दो शानदार लोगों के बीच हम दोनों देशों के बीच संबंधों को सेलिब्रेट कर रहे हैं. आप सभी का स्वागत है. आप लोगों का शुक्रिया की आपने घर जैसा एहसास कराया. मैं कैमरुन का भी शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने मेरे लिए ऐसे शब्द कहे.

अंग्रेजी में संबोधन के बाद प्रधानमंत्री ने पूछा दिवाली ठीक से मनायी. करीब 12 साल के बाद आपलोगों के बीच आया हूं. 12 साल में टेम्स में बहुत पानी बह चुका है. तब जब मैं आया था तो मुख्यमंत्री के रूप में मिला था और आज जब आया हूं तो देशवासियों ने नयी जिम्मेवारी दी है. आप जो सपना देख रहे हैं उसे पूरा करने की क्षमता भारत में है. भारत को गरीब रहने का कोई कारण नहीं है.

हमने बिना कारण गरीबी पाल रखा है. पता नहीं क्यों आदतन हमें गरीबी को पुचकारने में मजा आने लगा है. भारत सामर्थ्‍यवान है. सवा सौ करोड़ देशवासी,250 करोड़ भुजाएं. 800 मिलियन, 65 प्रतिशत जनसंख्या 35 साल से कम की हो. भारत जवानी से लबालब भरा हुआ देश है. जिस देश के पास इतने युवा हो वो देश अब पीछे नहीं रह सकता वो देश विकास की यात्रा में रूक नहीं सकता.

मैं दो दिन से यहां हूं यूके की सरकार ने , प्रधानमंत्री कैमरुन ने जिस तरह से सम्मान किया उसके लिए मैं उनका आभारी हूं लेकिन ये सम्मान किसी एक व्यक्ति का नहीं सवा सौ करोड़ हिंदुस्तानियों का है. भारत की महान लोकतांत्रिक परंपराओं का है. प्रधानमंत्री कैमरुन के साथ इससे पहले भी बातचीत का मौका मिला है. मैंने अनुभव किया है कि उनसे जब भी मिलना हुआ वह ब्रिटेन में रहने वाले भारतीय समुदाय की इतनी तारीफ करते हैं कि ऐसा लगता है जैसे वो यहां के भारतीय समुदाय के साथ पूरी तरह घुल मिल गये हैं.

भारतीय समुदाय के प्रति उनकी संवेदना साफ नजर आती है. मैं उनके भारतीय के प्रति प्रेम है उसके लिए उनका अभिनंदन करता हूं और आप लोगों का उनके साथ जो नाता है और आपके माध्यम से उन्होने भारत को जिस रूप से जाना है उसके कारण भारत के प्रति भी वही आदर वही लगाव महसूस होता है और कौन भारतीय होगा जिसको इस बात का गर्व ना हो कि ब्रिटिश संसद के सामने महात्मा गांधी खड़े हैं.

यह लंदन की धरती आजादी का जंग इस धरती पर भी भारतीय लोगों ने आकर ताकत दी थी. एक थे श्याम जी कृष्ण वर्मा 1930 में उनका स्वर्गवास हो गया. यहां रहकर उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी इसी कारण यहां के बार एसोसियन ने उन्हें निकाल दिया था. मैं कैमरुन का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने करीब-करीब 100 साल के बाद घड़ी की सुई को उल्टा कर दिया. उन्होंने मुझे बार एसोसियन का वह कागज सौंपा जिसमें उन्हें वकालत के लिए जारी रखने का आदेश था. श्याम जी कृष्ण वर्मा लंदन की धरती पर रहकर लड़ रहे थे. 1930 में जब उनका स्वर्गवास हुआ तो उनकी अंतिम इच्छा थी कि जब भारत आजाद हो तो उनकी अस्थि वहां ले जायी जाये लेकिन बहुत सालों तक कोई नहीं ले गया.

