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सीरिया में हैं सद्दाम के विनाशकारी हथियार!

वर्ष 2003 में अमेरिका और इंगलैंड ने इराक पर हमला किया था. दोनों को लग रहा था कि इराक के शासक सद्दाम हुसैन के पास बड़ी संख्या में व्यापक विनाश के हथियार मौजूद है. लेकिन सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा देने के बाद भी विनाशकारी हथियार के एक भी साक्ष्य नहीं मिले. सीरिया के […]

वर्ष 2003 में अमेरिका और इंगलैंड ने इराक पर हमला किया था. दोनों को लग रहा था कि इराक के शासक सद्दाम हुसैन के पास बड़ी संख्या में व्यापक विनाश के हथियार मौजूद है. लेकिन सद्दाम हुसैन को फांसी की सजा देने के बाद भी विनाशकारी हथियार के एक भी साक्ष्य नहीं मिले. सीरिया के पत्रकार निजार नयुफ ने दावा किया है कि सद्दाम हुसैन के जिस विनाशकारी हथियारों को उस समय खोजा जा रहा था, उसे सीरिया में तीन जगहों पर छुपाया गया है. नयुफ सरकार विरोधी पत्रकारिता की वजह से दस साल तक जेल में थे. इंगलैंड के डेलीस्टार के अनुसार नयुफ का दावा है कि उन्हें उन तीन जगहों की जानकारी भी है जहां सद्दाम हुसैन के हथियार छुपाये गये हैं. नयुफ के अनुसार, इराक पर हमले से कुछ समय पहले सद्दाम हुसैन ने हथियारों को अच्छे से पैक कर एंबुलेंस में भर कर उस जगह पर पहुंचाया, जहां आज वे हैं.

फरवरी, 2003 में सद्दाम के स्पेशल रिपब्लिकन गार्ड की निगरानी में हथियारों को सीरिया पहुंचा गया था. यह अमेरिका के इराक पर हमले से एक माह पहले की बात है. नयुफ ने दावा किया है कि उन्हें सीरिया में अपने एक सूत्र से जानकारी मिली थी कि जनरल जोउल हिमला की मदद से इराक के हथियारों को सीरिया में छुपाया गया है. सूत्रों का दावा है कि हथियारों को एक छोटे से गांव में टनल में रखा गया है. इस इलाके में असद की वायु सेना के नियंत्रण में एक फैक्टरी है. नयुफ ने एक नक्शा भी जारी किया है जिसमें बताया गया है कि सीरिया में कहां-कहां मिसाइल तैनात हैं. नयुफ ने बताया कि हथियारों को लकड़ी के बड़े बक्से में ले जाया गया था. इसकी निगरानी करने वाले हिमला और उनके भाई के पुत्र असीफ जिस कंपनी में काम करते हैं उसका मालिकाना हक असद के परिवार के पास है. कंपनी के कार्यालय बेरूत, डमेसकस और बगदाद में हैं.

पिछले दिनों सीरिया में 83 नागरिकों की मौत सरीन गैस की वजह से हुई. माना जाता है कि इसका इस्तेमाल असद सरकार ने अपने ही नागरिकों के खिलाफ किया. सभी ने इसकी आलोचना की. वर्ष 2003 में अमेरिका और इंगलैड का दावा था कि यह हथियार सद्दाम हुसैन के पास है.

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