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डोनाल्ड ट्रंप बोले, मुस्लिमों व लातिनों की करें सुरक्षा, मुझसे लोग डरें नहीं

वाशिंगटन : राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद मुस्लिमों, अफ्रीकी अमेरिकियों और लातिनों केउत्पीड़नकी खबरों से दुखी डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सार्वजनिक रूप से लोगों से ‘‘इसे रोकने’ के लिए कहा. सीबीएस के ‘60 मिनट’ में कल ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं यह सुनकर बहुत दुखी हूं और मैं इसे रोकने के लिए कहता […]

वाशिंगटन : राष्ट्रपति चुनाव में अपनी जीत के बाद मुस्लिमों, अफ्रीकी अमेरिकियों और लातिनों केउत्पीड़नकी खबरों से दुखी डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सार्वजनिक रूप से लोगों से ‘‘इसे रोकने’ के लिए कहा. सीबीएस के ‘60 मिनट’ में कल ट्रंप ने कहा, ‘‘मैं यह सुनकर बहुत दुखी हूं और मैं इसे रोकने के लिए कहता हूं. इसे रोकें.’ वह हाल के दिनों में मुस्लिमों, हिस्पैनिक अमेरिकियों, अश्वेत लोगों, अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे कथित घृणा अपराधों को लेकर पूछे गये एक सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे.

ट्रंप से पूछा गया, ‘‘क्या आप उन लोगों से कुछ कहना चाहते हैं?’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहना चाहता हूं कि ऐसा ना करें. यह भयानक है. मैं इस देश को एकजुट करने जा रहा हूं. ‘ राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए ट्रंप ने कहा कि समाज के कुछ वर्ग उन्हें लेकर डरे हुएहैं और इसका कारण यह है कि ये लोग उन्हें ठीक से नहीं जानते हैं. ट्रंप ने उन लोगों से कहा कि वे डरें नहीं. उनसे पूछा गया, ‘‘लोगों के प्रदर्शन को लेकर आपको क्या लगता है.’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि कुछ मामलों में, प्रदर्शनकारी पेशेवर होते हैं.’ ट्रंप ने कहा, ‘‘अगर हिलेरी जीतीं होतीं और मेरे लोग बाहर प्रदर्शन करते तो हर कोई कहता, ‘ओह, यह खराब चीज है.’ यह बहुत अलग दृष्टिकोण होता. आप जानते हैं कि यहां दोहरा मानक है.’
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने ट्रम्प को शरणार्थी समझौते के बारे में नहीं बताया कैनबरा
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने आज यह पुष्टि की कि उन्होंने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को यह नहीं बताया कि ऑस्ट्रेलिया में देश के खर्च पर प्रशांत द्वीप शिविरों में अस्पष्ट संख्या में रह रहे शरणार्थियों के पुनर्वास पर अमेरिका सहमत हुआ था. कल इस समझौते की घोषणा करते हुए ऑस्टे्रलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने यह स्पष्ट नहीं किया था कि गुरुवार को ट्रंप के साथ फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था या नहीं.
टर्नबुल ने ‘नाइन नेटवर्क’ टेलीविजन से कहा, ‘‘हम एक वक्त में एक प्रशासन से समझौता करते हैं और आप गोपनीय मामलों पर भविष्य के किसी प्रशासन के साथ चर्चा नहीं करते हैं.’ बहरहाल, टर्नबुल ने यह भी नहीं बताया कि इन शरणार्थियों का पुनर्वास ट्रंप प्रशासन के 20 जनवरी को कार्यभार संभालने से पहले किया जाएगा अथवा नहीं. इनकी संख्या और समय पर फैसला अमेरिका करेगा.
ओबामा प्रशासन नाउरु एवं पापुआ न्यू गिनी जैसे द्वीप देशों में ऑस्ट्रेलिया के खर्च पर 1,300 शरणार्थी शिविरों में रह रहे इन शरणार्थियों के पुनर्वास पर सहमत था. चिकित्सकीय उपचार के लिए ऑस्ट्रेलिया आने वाले और वापस द्वीपों पर लौटने से इनकार करने वाले ऐसे 370 अन्य भी इसके योग्य हैं. ट्रंप ने मुस्लिम प्रवासियों पर रोक या सख्त प्रतिबंध का आह्वान किया है और अधिकतर शरणार्थी पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया से आए मुस्लिम हैं.
Prabhat Khabar Digital Desk
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