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परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका सख्त, उत्तर कोरिया भी तैयार

सोल : उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर बढ़े तनाव के बीच अमेरिका ने बुधवार को दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाइ एल्ट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (थाड) तैनात कर दिया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया का कहना है कि इस तैनाती का मकसद परमाणु सशस्त्र उत्तर कोरिया से पैदा होनेवाले मिसाइल खतरों से रक्षा करना है. […]

सोल : उत्तर कोरिया के मिसाइल प्रक्षेपणों को लेकर बढ़े तनाव के बीच अमेरिका ने बुधवार को दक्षिण कोरिया में टर्मिनल हाइ एल्ट्यूड एरिया डिफेंस सिस्टम (थाड) तैनात कर दिया. अमेरिका और दक्षिण कोरिया का कहना है कि इस तैनाती का मकसद परमाणु सशस्त्र उत्तर कोरिया से पैदा होनेवाले मिसाइल खतरों से रक्षा करना है. हालांकि, इसको लेकर चीन ने नाराजगी जतायी है. चीन को डर है कि थाड की तैनाती से उसकी अपनी बैलिस्टिक क्षमताएं कमजोर होंगी. उसका कहना है कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन बिगड़ेगा.

सोल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि बुधवार के कदम का मकसद ‘जल्द से जल्द थाड की संचालनात्मक क्षमता को सुनिश्चित’ करना है. इसका लक्ष्य इस साल के अंत तक बैटरियों को पूरी तरह तैनात करना है. खबर है कि उत्तर कोरिया छठे परमाणु परीक्षण की तैयारी कर रहा है, जिसको लेकर अमेरिका और अन्य सहयोगी देश चिंतित है. हाल ही प्योंगयांग ने अमेरिका को धमकी दी थी कि वह उस पर हमला करके उसे तबाह कर देगा. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया था.

प्योंगयांग के कदम पर गोपनीय बैठक करेंगे ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उत्तर कोरिया के परमाणु परीक्षणों पर बढ़ती चिंताओं के बीच पूरी सीनेट के साथ शीघ्र ही एक गोपनीय बैठक करेंगे. बैठक के दौरान रक्षा मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सहित उच्च अधिकारियों के साथ सीनेटरों को गोपनीय विवरण देंगे. माना जा रहा है कि बैठक में उत्तर कोरिया के खिलाफ कार्रवाई को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी.

जापान ने अपने लोगों को किया सतर्क

कोरियाई प्रायद्वीप में बढ़ते तनाव के बीच जापान ने अपने लोगों को सतर्क कर दिया है. जापान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने मिसाइल से बचाव को लेकर एक गाइडलाइन जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि लोग ज्यादा ऊंचे माकान को खाली कर दें. हमले के समय अंडरग्राउंड भवन में चले जाएं और खिड़की से दूर रहें. इस संबंध में सरकार ने स्थानीय निकायों के साथ बैठक भी की है. बता दें कि उत्तर कोरिया द्वारा छोड़े गये मिसाइल को जापान पहुंचने में सिर्फ दस मिनट ही लगेगा. ऐसे में लोगों के पास अलर्ट सायरन बजने के बाद सिर्फ दस मिनट मिलेंगे. हालांकि, जापान ने जे-अलर्ट सिस्टम बनाया है. इसके तहत डिजास्टर मैनेजमेंट स्थानीय स्तर पर आपात ब्रॉडकास्टिंग, एफएम रेडियो, टीवी और सेल फोन के जरिये अलर्ट जारी किया जायेगा. मिसाइल को रोकने के सक्षम थाड प्रणाली लघु और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को प्रक्षेपण के अंतिम चरण में रोकने और नष्ट करने का काम करती है. यह मिसाइल अपने चारों तरफ 600 से 900 किमी की दूरी पर नजर रख सकता हैं.

उत्तर कोरिया भी तैयार

उत्तर कोरिया के पास परमाणु बम और बैलिस्टिक मिसाइल हैं, जिससे वह अमेरिका के सहयोगी अपने पड़ोसी देशों पर हमला कर सकता है. इसके अलावा प्योंगयांग के पास अंतरमहाद्विपीय बैलिस्टिक मिसाइल और लंबी रेंज के इंटरमीडिएट मिसाइल भी है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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