मुझे यह सौभाग्य मिला. मुझे खुशी है कि बार एसोसियन वाला पत्र भी मुझे मिला. मुझे लोग पूछते हैं कि आपका सवा सौ करोड़ का देश मिलजुलकर कैसे रहता है. ऐसा देश जहां 100 भाषाएं है हजारों बोलियां हो, अलग- अलग वेशभूषा हो इतनी विविधता है यही विविधता हमारी शक्ति आन – बान और शान है. आप देखिये पंजाब के हमारे सिख भाई कितनी त्याग और बलिदान की कहानियां जुड़ी है. भारत की आन बान और शान के लिए कितने सिखों ने अपने सिर न्यौछावर कर दिए सिख समाज की विशेषता रही है कि वह मां भारती की भी रक्षा करते रहे और आजाद हिंदुस्तान में भारत माता का पेट भरने के लिए खेतों में पसीना बहाते रहे. इसमें उन्होंने कोई कमी नहीं रखी.

मैं जब कल यहां आया तो सिख समाज के लोग मिलने आये हमने सुख दुख बांटे. मैंने उन्हें विश्वास दिलाया कि आपकी परेशानियों को खत्म करने में लगा हूं आपको उनके नतीजे भी नजर आयेंगे.भारती की धरती पर कबीर और रहीम की बातें सुफी परंपरा आज विश्व में आतंकवाद के जो चीजें चल रही है कभी मुझे लगता है सुफी परंपरा बलवान हुई होती इस्लाम में सुफी परंपरा बढ़ा होता तो हाथ में बंदुक लेने का विचार नहीं करता. ऐसे विविधता से भरी सभी समुदाय भारत में है.

भारतीय समुदाय का व्यक्ति जहां गया वहां सबके साथ रहने का जीने का संस्कार लेकर गया. विविधता के बीच में भी अपनी परंपराओं को बचाते हुए कैसे जीया जाता है यह सीखा है. विश्व भर में फैले हुए भारतीय समाज ने यह संस्कार का परिचय करवाया है और उन्ही के माध्यम से हिंदुस्तान की सही पहचान बनती है. विश्व भर में फैले हुए भारतीय समुदाय को भी इस महान परंपरा कोअपने-अपने व्यहार से अपने चरित्र से अपने आचरण से अभिनंदन के अधिकारी है बधाई के अधिकारी है.

भाईयों बहनों आज विश्व में भारत की अपनी एक गरिमा एक गौरव उसका अनुभव आप भी करते होंगे पूरी दुनिया भारत के प्रति आशा की नजर से देख रही है. भारत का नाम सुनते ही आपको यह महसूस होगा. यही बदलाव भारत की सफलता के निगरानी के रूप में है. विश्व आज भारत को एक शक्ति के रूप में पहचान रहा है. हमारी भी कोशिश है कि भारत का स्थान दुनिया में लोगों के साथ बराबरी का होना चाहिए और हम दुनिया से अब मेहरबानी नहीं चाहते. अगर हम चाहते हैं तो बराबरी चाहते हैं.

पूरी दुनिया के नेता जब भी साथ मिलते हैं तो चीजों की चर्चा जरूर करते हैं आतंकवाद और पर्यावरण. मानवता को बचाने की जिम्मेदारी हर नागरिक की है और भारत इसके लिए सही रास्ता दिखा सकता है. महात्मा गांधी का जीवन उनके उपदेश, अहिंसा का शस्त्र उसमें वो ताकत है कि अगर आज केपरिप्रेक्ष्यमें अगर दुनिया गांधी को समझे तो आतंकवाद और पर्यावरण से निपटने का रास्ता निकल सकता है. कैसे संकट की घड़ी में मानवता के कल्याण के लिए भारत अपनी भूमिका निभाता रहा है और आगे भी निभाता रहेगा मैं आपको विश्वास दिलाता हूं .

भारत आज विकास की ऊंचाइयों की तरफ तेज गति से चल रहा है भारत ने जो गति पकड़ी है उस गति से उस दिशा से बहुत ही जल्द हम उसके फल भी देखने शुरू करेंगे. आजादी के 70 साल के बाद आपको जानकर हैरानी होगी आज भी हिंदुस्तान में 18 हजार गांव ऐसे हैं जहां बिजली का खंभा भी नहीं पहुंचा. आप ये बताइये कि ये काम मुझे पूरा करना चाहिए कि नहीं चाहिए.

