19.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

विभिन्न पॉलिमर से बनते हैं प्लास्टिक प्रोडक्ट

पॉलीएथिलीन टेरेपथैलेट (पीइटी) : इस पॉलिमर से पानी की बोतलें, डिस्पेंसिंग कंटेनर, बिस्कुट ट्रे आदि बनाये जाते हैं. हाइ डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एचडीपीइ) : इससे शैंपू व दूध की बोतलें, फ्रीजर में रखे जानेवाले बैग, आइसक्रीम कंटेनर आदि निर्मित होते हैं. लो डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एलडीपीइ) : बैग, ट्रे, कंटेनर, खाना पैक करने की फिल्म इसी पॉलिमर […]

पॉलीएथिलीन टेरेपथैलेट (पीइटी) : इस पॉलिमर से पानी की बोतलें, डिस्पेंसिंग कंटेनर, बिस्कुट ट्रे आदि बनाये जाते हैं.

हाइ डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एचडीपीइ) : इससे शैंपू व दूध की बोतलें, फ्रीजर में रखे जानेवाले बैग, आइसक्रीम कंटेनर आदि निर्मित होते हैं.

लो डेंसिटी पॉलीएथिलीन (एलडीपीइ) : बैग, ट्रे, कंटेनर, खाना पैक करने की फिल्म इसी पॉलिमर से तैयार की जाती है.

पॉलीप्रोपाइलीन (पीपी) : चिप्स के पैकेट, माइक्रोवेव के बर्तन, आइसक्रीम टब, बोतल के ढक्कन पॉलीप्रोपाइलीन से बनाये जाते हैं.

पॉलीस्टाइरीन (पीएस) : कटलरी, प्लेट, कप आदि का निर्माण पॉलीस्टाइरीन पॉलिमर से किया जाता है.

एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइरीन (इपीएस) : प्रोटेक्टिव पैकेजिंग, गर्म पेय पदार्थों के कप इसी पॉलिमर से तैयार किये जाते हैं.

पैकेजिंग उद्योग के प्लास्टिक अपशिष्ट
आइसीआइएस सप्लाइ व डिमांड डेटाबेस (2014) से प्राप्त रिपोर्ट (संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण के सौजन्य से ) के अनुसार, वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष 40 करोड़ टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन हुआ 2015 में. जिसका सबसे ज्यादा उपभोग पैकेजिंग उद्योग द्वारा किया गया. इस प्रकार पैकेजिंग इंडस्ट्री ने 36 प्रतिशत प्लास्टिक अपशिष्ट उत्पन्न किया.

बिल्डिंग व कंस्ट्रक्शन ने 16, टेक्सटाइल ने 14, कंज्यूमर व इंस्टीट्यूशनल प्रोडक्ट्स ने 10, ट्रांसपोर्टेशन ने सात, इलेक्ट्रिकल/ इलेकट्रॉनिक्स ने चार व इंडस्ट्रियल मशीनरी ने एक प्रतिशत प्लास्टिक कचरा पैदा किया. शेष उद्योगों द्वारा 12 प्रतिशत कचरा उत्पन्न किया गया.

सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन में नॉर्थ-इस्ट एशिया शीर्ष पर
आइसीआइएस सप्लाइ व डिमांड डेटाबेस (2014) की रिपोर्ट कहती है कि सिंगल यूज या डिस्पोजेबल प्लास्टिक का सबसे ज्यादा 26 प्रतिशत उत्पादन पूर्वोत्तर एशिया (नॉर्थ इस्ट एशिया) द्वारा किया जाता है. वहीं उत्तरी अमेरिका में इसका उत्पादन 21 प्रतिशत, पश्चिम एशिया में 17, यूरोप में 16, एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12, मध्य व दक्षिण अमेरिका में चार, पूर्व सोवियत संघ में तीन अौर अफ्रीका में एक प्रतिशत होता है.

भारत में प्रति व्यक्ति 11 किलो प्लास्टिक खपत

  • प्लास्टिक उपभोग का वैश्विक आंकड़ा प्रति व्यक्ति 28 किलो है.
  • अमेरिका में प्रति व्यक्ति 109 किलो, चीन में 38 किलो और भारत में 11 किलो प्लास्टिक उपभोग किया जाता है.
  • एक अनुमान के अनुसार, वर्ष 2022 तक भारत में प्रति व्यक्ति प्लास्टिक खपत 20 किलो तक पहुंच जायेगी.
  • वर्ष 2020 तक प्रतिवर्ष प्लास्टिक खपत के दो करोड़ टन तक पहुंच जाने की उम्मीद है.
  • कुल उत्पादित प्लास्टिक का 80 प्रतिशत पैकेजिंग सेक्टर में इस्तेमाल होता है.स्रोत : टेरी
Prabhat Khabar Digital Desk
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel