दशमत सोरेन
बेटियां हर कदम पर आगे बढ़ रही हैं और इतिहास रच रही हैं. वे अपनी लगन, परिश्रम, बुद्धिमता व प्रतिभा की बदौलत सफलता के झंडे गाड़ रही हैं. वे माता-पिता व परिवार का नाम रोशन करने के साथ-साथ समाज का नाम भी गर्व से ऊंचा कर रही हैं. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले के छोटे से गांव गोपालपुर की रहने वाली 20 वर्षीय मल्टी टैलेंटेड आदिवासी बाला डोगोर मनी टुडू झारखंड, बंगाल, ओड़िशा, असम समेत अन्य आदिवासी बहुल राज्यों में अपने मधुर गीत व एक्टिंग के दमखम पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है.
वह इतने कम उम्र में एक सफल गायिका होने के साथ-साथ अच्छी अदाकारा भी हैं. डोगोर टुडू का नाम अच्छे एक्टर व सिंगर में शुमार है. उनके हजारों नहीं, लाखों फैन हैं. वह एक हजार से भी ज्यादा गानों में अपना स्वर दे चुकी हैं.
माता-पिता के सपनों को पूरा करने की है तमन्ना : डोगोर मनी बताती हैं कि उन्हें माता-पिता के सपनों को साकार करने की तमन्ना है. इसके लिए वह लगातार प्रयास भी कर रहीं हैं.
माता-पिता के कहे व बताये राह पर चलते हुए सिंगिग व एक्टिंग के क्षेत्र में खूब मेहनत कर रहीं हैं. इस क्षेत्र में वह करीब 14-15 सालों से सक्रिय हैं. उसने अब तक सैकड़ों स्टेज शो लाइव परफॉरमेंस दी हैं. शुरुआत बांग्ला गीत व जात्रा से की थी. उसके बाद मातृभाषा संताली समेत अन्य क्षेत्रीय भाषा की गीत गाने लगी.. बेहतर परफॉरमेंस कीबदौलत आॅल इंडिया संताली फिल्म एसोसिएशन समेत अन्य कई संगठनों ने उन्हें सम्मानित किया है.
संताली ऑनर्स की छात्रा है डोगोर : डोगोर मनी बीए पार्ट थर्ड इयर की छात्रा है. संताली भाषा में प्रतिष्ठा कर रहीं हैं. वह एक्टिंग, सिंगिंग व पढ़ाई में बेहतर तालमेल बनाने का प्रयास कर रही हैं. फिल्म, एलबम की शूटिंग व स्टेज परफॉरमेंस की वजह से कभी-कभी समय नहीं मिल पाता है. बावजूद इसके जब भी मौका मिलता है, कॉलेज जाती हैं. बड़ी बहन होने की वजह से घर की भी जिम्मेवारियां हैं, इसलिए घर में खाना बनाने से लेकर सारा काम काज करती हैं.
माता-पिता भी थे कलाकार : डोगोर बताती हैं कि उन्हें एक्टिंग, सिंगिंग, डांसिंग के गुण विरासत से मिली है. माता-पिता भी अच्छे कलाकार थे. बांग्ला जात्रा करते थे. पिताजी स्व अनिल वरण टुडू एक लेखक व कलाकार थे. वे कई बांग्ला जात्रा लिख चुके हैं. उनके दादाजी ज्योतिंद्र नाथ टुडू भी अपने जमाने में एक अच्छे कलाकार हुआ करते थे. वर्तमान में छोटी बहन भी सिंगिंग व एक्टिंग के क्षेत्र में ही आगे बढ़ रही हैं.
संताली फिल्म बुरूकोचा कुड़ी जल्द होगी रिलीज : डोगोर को रुपहले बड़े पर्दे पर संताली फिल्म बुरूकोचा कुड़ी में पहला ब्रेक मिला है. हालांकि उनकी पहली फूललेंथ की मूवी है. झारखंड, बंगाल, ओड़िशा के प्रमुख लोकेशन में इसकी शूटिंग चल रही है. यह फिल्म संभवत: मार्च में रिलीज होगी. हालांकि इससे पहले दो दर्जन से भी ज्यादा संताली व अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की एलबम में काम कर चुकी है.
आत्मविश्वास से मिलती है सफलता : डोगोर कहती है कि आत्मविश्वास से सफलता मिलती है. क्योंकि आत्मविश्वास के अभाव में हमारी मौलिकता और रचनात्मकता दब जाती है. जब से उसने खुद पर भरोसा किया, तब उन्हें कभी भी निराशा हाथ नहीं लगी.