वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए मतदान मंगलवार को होगा, लेकिन अमेरिकी लोकतांत्रिक प्रणाली के अर्ली-वोटिंग या मतदान पूर्व वोट डालने के प्रावधान का उपयोग करते हुए साढ़े तीन करोड़ लोग अब तक वोट डाल चुके हैं जो अपने आप में एक रिकार्ड है. ‘इलेक्शन्स प्रोजेक्ट’ नामक संस्था चलाने वाले अर्ली-वोटिंग के विशेषज्ञ माइकल मैकडोनाल्ड ने बताया कि ढेर सारे राज्य अर्ली-वोटिंग के रेकार्ड बना चुके हैं या 2010 के अपने आंकड़े पार कर चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि 2012 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में तीन करोड़ 23 लाख लोगों ने अर्ली-वोटिंग के प्रावधान का उपयोग करते हुए मतदान से पहले ही अपने मताधिकार का उपयोग किया था. मैकडोनाल्ड ने बताया कि डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन उम्मीदवारों के तीखे अभियान के चलते मतदाता दोनों उम्मीदवारों के रुख से वाकिफ हो चुके हैं और उन्हें लगता है कि वे इसपर कोई फैसला कर सकते हैं.
राष्ट्रव्यापी स्तर पर पहले ही मतदान में हिस्सा लेने वाले कुल मतदाताओं का 29.7 प्रतिशत 2008 में मतदान तिथि से पहले ही अपने मताधिकार का उपयोग कर चुका था. चार साल बाद 2012 में यह प्रतिशत बढ़ कर 31.6 हो गया. इस बार उम्मीद जताई जा रही है कि 35 प्रतिशत अर्ली-वोटिंग होगी. मैकडोनाल्ड ने कहा कि अर्ली-वोटिंग में ज्यादा स्थिरता होने की उम्मीद की जा रही है.
उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि ज्यादातर मतदाताओं ने अपना मन बना लिया है और मीडिया के हो-हंगामे से ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है.