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VIDEO: सीरिया में रासायनिक हमले के के बाद ट्रंप ने दिखायी ताकत, दागी 60 मिसाइलें

undefined वाशिंगटन : गृह युद्ध की आग में झुलसे सीरिया में रासायनिक हथियार हमले के बाद अमेरिका ने हवाई हमले शुरू कर दिये हैं. जानकारी के अनुसार सीरिया में आम नागरिकों के खिलाफ इस सप्ताह किये गये घातक संदिग्ध रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं. यह जानकारी अमेरिकी […]

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वाशिंगटन : गृह युद्ध की आग में झुलसे सीरिया में रासायनिक हथियार हमले के बाद अमेरिका ने हवाई हमले शुरू कर दिये हैं. जानकारी के अनुसार सीरिया में आम नागरिकों के खिलाफ इस सप्ताह किये गये घातक संदिग्ध रासायनिक हमले के जवाब में अमेरिका ने सीरिया पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं. यह जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने दी है. अमेरिका की ओर से सीरिया सरकार पर किया गया है यह पहला सीधा हमला है. इसके अलावा डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका के राष्ट्रपति बनने के बाद से उनके द्वारा जारी किया गया यह सबसे नाटकीय सैन्य आदेश है.

अमेरिका ने यह सैन्य हमला कल रात किया. यह हमला ट्रंप की सोच में एक बदलाव भी दिखाता है क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने अमेरिका को सीरियाई गृह युद्ध में खींचे जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि ट्रंप रासायनिक हमले में मारे गये बच्चों की तस्वीरें देखकर हिल गये हैं. उन्होंने इस रासायनिक हमले को ‘‘मानवता के लिए शर्मनाक’ करार दिया, जिसने ‘‘बहुत सी सीमाएं लांघ दी हैं.’ इस हमले से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने फ्लोरिडा में वेस्ट पाम बीच हवाईअड्डे पर संवाददाताओं के समक्ष राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटाने का आह्वान करते हुए कहा था कि अमेरिका सीरिया में हुए रासायनिक हमले के ‘‘उचित जवाब पर विचार कर रहा है’. वहीं रुस ने संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वाशिंगटन सीरिया के खिलाफ सैन्य कदम उठाता है तो इसके ‘नकारात्मक परिणाम’ हो सकते हैं.

भूमध्यसागर में युद्धपोतों से दागी गईं लगभग 60 यूएस टोमाहॉक मिसाइलों ने रासायनिक हमले के जवाब में एक एयरबेस को निशाना बनाया. इस रासायनिक हमले के संदर्भ में अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि सीरिया सरकार के विमान ने एक नर्व एजेंट, संभवत: सेरिन से हमला बोला. ट्रंप ने अमेरिकी हमलों की घोषणा पहले नहीं की लेकिन वह और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारी कल पूरे दिन सीरिया सरकार को इस संबंध में चेतावनी देते रहे थे.

खबर के अनुसार अमेरिका के विदेश मंत्री टिलरसन ने कहा था, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों, अंतरराष्ट्रीय नियमों और सीरिया शासन, रुस सरकार एवं संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी अन्य सदस्यों समेत पक्षों के बीच हुए समझौतों का उल्लंघन करने वाले इस रासायनिक हथियार हमले का उचित जवाब देने पर विचार कर रहे हैं.’ एयरफोर्स वन में फ्लोरिडा जाते समय ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सीरिया में जो कुछ हुआ है, वह जघन्य अपराधों में से एक है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। ऐसा दोबारा होने नहीं दिया जाना चाहिए.’

इससे पहले ‘एएफपी’ की खबर के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में रुस के राजदूत व्लादिमीर सफ्रोनकोव ने सीरिया में सैन्य हमले के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी देते हुए कल कहा था, ‘‘हमें नकारात्मक परिणामों के बारे में सोचना होगा.’ अमेरिका की ओर से किया गया मिसाइल हमला एक ऐसे समय पर हुआ है, जब ट्रंप चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ दो दिवसीय बैठक कर रहे हैं. इस बैठक के मुद्दों के केंद्र में एक और ऐसा मुद्दा है, जो अमेरिकी सुरक्षा द्वंद्व की वजह बना हुआ है. वह मुद्दा है उत्तर कोरिया का परमाणु कार्यक्रम. सीरिया में ट्रंप की कार्रवाई चीन को यह संकेत दे सकती है कि नये राष्ट्रपति चीन जैसे प्रमुख देशों के बीच रास्ते में खडे होने के बावजूद एकपक्षीय सैन्य कदम उठाने से डरते नहीं हैं.

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