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जेइइ एडवांस्ड-2018 : सभी विषयों पर पकड़ दिलायेगी अच्छी रैंक, जानें कैसे करें तैयारी

आइआइटी कानपुर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) के 23 कैंपसों के बीटेक प्रोग्राम में प्रवेश के लिए जेइइ एडवांस्ड-2018 का आयोजन करने जा रहा है. पूर्ण रूप से ऑनलाइन माध्यम पर होने जा रही इस परीक्षा में सफल छात्र आइआइटी में पढ़ने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे. जेइइ मेंस […]

आइआइटी कानपुर देश के प्रतिष्ठित संस्थानों में शुमार भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आइआइटी) के 23 कैंपसों के बीटेक प्रोग्राम में प्रवेश के लिए जेइइ एडवांस्ड-2018 का आयोजन करने जा रहा है.
पूर्ण रूप से ऑनलाइन माध्यम पर होने जा रही इस परीक्षा में सफल छात्र आइआइटी में पढ़ने का अपना सपना पूरा कर सकेंगे. जेइइ मेंस में प्राप्त अंकों के आधार पर इस बार जेइइ एडवांस्ड-2018 के लिए 2,31,000 छात्रों को सफल घोषित किया गया है.
एनालिटिकल स्किल को परखनेवाली इस परीक्षा में आपकी कामयाबी संतुलित तैयारी के साथ-साथ बचे समय में आत्मविश्वास भरी रणनीति पर भी निर्भर करेगी. परीक्षा की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुटे छात्रों को बचे समय का संतुलित उपयोग करने के टिप्स, विशेषज्ञ की सलाह और विषयवार तैयारी की कार्ययोजना पर केंद्रित है आज का यह विशेष पेज..
आरएल त्रिखा
डॉयरेक्टर, फिटजी
आइआइटी-जेइइ के प्रश्नपत्र में कक्षा 11वीं और 12वीं से क्रमश: 45 प्रतिशत और 55 प्रतिशत पाठ्यक्रम शामिल होता है. अच्छी रैंक हासिल करने के लिए छात्रों को किसी खास टॉपिक या विषय पर फोकस करने के बजाय सभी टॉपिक की ठोस तैयारी करनी चाहिए. जब आप फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स की तैयारी कर रहे होते हैं, तो कुछ टॉपिक पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत होती है, जैसे-
मैथमेटिक्स : क्वाड्रेटिक इक्वेशन व एक्सप्रेशंस, कॉम्पलेक्स नंबर्स, प्रोबेबिलिटी, वेक्टर्स व 3डी जियोमेट्री, मैट्रिसेज इन अल्जेब्रा, सर्किल, पैराबोला, को-ऑर्डिनेट जियोमेट्री में हाइपरबोला, फंक्शंस, लिमिट्स, कांटिन्युटी एंड डिफरेंशिबिलिटी, एप्लीकेशन ऑफ डेरिवेटिव्स, कैल्कुलस में डेफिनिट इंटीग्रल.
फिजिक्स : मेकेनिक्स, फ्ल्यूइड, हीट एंड थर्मोडायनेमिक्स, वेव एंड साउंड, कैपिसिटर एंड इलेक्ट्रोस्टेटिस्टिक्स, मैग्नेटिक्स, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन, ऑप्टिक्स एंड मॉडर्न फिजिक्स.
केमिस्ट्री : क्वालिटेटिव एनालिसिस, को-ऑर्डिनेशन केमिस्ट्री व केमिकल बॉन्डिंग इन इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री, इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री, थर्मोडायनेमिक्स, केमिकल एक्वीलिब्रियम इन फिजिकल केमिस्ट्री व ऑर्गेनिक केमिक्ट्री.
जरूरी है सभी विषयों को बराबर समय देना
जेइइ एडवांस्ड परीक्षा में छात्रों के लिए सभी विषयों के महत्व को समझना और सभी सेक्शन के प्रश्नों को हल करने के लिए खास स्ट्रेटजी तैयार करना बेहद जरूरी है. जेइइ एडवांस्ड के प्रश्नों को हल करने के लिए छात्र में समझ, तर्क और विश्लेषणात्मक कौशल का होना अत्यंत आवश्यक है. परीक्षा में अच्छा परफॉर्म करने के लिए आवश्यक है कि छात्र अपनी तैयारी और टाइम मैनेजमेंट के बीच सही तालमेल बैठा सकें.
सैंपल पेपर से अभ्यास करें. ऐसा करने से परीक्षा हॉल में जाने से पहले ही अपनी तैयारी और परफॉर्मेंस को लेकर आत्मविश्वास होगा.
