29.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Trending Tags:

Advertisement

राष्ट्रीय बालिका दिवस पर खास : हमसे न लो पंगा, कबड्डी के मैदान में बेटियां दिखा रहीं दमखम

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है़ यानी बच्चियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करने और लड़कियों को नया अवसर देने का खास दिन. इस दिन की शुुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी़ यह दिन लड़कियों को समान अधिकार देने से संबंधित है लड़कियों को जिन असमानता का सामना करना पड़ता […]

आज राष्ट्रीय बालिका दिवस है़ यानी बच्चियों के अधिकार को लेकर जागरूकता पैदा करने और लड़कियों को नया अवसर देने का खास दिन. इस दिन की शुुरुआत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 2008 में की थी़ यह दिन लड़कियों को समान अधिकार देने से संबंधित है लड़कियों को जिन असमानता का सामना करना पड़ता है, उनको दुनिया के सामने लाना और लोगों के बीच बराबरी का अहसास पैदा करना है़ आज का दिन इसलिए भी खास हो जाता है कि आज ही बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत की फिल्म पंगा भी रिलीज हो रही है़ इसकी कहानी एक पूर्व नेशनल कबड्डी प्लेयर (महिला) की है़ इधर, राजधानी में भी होनहार महिला खिलाड़ी कबड्डी के मैदान में जमकर पंगा ले रही हैं. बालिका दिवस पर इन्हीं कबड्डी खिलाड़ियों पर पढ़िए पूजा सिंह की यह रिपोर्ट़
लड़कों के खेल पर लड़कियों का दबदबा
हमारी बेटियां हर क्षेत्र में अपना दम दिखा रही हैं. अपनी पहचान बना रही है़ं पारंपरिक खेल कबड्डी का मैदान जिसपर लड़कों का दबदबा रहा है, वहां भी बेटियां किसी से कम नहीं हैं. राष्ट्रीय स्तर पर भी इस खेल में पूरी ताकत दिखा रही हैं. अनगड़ा, जोन्हा सहित विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियां प्रतिदिन कबड्डी की प्रैक्टिस कर रही है़ं
कबड्डी कोच प्रवीण सिंह के अनुसार : वह 2015 से सुदूर ग्रामीण इलाकों में कबड्डी के खिलाड़ियों को उभारने के लिए मेहनत कर रहे हैं. खासकर लड़कियों में इस खेल से जोड़ने की कोशिश की जा रही है. उन्हें कबड्डी का महत्व बताया जा रहा है. ट्रेनिंग भी दी जाती है. अभी आठ गांवों के लिए एक सेंटर बनाया गया है. यहां प्रतिदिन दो घंटे ट्रेनिंग दी जाती है. इनमें 30-40 लड़कियां कबड्डी की ट्रेनिंग ले रही है़ं इसमें कुछ लड़कियों ने नेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनायी है़
बिरसा मुंडा स्टेडियम में ट्रेनिंग की सुविधा
मोरहाबादी स्थित बिरसा मुंडा स्टेडियम में प्रतिदिन शाम चार बजे से छह बजे तक कबड्डी की ट्रेनिंग दी जाती है़ यहां झारखंड सरकार की ओर से दो सेंटर चलाये जा रहे हैं. अंडर-16 और पे एंड प्ले ट्रेनिंग सेंटर है़
दोनों में 50 लड़कियां प्रशिक्षण ले रही है़ं पे एंड प्ले ट्रेनिंग में नये एडमिशन के लिए 500 रुपये देने पड़ते है़ं जबकि राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को नि:शुल्क ट्रेनिंग दी जाती है़ साथ ही सरकार प्रतिमाह हर खिलाड़ी को 500 रुपये देती है़ साल में एक बार कीट उपलब्ध कराती है. इसमें कपड़े और जूते आदि शामिल होते हैं. साथ ही खिलाड़ियों को कोच की सुविधा दी जाती है. कैंप और सेमिनार का आयोजन होता है.
दिखा चुकी हैं राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा
मोरहाबादी सेंटर से अब तक 75 से अधिक लड़कियां राष्ट्रीय स्तर पर कबड्डी प्रतियोगिता में शामिल हो चुकी हैं. इसमें एसजीएफ, जूनियर, सब जूनियर जैसी कैटेगरी है़ इंडिया कैंप में मोनिका टोप्पो, नर्मता निशा, पूनम कुमारी हिस्सा ले चुकी है़ं एसजीएफआइ में महिला कबड्डी खिलाड़ी को तीसरा स्थान भी मिल चुका है़
14 वर्षों से कबड्डी में सबको चकमा दे रही हैं नेहा कच्छप
