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जाधव मामला : ICJ में हार के बाद पाकिस्तानी मीडिया का असली चेहरा आया सामने, नवाज सरकार को जमकर लताड़ा

इस्लामाबाद : इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से कुलभूषण सुधीर जाधव की फांसी के मामले में करारी शिकस्त मिलने के बाद पाकिस्तान की मीडिया ने अपनी ही सरकार को जमकर लताड़ लगायी है. यहां के मीडिया ने जाधव की फांसी पर ICJ की ओर से रोक लगाये जाने के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने न केवल […]

इस्लामाबाद : इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से कुलभूषण सुधीर जाधव की फांसी के मामले में करारी शिकस्त मिलने के बाद पाकिस्तान की मीडिया ने अपनी ही सरकार को जमकर लताड़ लगायी है. यहां के मीडिया ने जाधव की फांसी पर ICJ की ओर से रोक लगाये जाने के बाद पाकिस्तानी मीडिया ने न केवल नवाज शरीफ सरकार को आड़े हाथ लिया है, बल्कि ICJ की भी कड़ी आलोचना की है. सबसे बड़ी बात यह है कि जाधव मामले में हार के बाद बौखलाये पाकिस्तानी मीडिया का असली चेहरा भी दुनिया के सामने उजागर हो गया है. अब तक दोनों पड़ोसी देशों के आपसी संबंधों की मधुरता को बहाल करने को लेकर जो पाकिस्तानी मीडिया दोनों देशों के बीच सेतु बनने का दिखावा करता था, अब उसकी भी कलई पूरी तरह खुल गयी है.

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पाकिस्तान से प्रकाशित दुनिया नामक अखबार ने अपनी हेडलाइन में ही प्रहार करते हुए लिखा है कि ‘कुलभूषण को फांसी ना दी जाए, इंटरनेशनल कोर्ट खाक.’ इस अखबार ने पहले पन्ने पर इस मामले से जुड़ी करीब चार खबरों को जगह दी हैं, जिसमें उसने नवाज शरीफ सरकार, इंटरनेशनल कोर्ट और भारत के खिलाफ आग उगली है. इस अखबार की दूसरी ख़बर है, ‘इंटरनेशनल कोर्ट ने 17 साल पहले भी पाकिस्तान के खिलाफ फैसला दिया.’

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एक अन्य अखबार तारीख-ए-इंसाफ ने लिखा है कि ‘इंटरनेशनल कोर्ट ने अनुभवहीन वकील चुना’. वहीं, अंग्रेज़ी अखबार ‘द न्यूज़ इंटरनेशनल; ने लिखा है कि ‘आईसीजे ने भारतीय जासूस की फांसी पर अंतिम निर्णय होने तक रोक लगायी’. पाकिस्तान से प्रकाशित होने वाले एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि ‘कुलभूषण जाधव की फांसी पर इंटरनेशनल कोर्ट के फ़ैसले पर इमरान खानन ने नवाज शरीफ को जिम्मेदार ठहराया’. इंटरनेशनल कोर्ट के फ़ैसले पर पाकिस्तानी मीडिया ने सरकार को भी जमकर घेरा.

पाकिस्तानी नेता पेश कर रहे थोथी दलील

वहीं अखबारों को दिये गये बयानों में पाकिस्तानी के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने सिर्फ राय दी है और आगे चलकर फैसला पाकिस्तान के हक में आ सकता है. पाकिस्तान के करीब सभी अखबारों के मुताबिक, विपक्षी दलों खासकर पीटीआई और जमात-ए-इस्लामी ने तो सरकार को आड़े हाथों लिया. वहीं, इस मामले पर पाकिस्तान के कई कानूनी जानकारों और दूसरी राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के बयान को भी यहां के अखबारों में प्रमुखता से छापा गया है.

नेताओं ने भी नवाज शरीफ सरकार पर जमकर साधा निशाना

पाकिस्तान के अखबारों में यहां के नेताओं के हवाले बाकायदा प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का नाम लेकर कहा गया है कि उनकी टीम अच्छी नहीं थी और वह इंटरनेशनल कोर्ट में अनुभवहीन लोगों को लेकर गये थे. यहां के अखबारों में छपे विपक्षी दलों के बयानों में पाकिस्तान की विदेश नीति को भी नाकाम बताया गया है. ऐसे अखबारों में सरकार पर आरोप भी लगाया है कि तैयारी में कमी की वजह से फैसला भारत के पक्ष में गया है. वहीं, पाकिस्तान की सरकार का कहना है कि अभी फैसला नहीं आया है और जब तक फैसला नहीं आ जाता, इसे भारत की जीत नहीं माना जा सकता.

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