संयुक्त राष्ट्र : सिंधु जल संधि टूटने की खबर से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान बौखला गया है. इस मुद्दे पर उसने अपने विरोध को आगे बढाते हुए कहा है कि दबाव बनाने के लिए पानी का इस्तेमाल भारत न करे. पाकिस्तान ने सिंधु जल संधि पर विवाद का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा कि युद्ध या दबाव बनाने के माध्यम के रुप में पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाए. उसने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को जल संबंधी मामलों को सुलझाने में सहयोग बनाए रखने की अनिच्छा के हर संकेत को लेकर सतर्क बनना चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की राजदूत मलीहा लोधी ने जल, शांति एवं सुरक्षा पर एक खुली बहस के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपने संबोधन में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बहुपक्षीय एवं द्विपक्षीय स्तरों पर मानक ढांचों को विकसित करने और उनकी रक्षा करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए ताकि यह बात सुनिश्चित की जा सके कि सभी देश जल संबंधी मामलों को सहयोगात्मक तरीके से सुलझाने की इच्छा रखें.”
मलीहा ने कहा, ‘‘उसे (अंतरराष्ट्रीय समुदाय को) जलमार्गों पर द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय समझौतों को प्रोत्साहित करना चाहिए और उनके विकसित होने के बाद यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उन्हें एकतरफा या दबाव बनाने वाले कदम उठाकर कमजोर न बनाया जाए।” उन्होंने भारत-पाकिस्तान सिंधु जल संधि को ऐसा माडल करार दिया जिसके जरिए इस बात को दर्शाया जा सकता है कि द्विपक्षीय समझौतों के जरिए क्या हासिल किया जा सकता है. विश्व बैंक इस संधि का गारंटर है.