यह काफी जरूरी है कि छात्र परीक्षा के तीनों विषय के प्रश्नों को हल करने में बराबर समय दें. कुछ समय प्रश्न पत्र हल करने बाद एक बार सभी उत्तरों को रीचेक करने के लिए भी बचाएं.
किसी एक प्रश्न को हल करने में अत्यधिक समय न लगाएं. जो प्रश्न आपको अच्छी तरह से तैयार हैं, उसे पहले हल करें.
गणित
बीते वर्ष के जेईई प्रश्नपत्रों से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि कॉम्पलेक्स नंबर्स, वेक्टर्स, 3डी व डेफिनिट इंटीग्रल की तैयारी को विशेष प्राथमिकता देने की जरूरत है.
अगर आप किसी फंक्शन के ग्राफ के रूप में कल्पना करने, वर्टिकल व हॉरिजेंटल ऑरिजन शिफ्ट को अप्लाई करने (जैसे जीरो ऑफ फंक्शंस व अन्य स्पेशफिक वैल्यूज) में सक्षम हैं, तो अल्जेब्रा के प्रश्नों को आसानी से हल कर पायेंगे.
रूट्स ऑफ इक्वेशन को हल करने में डिफरेंशियल कैल्कुलस की बड़ी भूमिका होती है, खासकर जब आप रोल्स व लैगरांजे थ्योरम का प्रयोग कर रहे होते हैं.
को-ऑर्डिनेट जियोमेट्री के प्रश्नों को हल करने में कॉम्पलेक्स नंबर्स का इस्तेमाल किया जा सकता है. ट्रिग्नोमेट्रिक प्रश्नों में डी’ मॉयवर थ्योरम के एप्लीकेशन की जरूरत होती है.
अल्जेब्रा में पर्म्युटेशन-कॉम्बिनेशन और प्रोबेबिलिटी बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक हैं. बेज थ्योरम के बेसिक्स, डिअरेंजमेंट और डिस्ट्रीब्यूशन के विभिन्न तरीकों, ऑब्जेक्ट के आइडेंटिकल होने और आइडेंटिकल नहीं होने की स्थिति आदि का बारीक अध्ययन होना आवश्यक है.
मैट्रिसेज को इक्वेशन से रिलेट किया जा सकता है, जैसे, 3×3 मैट्रिक्स को 3डी जियोमेट्री में थ्री-प्लेन्स के रूप में विजुअलाइज किया जा सकता है. डिटरमिनेंट्स की कुछ खास प्रोपर्टीज होती हैं, जैसे रो/ कॉलम के आधार पर उसे दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसका कठिन प्रश्नों का हल करने में इस्तेमाल किया जा सकता है.
कुछ खास ट्रिक्स का इस्तेमाल कर और इंटीग्रेबल फंक्शंस के कुछ बेसिक वैराइटीज को ध्यान में रखते हुए इंटीग्रल कैल्कुलस को आसान बनाया जा सकता है. प्रॉपर्टीज को याद रख कर और उसका सही इस्तेमाल कर बहुत समय बचा सकते हैं.
को-ऑर्डिनेट जियोमेट्री में विभिन्न प्रकार के कोनिक सेक्शंस के पैरामीट्रिक फॉर्म्स की जानकारी जरूरी है. कठिन को बेसिक फॉर्म में कंवर्ट करने व फिर उसके मुताबिक हल निकालने का ज्ञान होना जरूरी है.
आखिर में, पुराने प्रश्नपत्रों के प्रश्नों के प्रारूप को ध्यान में रखते हुए गणित के प्रश्नों का अधिक से अधिक अभ्यास करने की जरूरत है, तभी मैथ्स में अच्छा प्रदर्शन कर पायेंगे.
फिजिक्स
क्विक टिप्स
जरूरी है फार्मूलों को बारीक तैयारी
फार्मूलों का डेरिवेशन सीखना अति आवश्यक
स्कोरिंग टॉपिक पर हो विशेष निगाह
निरंतर और समझदारी भरा अभ्यास है जरूरी
फिजिक्स में मेकेनिक्स एक ऐसा टॉपिक है, जिसे ज्यादातर एक्सपर्ट कम स्कोरिंग मानते हैं. लेकिन, जेइइ एडवांस्ड में इस टॉपिक से बड़ी संख्या में प्रश्न पूछे जाते हैं. ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.
अच्छे प्रदर्शन के लिए फिजिक्स के अन्य महत्वपूर्ण और स्कोरिंग टॉपिक्स की भी तैयारी जरूरी है. जैसे कि ऑप्टिक्स, इलेक्ट्रिसिटी और मैग्नेटिज्म आदि.
