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गोपाष्टमी आज, अक्षय नवमी कल, पांच दिनों का गंगा स्नान 31 से
दृष्टि से अहम कार्तिक माह में जहां एक तरफ हिंदू के लिए महत्वपूर्ण है, वहीं सिख समाज के लिए भी यह माह अहम है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख पंथ के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश पर्व मनाया जाता है. छठ के बाद अब आने वाले त्योहारों की तैयारी शुरू […]
दृष्टि से अहम कार्तिक माह में जहां एक तरफ हिंदू के लिए महत्वपूर्ण है, वहीं सिख समाज के लिए भी यह माह अहम है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिख पंथ के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी महाराज का प्रकाश पर्व मनाया जाता है. छठ के बाद अब आने वाले त्योहारों की तैयारी शुरू कर दी है.
अक्षय नवमी : कार्तिक शुक्ल पक्ष में अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी का त्योहार शनिवार को मनाया जायेगा. इसके लिए गोशाला में तैयारी की गयी है, जबकि नवमी तिथि को अक्षय नवमी का त्योहार मनाया जायेगा. रविवार को अक्षय नवमी का त्योहार मनाया जायेगा. धार्मिक व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार आंवला वृक्ष के नीचे अक्षय नवमी के दिन किया गया दान का क्षय नहीं होता है. इस दिन भी भीड़ गंगा घाटों पर भी स्नान के लिए जुटती है.
देवोत्थान एकादशी : 31 अक्तूबर को देवोत्थान एकादशी व तुलसी विवाह होगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार चातुमार्स में भगवान चार माह तक आराम करते है. इस अवधि में शादी-विवाह व अन्य मांगलिक कार्य नहीं होता है, देवोत्थान एकादशी के दिन से भगवान जागृत हो जाते है. इसके बाद उसी समय से मांगलिक कार्य आरंभ होता है. कार्तिक माह में गंगा स्नान का विधान पूरे माह होता है, मान्यता यह है कि जो लोग पूरे कार्तिक माह स्नान नहीं कर पाते है, वो एकादशी से पूर्णिमा तक गंगा स्नान करते है, तो एक माह के स्नान का पुण्य प्राप्त होता है.
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