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इबोला टीका के पहले चरण के परीक्षण का परिणाम सकारात्मक, बढी उम्मीद
बीजिंग : इबोला टीके के क्लीनिकल परीक्षण के पहले चरण से मिले परिणाम से पता चला है कि यह इस्तेमाल में सुरक्षित है और प्रतिरोधी क्षमता को उत्तेजित करता है. अब तक परीक्षण किये गये इबोला वायरस टीके 1976 में जायर में फैली इस बीमारी के वायरस पर आधारित है. चीन में बीमारी रोकथाम और […]
बीजिंग : इबोला टीके के क्लीनिकल परीक्षण के पहले चरण से मिले परिणाम से पता चला है कि यह इस्तेमाल में सुरक्षित है और प्रतिरोधी क्षमता को उत्तेजित करता है.
अब तक परीक्षण किये गये इबोला वायरस टीके 1976 में जायर में फैली इस बीमारी के वायरस पर आधारित है. चीन में बीमारी रोकथाम और नियंत्रण के च्यांग्सू प्रांतीय केंद्र के प्रोफेसर फेंगकाए झू के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने 2014 के जायर गिनी इबोला स्ट्रेन पर आधारित इबोला टीके की सुरक्षा एवं प्रतिरोधक क्षमता का अध्ययन किया.
चीन में थ्यानचिन स्थित बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोटेक्नोलॉजी और थ्यानचिन कानसिनो बायोटैक्नोलॉजी ने यह प्रायोगिक टीका विकसित किया है. शोधकर्ताओं ने 120 स्वस्थ वयस्कों को टीके की कम खुराक या अधिक खुराक दी. च्यांग्सू प्रांत की ताएझाव काउंटी में पहले चरण का यह परीक्षण हुआ.
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