मेकेनिक्स में काइनेमेटिक्स व पार्टिकल डायनेमिक्स महत्वपूर्ण टॉपिक हैं, जिससे अक्सर सवाल पूछे जाते हैं.जेइइ के पुराने प्रश्नपत्रों को देखें, तो मेकेनिक्स, इलेक्ट्रिसिटी और मैग्नेटिज्म ऐसे टॉपिक हैं, जिससे अधिक संख्या में प्रश्न पूछे जाते रहे हैं.
पुराने प्रश्नपत्रों के आधार पर देखें, तो इन टॉपिक से अधिक प्रश्न पूछे गये हैं-
मेकेनिक्स व इलेक्ट्रिसिटी व मैग्नेटिज्म (सभी महत्वपूर्ण) – मॉडर्न फिजिक्स, ऑप्टिक्स, हीट एंड थर्मोडायेनेमिक्स और वेव एंड साउंड, मीजरमेंट व एरर.
फिजिक्स और केमिस्ट्री दोनों के ही नजरिये से थर्मोडायनेमिक्स अति महत्वपूर्ण टॉपिक है, अत: इस पर अधिक एकाग्र होने की जरूरत है. ऑप्टिक्स में सबसे पहले ‘वेव ऑप्टिक्स’ को कवर करना समझदारी भरा कदम होगा. इसका एक कारण यह भी है कि रे ऑप्टिक्स की तुलना में यह छोटा है, जिससे आसानी से कवर किया जा सकता है.
केमिस्ट्री
क्विक टिप्स
कन्संट्रेशन और एप्लीकेशन स्किल बढ़ाने पर हो विशेष जोर
पेशेंस और अटेंशन के साथ जारी रखें पढ़ाई-
रिएक्शंस का करें खूब अभ्यास
जारी रखें रीविजन
केमिस्ट्री की तैयारी करते समय निर्धारित सिलेबस के कंसेप्ट की क्लेरिटी, एप्लीकेशन स्किल व अवेयरनेस पर फोकस जरूरी है.
गति बढ़ाने के लिए रोजाना न्यूमेरिकल प्रश्नों का अभ्यास करें. तैयारी करते समय मोल कंसेप्ट, केमिकल इक्वीलिब्रियम व इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री जैसे टॉपिक की विशेष रूप से तैयारी करने की जरूरत है.
ऑर्गेनिक केमिस्ट्री की सावधानी और धैर्य पूर्वक तैयारी करने की जरूरत है, इसमें स्टीरियोकेमिस्ट्री, जीओसी (जनरल ऑर्गेनिक केमिस्ट्री) व फंक्शनल ग्रुप एनालिसिस जैसे टॉपिक महत्वपूर्ण हैं.
इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री में पूछे जानेवाले ज्यादातर प्रश्न कंसेप्चुअल होते हैं, स्ट्रक्चर्स, प्रॉसेस व एप्लीकेशंस पर आधारित होते हैं. इसमें केमिकल बॉन्डिंग और को-आर्डिनेट केमिस्ट्री पर विशेष रूप से ध्यान देने की जरूरत है.
तीन बातों का रखें विशेष रूप से ख्याल
सभी चैप्टर और विषयों का क्विक रीविजन
मॉक टेस्ट पेपर को हल करने का अधिकाधिक प्रयास
परीक्षा प्रारूप के मुताबिक ज्यादा-से-ज्यादा तैयारी
परीक्षा में क्या है खास
जेइइ एडवांस्ड का पहला पेपर सुबह 9 से 12 बजे के बीच और दूसरा पेपर दोपहर 2 बजे से 5 बजे की बीच आयोजित किया जायेगा.
परीक्षा में तीन-तीन घंटे की अवधि दो प्रश्नपत्र होंगे. दोनों प्रश्नपत्र तीन खंड फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स पर आधारित होंगे. प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे, जिससे छात्रों के कांप्रिहेंसन, रीजनिंग और विश्लेषणात्मक कौशल को परखा जायेगा.
ऑब्जेक्टिव प्रकार के प्रश्नों में उत्तर के लिए विकल्प दिये जायेंगे और इसमें न्यूमेरिकल प्रश्न भी होंगे. परीक्षा पूर्ण रूप से कंप्यूटर आधारित होगी. बीते वर्षों के भांति कुछ प्रश्न नेगेटिव मार्किंग पर आधारित होंगे, तो कुछ प्रश्नों के लिए नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान लागू नहीं होगा. कुछ प्रश्न मैट्रिक्स मैच टाइप पर आधारित होंगे. प्रश्नपत्र हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों में उपलब्ध होगा.

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