इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने संकेत दिया कि भारत के शरीक होने से इनकार करने की स्थिति में यहां नवंबर में होने वाले दक्षेस सम्मेलन को टाला जा सकता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने बताया, ‘‘दक्षेस नियमों के मुताबिक यदि कोई एक देश भी शरीक होने से इनकार करता है तो सम्मेलन नहीं हो सकता.” यहां होने वाले शिखर सम्मेलन में भाग नहीं लेने के भारत और तीन अन्य दक्षेस सदस्य देशों (अफगानिस्तान, भूटान और बांग्लादेश) द्वारा संगठन के अध्यक्ष नेपाल को सूचना दिए जाने के बाद सम्मेलन का आयोजन होने की संभावना नजर नहीं आने पर उनका बयान आया है.
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आखिर पाकिस्तान ने भी माना भारत के विरोध के बाद रद्द हो सकता है सार्क सम्मेलन
इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने संकेत दिया कि भारत के शरीक होने से इनकार करने की स्थिति में यहां नवंबर में होने वाले दक्षेस सम्मेलन को टाला जा सकता है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने बताया, ‘‘दक्षेस नियमों के मुताबिक यदि कोई एक देश भी शरीक होने से […]
इन चारों देशों ने सम्मेलन में शरीक होने की अनिच्छा जताई है जो नौ…दस नवंबर को होने का कार्यक्रम है. अजीज ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि भारत क्षेत्रीय सम्मेलन में शरीक नहीं हो रहा है और इसने पहले भी चार बार सम्मेलन को टलवाया है. हालांकि, उन्होंने कहा कि सम्मेलन को टालना संभव है लेकिन दक्षेस सचिवालय ने अब तक सरकार को अब सूचना नहीं दी है. इससे पहले पाकिस्तानी मीडिया ने खबर दी थी कि पाक सरकार ने सम्मेलन को टालने का फैसला किया है. दक्षेस चार्टर के मुताबिक यदि किसी एक देश का नेतृत्व यदि कार्यक्रम में शरीक नहीं होता है तो यह सम्मेलन खुद ब खुद निलंबित या रद्द हो जाता है.
उरी में भारतीय सेना के ठिकाने पर 18 सितंबर को आतंकवादियों के हमले में 18 सैनिकों के शहीद होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है. भारत के अलावा दक्षेस सदस्यों…बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान ने भी सम्मेलन से दूरी बना ली. इन देशों ने पाकिस्तान पर अप्रत्यक्ष आरोप लगाया है कि वह एक ऐसा माहौल बना रहा है जो सम्मेलन को सफलतापूर्वक कराने के लिए सही नहीं है. मौजूदा परिस्थितियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दक्षेस सम्मेलन में शरीक नहीं होने का फैसला करने के एक दिन बाद यह घटनाक्रम हुआ. दक्षेस की स्थापना 1985 में हुई थी. अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका इसके सदस्य देश हैं.
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