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इंटरनेट और सोशल मीडिया के कारण उम्र से पहले ही बड़े हो रहे बच्चे, ये किस राह पर चला बचपन गलत चीजों में अटका मन

हाल में दो खबरें चर्चा में है एक खबर दिल्ली की है जहां चार साल के एक बच्चे के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ है़ और दूसरी पटना की खबर है जिसमें कक्षा आठ का एक स्टूडेंट अपनी टीचर को एसएमएस कर ‘आई लव यू’ जैसे संदेश भेजता था़ अब सवाल यह उठता है […]

हाल में दो खबरें चर्चा में है एक खबर दिल्ली की है जहां चार साल के एक बच्चे के खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ है़ और दूसरी पटना की खबर है जिसमें कक्षा आठ का एक स्टूडेंट अपनी टीचर को एसएमएस कर ‘आई लव यू’ जैसे संदेश भेजता था़ अब सवाल यह उठता है कि इतनी कम उम्र में बच्चों को ये क्या हो रहा है, उनका मन क्यों भटक रहा है़ दरअसल, छोटी सी उम्र के बच्चे गलत चीजों के प्रति बहुत जल्दी आकर्षित हो जाते हैं और गलत आदतों के शिकार हो जाते हैं. ऐसे में स्वाभाविक है कि बच्चे और उनसे जुड़ा उनका मनोविज्ञान, उनका स्वभाव, उनका व्यवहार सबकुछ बदल रहा है. मगर ये सबसे बड़ी चिंता का विषय है. ये बदलाव बच्चों को बहुत ही गंभीर, खतरनाक और नकारात्मक दिशा की ओर अग्रसर कर है, कभी- कभी तो लगता है कि बच्चे अपनी उम्र से कई गुना अधिक परिपक्व हो गये हैं. यह बदलाव उस माहौल और परिवेश से आया है जिसमें आज के बच्चे पल रहे हैं. आज उनके माता-पिता के पास उनके लिए वक्त नहीं है. उन्हें अपनों का मार्गदर्शन नहीं मिल रहा और भी कई वजहें हैं जिनकी पड़ताल करती अश्वनी कुमार राय की रिपोर्ट.

अपनी राह से भटक रहे हैं नौनिहाल
इन दिनों बच्चों में बचपना कम होता जा रहा है. वे दिन प्रति दिन अपनी उम्र से कई गुणा ज्यादा बड़े हो रहे हैं और अपनी हरकतों से लोगों को सोचने पर मजबूर कर रहे हैैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण अभी हाल भी हुई दो घटना है जिसमें पहली खबर यह है कि, किसी निजी स्कूल में चार साल के बच्चे ने अपनी उम्र की लड़की के साथ अश्लील हरकत करते नजर आया था. बच्चे की इस हरकत को देख स्कूल प्रशासन से लेकर परिवार के सदस्य तक सदमें में हैं. वही दूसरी खबर, जिसमें आठवीं क्लास के लड़के ने अपनी क्लास की शिक्षिका को बुरी नीयत से देखा. इसमें यह भी बात सामने आयी थी कि वह बच्चा पढ़ाई पर ध्यान न देकर टीचर के अन्य गतिविधियों पर ध्यान दे रहा था. इतना ही नहीं वह घर जा कर मैसेज द्वारा अपनी शिक्षिका को आई लव यू तक कह डाला. इसके अलावा उस बच्चे ने टीचर को मैसेज से लगातार परेशान करने लगा. इससे तंग आकर टीचर ने महिला हेल्प लाइन में अपनी शिकायत दर्ज करायी. आये दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसमें छोटे-छोटे बच्चों की बड़ी-बड़ी करतूते सामने आ रही है.

बच्चों की सही देख-रेख है जरूरी
आजकल पैरेंट्स अपने बच्चों के लिए पूरा टाइम नहीं निकाल पाते हैं, जिससे कि वह अपने बच्चों के साथ खुल कर बात कर सके. इसका खामियाजा बच्चों को अन्य तरह की चीजों के साथ भुगताना पड़ रहा है. आज के जमाने में बच्चे कब बड़े हो जा रहे हैं इसका अंदाज पैैरेंट्स भी नहीं पता होता. उन्हें यह नहीं पता होता है कि बच्चे अपने खाली समय में किस चीज में बीजी हैं?

सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं बच्चे
मनोचिकित्सक के अनुसार पांचवीं से दसवीं क्लास तक के बच्चे सेक्सुअल डिजायर डिसऑर्डर और सेक्सुअल अरौसल डिसऑर्डर के शिकार हो रहे हैं. इस उम्र में ज्यादातर समय सेक्स के बारे में सोचते हैं. वे पॉर्न साइट खोलने के फिराक में रहते हैं और फोन व इंटरनेट पर ज्यादा समय जुगारा करते हैं. इसलिए ऐसे समय में पैरेंट्स, टीचर या फिर अन्य एक्सपर्ट से बच्चों का काउंसलिंग कराना जरूरी है, ताकि वे कोई गलत कदम न उठा ले. ऐसे में बच्चों की हर एक्टिविटी पर पैरेंट्स को ध्यान देना जरूरी है.

स्मार्ट फोन बढ़ा रही हैै परेशानी
आये दिन बच्चों में कई तरह की आश्चर्यचकित बातें सामने आ रही है. इसका सबसे बड़ा कारण स्मार्ट फोन निकल कर सामने आया है. क्योंकि इन दिनों स्मार्ट फोन बच्चों को उनके बचपन की दुनिया को भूला रहा है. अभी के इस हाइटेक जमाने में छोटे-छोटे बच्चों के हाथों में स्मार्ट फोन रह रहा है. पैरेंट्स भी अपने बच्चों को स्मार्ट बनाने के लिए स्मार्ट फोन थमा रहे हैं. इस कारण समस्या सबसे ज्यादा बढ़ रही है. क्योंकि बच्चों के हाथ में ऐसी चीज पकड़ायी जा रही है, जिसके तहत वे कुछ देख सकते हैं. ऐसे में यू ट्यूब व गुगल में बच्चे जाने-अनजाने में ऐसी साइट खोल देते हैं, जो उन्हें गलत राह पर जाने को मजबूर कर दे रहा है.

क्या कहते हैं पैरेंट्स

बच्चों को समझ में नहीं आता कि वे क्या कर रहे हैं, लेकिन जो उनके दिमाग में बैठ जाता है वे वही काम पहले करना चाहते हैं. इसके लिए पैरेंट्स भी जिम्मेवार हैं. इसलिए किसी को जिम्मेवार ठहराने से पहले घर में बच्चों पर ध्यान देना चाहिए. घर में उनकी हर एक्टिविटी पर नजर रखनी चाहिए. घर में कोई गलत भाषा का इस्तेमाल करता है या गलत काम करता हैै, तो बच्चे उसे सबसे ज्यादा फॉलो करते हैं. इसलिए पैरेंट्स का अहम किरदार है कि वे अपने बच्चे पर ध्यान दे़

आनंद प्रकाश, बेली रोड

अब बच्चे सच में बड़े हो गये हैं. उन्हें हर चीज पहले समझ में आती हैै. कई बच्चे ऐसे होते हैं, जो किसी बात को सुन उस पर सवाल करते हैं, तो कई बच्चे किसी चीज को देख या सुनकर अपने मन में दबाये रखते हैं और उस पर एक्सपेरिमेंट करना चाहते हैं. इसका सबसे बड़ा कारण टीवी और फोन है. बच्चों को इससे बिल्कुल दूर रखना चाहिए. कई बार बच्चे अकेले में चैनल चेंज हुए कुछ गलत चीज देख लेते हैं. इसलिए पैरेंट्स को ध्यान देना जरूरी है कि वे क्या कर रहे हैं?