पुरानी रांची की रहनेवाली नेहा कच्छप 14 साल से कबड्डी में परचम लहरा रही है़ं उन्हें बिहार झारखंड में कबड्डी में बेस्ट कैचर का खिताब भी मिल चुका है़ नेहा ने इस सफर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन कभी पीछे नहीं हटी. वह बताती हैं : छठी कक्षा में स्कूल से जयपाल सिंह स्टेडियम में कबड्डी खेलने के लिए ले जाया गया था, लेकिन मेरा सेलेक्शन नहीं हुआ. हताश होने के बाद प्रैक्टिस की और अपना बेस्ट दिया. दूसरी बार सेलेक्शन हो गया. यहीं से कबड्डी का सफर शुरू हुआ. इस दौरान मम्मी-पापा को लोग हमेशा कहते थे कि लड़की है़ कबड्डी के खेल में चोट लग जायेगी. लेकिन मां ने हमेशा सपोर्ट किया. नेशनल खेलने पर गांव ने सम्मानित भी किया. शादी के बाद पति मुकेश लकड़ा ने भी हमेशा साथ दिया.
चोट लगने के बाद भी पूनम ने अपना हौसला नहीं खाेया
पूनम कुमारी कोकर में रहती है़ं रांची विवि से पीजी की पढ़ाई कर रही है़ं साथ ही कबड्डी में 12 नेशनल मुकाबला खेल चुकी है़ं वह कहती हैं : कबड्डी में रुचि स्कूलिंग के दौरान हुई. सिस्टर ने कबड्डी के बारे में बताया. 10 वर्षों से कबड्डी में दम दिखा रही हूं. नेशनल लेवल पर पहचान बनी. प्रतिदिन दो घंटे की प्रैक्टिस लगातार जारी है.
पढ़ाई के बीच समय निकालकर प्रैक्टिस करना रूटीन का हिस्सा है. डिस्ट्रिक में जब गोल्ड मेडल मिला, तो मनोबल बढ़ा. एक बार लखनऊ में गेम के दौरान चोट लग गयी. इसके बावजूद खेल में आगे बढ़ती रही. पढ़ाई और खेल यही मेरी लाइफ है़ कबड्डी में आज भी लड़कियां आगे बढ़ने की उम्मीद से आती है़ं अगर उन्हें बेहतर प्रैक्टिस करायी जाये, तो वह अपनी पहचान बना सकती है़ं
स्टेडियम साइकिल से प्रैक्टिस करने आती थीं शिखा पन्ना
शिखा पन्ना पंडरा में रहती हैं. कबड्डी के प्रति उनके पिता ने प्रेरित किया और प्रैक्टिस के लिए हमेशा उन्हें साथ लेकर जाते रहे. वह बताती हैं : पिताजी ने कबड्डी के प्रति रुचि बढ़ायी. इस खेल के लिए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया. कबड्डी का सफर 2007 से शुरू हुआ.
अब तक सात नेशनल लेवल पर गेम खेल चुकी हूं. आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद मां पापा ने हमेशा सपोर्ट किया. पंडरा से जयपाल सिंह स्टेडियम अकेले साइकिल से प्रैक्टिस के लिए आती थी. आस-पड़ोस के बच्चों को भी इस खेल से जुड़ने के लिए स्टेडियम लेकर आती, लेकिन दूर होने के कारण कई बच्चों ने आने से मना कर दिया. झारखंड सरकार हम जैसी कबड्डी खिलाड़ियों को मदद करे, तो कई लड़कियां खेलने को तैयार हो जायेंगी.
आठ बार नेशनल लेवल पर ताकत दिखा चुकी हैं सरस्वती
हिनू की सरस्वती तिर्की पांच वर्षों से कबड्डी से जुड़ी है़ं कबड्डी में अब तक आठ बार नेशनल लेवर पर बेहतर प्रदर्शन कर चुकी हैं वह बताती हैं : स्कूल में गेम टीचर ने कबड्डी का महत्व बताया. गेम टीचर के बताने के बाद प्रैक्टिस शुरू की. पहली बार कर्नाटक से खेलने का मौका मिला. इससे मेरा और परिवार की उम्मीद बढ़ती गयी.
गेम को लेकर परिवार ने हमेशा साथ दिया. अभी डोरंडा कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही हैं. इसके साथ प्रैक्टिस भी जारी है. सरस्वती कहती हैं : इस खेल के साथ मुझे डिफेंस में जाना है़ पढ़ाई के बाद उसकी भी तैयारी करनी है़ इस खेल के प्रति लड़कियों का रूझान काफी बढ़ा है. यदि इनपर ध्यान दिया जाये, तो वह बेहतर प्रदर्शन कर सकती है़ं
रांची जिला से अधिक से अधिक युवतियों को कबड्डी से जोड़ने का प्रयास है़ भविष्य के रांची की लड़कियां कबड्डी में और भी बेहतर करके देश का नाम रोशन करेंगी. कबड्डी का विकास और इसे गांव के हर स्थान पर पहुंचाने की कोशिश रहेगी़
-प्रवीण कुमार सिंह, महासचिव, रांची जिला कबड्डी एसोसिएशन
कबड्डी के क्षेत्र में काफी संख्या में युवतियां अपनी प्रतिभा दिखा रही है़ं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बना रही है़ं कबड्डी में लड़कियों को आगे बढ़ता देखकर अन्य लड़कियां भी इस खेल में आगे बढ़ रही है़ं
-हरीश कुमार, कबड्डी कोच

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें