लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना शुरू की है. यह योजना बेटियों के भविष्य के लिए लाभकारी तो है ही, पिता के कथित बोझ और चिंता को भी कम करती है.
सुकन्या समृद्धि योजना भारत सरकार की एक छोटी बचत योजना है, जो खास तौर पर बच्चियों के लिए बनायी गयी है. यह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कैंपेन के एक हिस्से के तौर पर लॉन्च की गयी है.
इस योजना में बच्चियों के जन्म लेने के बाद से लेकर 10 साल की उम्र पूरी होने के पहले तक उनके नाम से बचत खाता शुरू किया जा सकता है. कन्या एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने की सूरत में खाते को दूसरी जगह स्थानांतरित करना भी संभव है. जब कन्या की उम्र 18 साल की हो जायेगी, तो जमा राशि का 50 फीसदी राशि शादी या शिक्षा के लिए निकाला जा सकेगा.
टैक्स में छूट : इसमें जमा धन पर आयकर अधिनियम 80सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है यानी इसमें जमा डेढ़ लाख रुपये तक की राशि पर आपको टैक्स छूट मिलेगी.
कहां और कैसे शुरू करें
यह खाता डाकघर और केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी बैंक (एसबीआइ, बैंक ऑफ बडौदा, पीएनबी, बीओआई, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक, यूको बैंक व इलाहाबाद बैंक) में खोला जा सकता है. इसके लिए बच्ची का जन्म प्रमाण-पत्र के साथ अभिभावक के पहचान-पत्र और पते का प्रमाण भी देना अनिवार्य है.
निवेश की सीमा : खाता खोलने के बाद इसमें 100 के गुणक में पैसे जमा कराये जा सकते हैं. किसी एक वित्तीय वर्ष में कम-से- कम एक हजार रुपये जमा कराना अनिवार्य है. इसकी अधिकत्तम सीमा 1.5 लाख रुपये है.
निवेश की अवधि : इस खाते को शुरू करने के बाद से 15 साल तक रकम जमा करायी जा सकती है.
रकम जमा करने का तरीका : इस खाते में राशि कैश, चेक, डिमांड ड्राफ्ट या किसी ऐसे इंस्ट्रूमेंट के माध्यम से जमा करायी जा सकती है, जिसे बैंक स्वीकार करता हो. इसमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर मोड से भी रकम जमा की जा सकती है.
मुख्य बिंदु
अगर दो बेटियां हैं, तो दोनों के लिए यह खाता खेल सकते हैं, लेकिन दो से अधिक बेटियों के लिए यह नहीं है. एक बच्ची के लिए एक ही एकाउंट खोला जा सकता है.
इसमें जमा की गयी रकम पर अभी 8.5% वार्षिक दर से ब्याज मिल रहा है. वैसे सरकार समय-समय पर इससे जुड़ी ब्याज दर की घोषणा करती है.जब खाता मैच्योर हो जायेगा यानी बेटी 21 साल की हो जायेगी, तब उसके बाद कोई ब्याज नहीं दिया जायेगा.
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