कुमार अमिताभ, पुनाईचक

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

टीचर्स को भी गंदी नजर से देखते हैं

आज कल बच्चों से संबंधित ऐसे-ऐसे केसेज आ रहे हैं कि लोगों को आश्चर्य में ला दे रहा हैं. इसका सबसे बड़ा कारण स्मार्ट फोन है, जिसमें यू ट्यूब के जरिये बच्चे हर चीज आसानी से देख ले रहे हैं. कई बार यह भी होता है कि पैरेंट्स किसी तरह के साइट को बिना डीलीट किये बच्चों को अपना फोन दे देते हैं, जिसे ऑन करते ही कई साइट खुल जाते हैं. वही कई स्कूली स्टूडेंट्स कम उम्र में ही सेक्स के प्रति भाग रहे हैं. कई स्टूडेंट्स टीचर्स को भी गंदी नजर से देखते हैं और ऐसे केसेज लड़के और लड़कियां दोनों में अा रही है. यह एक तरह का बिहेवियर है, जिनके अंदर हॉर्मोन बढ़ जाता है. हॉर्मोनल प्रॉब्लम की वजह से ऐसी समस्याएं आ रही है.

बिंदा सिंह, मनोचिकित्सक

टीवी और फोन से दूर रखें

जेनरेशन बदल गया है अभी के बच्चे स्मार्ट फोन से ओवर स्मार्ट हो रहे हैं. ऐसे में बच्चों का बचपना मरते जा रहा है. इन दिनों बच्चे फोन या कार्टुन शो में बीजी रहते हैं और यह दोनों उनके लिए हानिकारक है. क्योंकि अब कार्टुन नेटवर्क में भी कई बड़ी-बड़ी बातों को दिखाया जाता है, जिसे देख छोटे-छोटे बच्चे कई तरह की बातों को सोचने पर मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में बच्चों को इन चीजों से दूर रखना चाहिए. उनके लिए कुछ सेलेक्टेड चैनल होने चाहिए और बच्चे में यह भी ध्यान देना चाहिए कि उनकी गतिविधियां कहीं बदल तो नहीं रही. ऐसे में काउंसलिंग बहुत जरूरी है. इसके लिए घर में पैरेंट्स को और बाहर में टीचर्स को ध्यान देते रहना चाहिए

सुबीर कुमार सिन्हा, शिक्षक, केंद्रीय विद्यालय

इस तरह बच्चों को करें गाइड

  • बच्चों के सामने किसी गलत तरह की बातें न करें
  • उन्हें गेम खेलने के लिए स्मार्ट फोन न दे
  • बच्चों के कार्टून शो या टीवी देखते समय उन पर ध्यान देते रहें
  • पांचवीं से दसवीं क्लास के बच्चों के हर गतिविधियों पर बात करें व ध्यान दें
  • छोटे बच्चों को गूड टच और बैड टच की पूरी जानकारी दें
  • सीनियर बच्चों से पैरेंट्स या टीचर खुल कर बात करें
  • ऐसे बच्चों की कुछ परेशानी दिखने में उनकी तुरंत काउंसलिंग कराये
  • कभी-कभी बच्चे भी ऐसी समस्याओं से डिप्रेशन में चले जाते हैं तो उन पर विशेष नजर रखेें
  • पैरेंट्स बच्चों के सामने किसी भी अश्लील शब्द का प्रयोग न करें
  • बच्चों को स्मार्ट फोन देने से पहले और लेने के बाद उसकी हिस्ट्री डिटेल्स जरूर देखे
  • बच्चों के दोस्त कैसे हैं और वे उनसे किस तरह की बातें करते हैं इन पर भी ध्यान देते रहें

टीवी और कार्टून भी बच्चों को भटका रहे

बच्चों की बात करें, जो आज के समय में ज्यादातर पैरेंट्स अपने बच्चों को कार्टून शो या टीवी देखने को अकेले छोड़ देते हैं, लेकिन इन दिनों कार्टून शो में कई ऐसे कैरेक्टर दिख रहा हैं, जिसमें कई बड़ी-बड़ी बातों का जिक्र होते हैं. इसके अलावा टीवी एड या अन्य शो भी बच्चे सभी के साथ या अकेले में खुल कर देखते हैं. ऐसे में टीवी में दिखाये जाने वाले कई दृश्य को बच्चे अपने मन में जमा कर लेते हैं, जो समय आने पर उसका इस्तेमाल करते हैं. इस कारण भी कई छोटे-छोटे बच्चे अपने ग्रुप में इन बातों का जिक्र करते हैं.

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