पेशावर: लडकियों की शिक्षा की पैरोकारी करने वाली मशहूर कार्यकर्ता मलाला यूसुफजई पर साल 2012 में हमले के मामले में पाकिस्तान तालिबान के 10 आतंकवादियों को 25 साल जेल की सजा सुनाई गई है. बीते साल मलाला को शांति का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था.
खैबर पख्तूनख्वाह के स्वात जिले की आतंकवाद विरोधी अदालत ने आरोपियों को दोषी करार देने के बाद आज प्रत्येक हमलावर को 25 साल कैद की सजा सुनाई.तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने अक्तूबर, 2012 में मलाला पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी.
हमले के समय मलाला की उम्र 15 साल थी. स्वात घाटी में जब उनके सिर में गोली मारी गई थी तब वह अपने स्कूली बस में सवार थीं. बीते साल मलाला को भारत के बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल पुरस्कार दिया गया था.
पाकिस्तानी सेना ने सितंबर, 2014 में कहा था कि उसने मलाला पर हमले में शामिल 10 लोगों को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों का कहना है कि इन 10 लोगों का ताल्लुक टीटीपी से है.हमले के समय पुलिस ने 23 साल के अताउल्ला खान नामक एक हमलावर की शिनाख्त की थी, हालांकि उसका नाम इन 10 लोगों में नहीं है.
इस हमले में मलाला बच गई थीं. उनका ब्रिटेन में उपचार चला. बाद में वह अपने परिवार के साथ ब्रिटेन में ही बस गईं.