रोवानीमी: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए इस साल जिंगल बेल दो महीने पहले ही बज गयीं क्योंकि उन्होंने आज यहां सांता क्लॉज के आधिकारिक कार्यक्षेत्र का दौरा कर उनसे व्यक्तिगत रुप से मुलाकात की. ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय राष्ट्रपति हैं.
अपनी पुत्री शर्मिष्ठा के साथ राष्ट्रपति ने सांता और उनके एल्व्स से मुलाकात की और आर्कटिक सर्किल को पार करने तथा रेंडीयर को उछलकूद करते हुए देखने समेत अनेक गतिविधियों के साथ दिन बिताया. फिनलैंड की दो दिन की यात्रा पर गये मुखर्जी की यहां मेयर एस्को लोतवोनेन, सिटी काउंसिल के चेयरमैन हीकी आउतो और आर्कटिक सर्किल के प्रबंध निदेशक जर्मो कारीनीमी ने अगवानी की.
उन्होंने आर्कटिक सर्किल पार किया जो सांता क्लॉज गांव जाने वाले पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय परंपरा है.रोवानीमी 66.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर आर्कटिक सर्किल पर स्थित है. यह अक्षांश आर्कटिक क्षेत्र की दक्षिणी सीमा को रेखांकित करता है. मुखर्जी और उनकी बेटी को आर्कटिक सर्किल पार करने के लिए एक प्रमाणपत्र भी दिया गया. बाद में राष्ट्रपति ने एक खेत में रेंडीयरों को घूमते हुए देखा.
आर्कटिक क्षेत्र गर्मियों में रात नहीं होने और सर्दियों में सूर्य नहीं निकलने के लिए जाना जाता है.राष्ट्रपति को स्थानीय लोगों ने जंगली रेंडियरों का शिकार करने के अपने कारोबार के बारे में और मीट, खाल, सींग, दूध और परिवहन के साधन के लिए रेंडीयर के उपयोग के बारे में बताया.सांता क्लॉज के गांव की यात्रा करने वाले भारत के पहले राष्ट्रपति मुखर्जी का सांता के कार्यालय में उनके एल्व्स ने अभिवादन किया. दफ्तर के गेट पर ‘अथ्र्स रोटेशनल स्पीड रेगुलेटर’ नाम का बडा पेंडुलम बज रहा था. राष्ट्रपति ने दिसंबर, 2012 में सांता क्लॉज को मिली लंबी इच्छासूची देखी जिसमें 75,954 इच्छाओं का जिक्र है. उन्होंने वह घडी भी देखी जिसकी सुई केवल क्रिसमस और नये साल की आधी रात में आगे बढती है.
सांता क्लॉज इसी गांव में अपने दफ्तर से कामकाज देखते हैं जहां सालभर लोग उनसे मिल सकते हैं और अपनी इच्छा पूरी करने के लिए कह सकते हैं. मुखर्जी ने सांता के साथ तस्वीर खिंचाते हुए उनके साथ अपनी क्रिसमस की कामना भी साझा की और उन्हें उपहार में संगमरमर का हाथी दिया. राष्ट्रपति ने सांता से कहा, ‘‘भारत में लोग आपसे बहुत प्यार करते हैं. आपसे मुलाकात के साथ आपने मेरा दिन यादगार बना दिया.’’
सांता ने जवाब में कहा, ‘‘ऐसा नहीं है महामहिम, आप इतने बडे देश के राष्ट्रपति हैं. यहां आकर आपने ही मेरा दिन यादगार बना दिया.’’ मुखर्जी ने गांव में सांता के डाकघर का भी भ्रमण किया जहां पूरे साल सांता के लिए चिट्ठियां और पार्सल आते हैं. दुनियाभर के लोग पत्रों के माध्यम से अपनी इच्छा सांता को बताते हैं और उनके एल्व्स लोगों को आर्कटिक सर्किल की विशेष मुहर लगा जवाबी पत्र भेजते हैं. सांता डाकघर में हर साल हजारों पत्र आते हैं. पिछले 20 साल में डाकघर में कुल आठ करोड पत्र और कार्ड आये हैं. मुखर्जी ने सांता के कार्यालय में अतिथि पुस्तिका पर भी दस्तखत किये.
उन्होंने इसमें लिखा, ‘‘मैं सांता क्लॉज के गांव आकर प्रफुल्लित हूं जिन्होंने दुनियाभर में सालोंसाल बच्चों को मंत्रमुग्ध किया है. यह बिल्कुल क्रिसमस का एहसास दिलाता है.’’ सांता क्लॉज गांव फिनलैंड का बडा मजेदार और रोचक स्थान है जहां बडी संख्या में पर्यटक आते हैं. राष्ट्रपति के साथ गये मीडिया के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी सांता क्लॉज को गणेश प्रतिमा भेंट की.
