इसलामाबाद:पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भारत के मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने का निर्णय शांति को बढ़ावा देने की दिशा में उचित कदम है. पाकिस्तानी मीडिया ने ऐसा विचार व्यक्त किया है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने कहा कि भारत के निमंत्रण को स्वीकार कर शरीफ और इससे संबंधित हर शख्स ने बड़ा कदम उठाया है. यह उचित दिशा में उठाया गया कदम है. द न्यूज इंटरनेशनल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने 21 मई को आधिकारिक निमंत्रण भेजा था, जिस पर पांच दिनों बाद शरीफ की तरफ से अंतिम निर्णय आया है. इससे प्रधानमंत्री को अपने सहयोगियों, कैबिनेट के सदस्यों और विदेश मंत्रलय से सलाह-मशविरा करने के लिए पर्याप्त वक्त मिल गया.
शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ और सेना प्रमुख राहील शरीफ के बीच लाहौर में बैठक के बाद यह निर्णय आया. सौभाग्य से गृह मंत्री चौधरी निसार जैसे लोगों से दूरी बनाये रखी गयी. अखबार ने कहा कि शरीफ का मानना था कि सिर्फ फोटो खिंचाने के लिए भारत जाने के बजाये मनोनीत प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक का इसे अवसर माना जाना चाहिए, ताकि नयी शुरुआत की जा सके. शरीफ मोदी के साथ मंगलवार को पहली द्विपक्षीय बैठक करेंगे. स्वदेश वापसी से पहले प्रधानमंत्री, भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मुलाकात करेंगे.
द न्यूज इंटरनेशनल ने लिखा है कि शरीफ पहले ही कह चुके हैं कि नयी सरकार के आते ही वह भारत के साथ फिर से व्यवसाय समझौते करेंगे. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि इतिहास निश्चित रूप से दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों को देख रहा है, जिनके संबंध हमेशा से उतार-चढ़ाव वाले दौरे से गुजरे हैं, जो हमेशा कश्मीर और आतंकवाद के दो मूल मुद्दों से प्रभावित रहा है. इसने कहा, ‘मोदी लोकसभा में पूर्ण बहुमत से आए हैं और उनके साथ बड़े भारतीय औद्योगिक एवं व्यावसायिक घराने हैं. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने, रोजगार सृजन के वादे से वह सत्ता तक पहुंचे हैं और उनकी पार्टी पड़ोसियों के साथ शांति की पक्षधर है, इसलिए नवाज को निमंत्रण मिला है.’