आजादी के 70 साल के बाद भी अगर मेरा देशवासी अंधेरे में जीने के लिए मजबूर हैं तो हमें प्रायश्चित करने चाहिए कि नहीं मैंने बीड़ा उठाया है आप मुझे मदद कीजिए आने वाले 1000 दिनों में उन गांवों में बिजली पहुंचाने का संकल्प है. जब मुझे पहली बार लाल किले से संबोधन का मौका मिला बचपन में सोचा नहीं था कि एक दिन चाय बेचने वाला गरीबा परिवार का बेटा लालकिले से हिंदुस्तान का झंडा फहरायेगा. उस दिन मैंने कहा था स्वच्छ भारत का सपना मैंने देशवासियों के सामने रखा. लालकिले से इस घोषणा पर लोगों का आश्चर्य किया. अगर भारत गंदगी से मुक्त हो तो आपको गर्व होगा कि नहीं .

देश ने अपना मन बना लिया है बदलाव नजर आने लगा है. भारत अपनी पुरानी समस्या से मुक्त हो यह जरूरी है लेकिन भारत को आधुनिक भारत भी बनना है समृद्ध भारत भी बनना है. पहली बार लंदन की एक्सचेंज में रुपे बॉंड लेकर आयी है. जब बॉंड की याद आती है तो जेम्स बॉंड की याद आती है. जब बॉंड की बात याद आती है तो ब्रुक बॉंड की याद आती है जेम्स बांड मनोरंजन देता है तो ब्रुक बांड ताजगी देता है अब ना सिर्फ मनोरंजन से चलना है ना सिर्फ ताजगी से चलना है हमे विकास भी चाहिए इसके लिएरुपे बॉंड. फौरन डायरेक्ट निवेश में एफडीआई लेकिन जब एफडीआई की बात करता हूं तो फस्ट डेवेलप इंडिया. देश में विदेशी निवेश में 40 फीसदी की बढोत्तरी हुई है.

विश्व का भारत के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. वही भारत को आगे बढ़ाने की ताकत है. भारत में सैनिक देश की रक्षा कर रहे हैं तो हथियार भी वहीं बनने चाहिए. इसका भारत में निर्माण हो इसकी भी कोशिश करनी है. इसकी टेक्नोलॉजी कैसे आये इस पर भी बल दे रहे हैं शस्त्र की दुनिया में जो बड़े खिलाड़ी है भारत के साथ बातचीत कर रहे हैं. हम दुनिया की वन सिक्स आबादी है. हम सुरक्षा की गारंटी बन जाते हैं हम दुनिया को सुरक्षित रखने की ताकत भी देते हैं. हम अपना तो भला करते हैं साथ ही दूसरों की भलाई भी करना चाहते हैं.

हमने सुर्य पुत्रों को इकट्ठा करने का बीड़ा उठाया है. हम बिजली और उर्जा के लिए यह काम करना चाहते हैं. दो सपने हैं मेरे एक सफाई का दूसरा, 24 घंटे बिजली पहुंचाने का. इसलिए हमने एक अभियान चलाया है सोलर एनर्जी का. 175 गीगावार्ट का लक्ष्य रखा है. पहली बार हिंदुस्तान गीगावार्ट पर सोचने लगा है. सारे विश्व के नेताओं को अचरज होता है. आपको आशीर्वाद से मुझे भरोसा है भारत सुर्य शक्ति राष्ट्र बन सकता है. हम उसे बनाने की दिशा में है. जो छोटे- छोटे टापु देश हैं ऐसे सैकड़ों टापूओं के लिए भी हिंदुस्तान सोच रहा है. विश्व के कई संस्थाएं ये मानते हैं कि भारत बहुत तेज गति से बढ़ने वाली आर्थिक व्यस्था से बढ़ने वाला देश है. बहुत तेजी से हमारा नंबर ऊपर की ओर जा रहा है.

