लाहौर : पाकिस्तान की सरकार ने 100 से ज्यादा तुर्की शिक्षकों एवं उनके परिवार वालों को 20 नवंबर तक पाकिस्तान छोड देने को कहा है. स्पष्ट रुप से यह कदम तुर्की राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोआन को खुश करने के लिए उठाया गया है, जो दो दिवसीय यात्रा पर आज इस्लामाबाद आ रहे हैं.
गृह मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तानी-तुर्क स्कूलों के शिक्षकों को अपने परिवारवालों के साथ तीन दिन के अंदर देश छोडने के लिए कहा गया है. देश में करीब 108 तुर्क शिक्षक पाकिस्तानी-तुर्क स्कूलों में पढा रहे हैं. एर्दोआन प्रशासन के अनुरोध पर शिक्षकों और उनके परिवारवालों को वीजा विस्तार देने से मना कर दिया गया है क्योंकि ये स्कूल अमेरिका में रह रहे मौलवी फतहुल्लाह गुलेन की ओर से चलाए जा रहे थे, जिन्हें एर्दोआन ने जुलाई में विफल रहे सैन्य तख्तापलट के लिए दोषी ठहराया है.
पाकिस्तानी-तुर्क स्कूल प्रशासन ने सरकार के इस निर्णय पर खेद जताया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम दबाव में उठाया गया है. पाकिस्तानी-तुर्क शिक्षा फाउंडेशन के निदेशक मंडल के अध्यक्ष आलमगीर खान ने कहा, ‘‘पाकिस्तानी-तुर्क अंतरराष्ट्रीय स्कूल और कॉलेज सरकार द्वारा अचानक उठाए गए इस कदम के कारण बेहद चिंतित हैं.”