राजस्थान में इमरान खान शिक्षा के लिए समर्पित है. उसने मोबाइल फोन की 50 एप्स बनायी. उसका एप्स ऐसा था कि विद्यार्थियों के लिए काम आये. उसने मुफ्त में यह एप्स समर्पित कर दी. अलवर के इमरान में मेरा हिंदुस्तान है. भाइयों बहनों कुछ समय पहले हरियाणा जहां बेटा और बेटी में बहुत अंतर मैंने अभियान चलायी. सेल्फी विथ डाटर का प्रयोग किया. सारी दुनिया में हर किसी के मोबाइल का इन्ट्रेस्ट सेल्फी विथ डाटर बन गया. ओसिआई (ओवरसिस इंडियन सिटीजन) की समस्‍या से दूर होगी. वीजा मिलने में आसानी होगी. भारत में सरकार ने मदद नाम का एक वेबसाइट चलाया है.15 दिसंबर से लंदन-अहमदाबाद फ्लाइट शुरु हो जाएगी.

यूएन में स्थायी सदस्यता के लिए हमारा समर्थन: कैमरुन

सबसे पहले संबोधन की शुरूआत करते हुए डेविड कैमरुन ने कहा, नमस्ते वेंबले. कैमरुन ने प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की जानकारी शेयर करते हुए कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र देश के प्रधानमंत्री ने मेरे साथ शाकाहारी खाने का मजा लिया. महात्मा गांधी के चरणों में श्रद्धाजंलि अर्पित की. उन्होंने भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आप हमारे लिए बहुत मायने रखते हैं आप हमारे स्कूल में पढ़ाते है कई लोग सैना में है.

हम एक दूसरे से बहुत कुछ सीखते हैं. मैं जानता हूं कि मैं जानता हूं कि हम सब मिलकर इस देश के लिए क्या कर सकते हैं. लंदन में लोग गोवा, पंजाब, गुजरात, मुंबई से लोग आये हैं. कैमरुन ने केम छो वेंबले बोलकर भी लोगों का स्वागत किया. उन्होंने भारत में हुए आम चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी की जीत बहुत बड़ी थी. हमारा संबंध बहुत मजबूत है. भारतीय निवेश से इंग्लैंड में रोजगार के मौके आये हैं. हम भी ब्रिटने में निवेश के लिए ध्यान देंगे. हम स्मार्ट सिटी में डिजिटल इंडिया और वहां के लोगों को स्कील करने में आपकी मदद करेंगे. आपके साथ हम अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी साथ खड़े हैं . यूएन में स्थायी सदस्यता के लिए भी हम आपका साथ देंगे. हम साथ खड़े हैं कंधे से कंधा मिलाकर. हम एक साथ खड़े हैं और आतंकवाद को यह संदेश देना चाहते हैं कि हम उन्हें हरा देंगे. टीम इंडिया और टीम यूके एक साथ हैं. कैमरुन ने मोदी को भाषण के लिए आमंत्रित करते हुए कहा एक चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बना उसने कहा, अच्छे दिन आने वाले हैं मैं यह कहना चाहता हूं अच्छे दिन जरूर आयेगा.

स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम की शुरूआत हो चुकी . एक से बढ़कर एक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डेविड कैमरुन स्टेडियम के मंच तक ले गये. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से पहले दोनों देश का राष्ट्रगान गाया गया.

इस स्टेडियम में लगभग 60,000 भारतीय मूल के लोग जुटे हैं. सुबह से ही लोग कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहुंचने लगे थे. स्टेडियम के बाहर भी लोग काफी संख्या में मौजूद हैं. यहां आने वाले लोग भारतीय ड्रेस में पहुंच रहे हैं. इस स्टेडियम में पहले भी कई महान हस्तियों ने संबोधित किया है. लेकिन पहली बार कोई राजनेता इस स्टेडियम में लोगों को संबोधित किया. पह इससे पहले पीएम मोदी बर्किंघम पैलेस पहुंचे. वहां वो क्वीन एलिजाबेथ के साथ लंच किया.

आज प्रधानमंत्री मोदी यूके-इंडिया CEO फोरम में बिजनस लीडर्स के साथ बैठक किये. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत और यूके आर्थिक रूप से एक-दूसरे के बहुत अनुकूल हैं, उद्योगपति मिलकर भारत-यूके के इस रिश्ते को आगे ले जाएंगे.प्रधानमंत्री ने कहा कि रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल के तहत विकसित करना चाहते है, रक्षा क्षेत्र मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम की बैकबोन है.

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