वाशिंगटन : एशिया प्रशांत क्षेत्र में भारत की बढती भूमिका का स्वागत करते हुए अमेरिका ने कहा है कि ‘राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी चुनौतियों’ से निबटने के लिए वह क्षेत्र के दूसरे देशों के साथ मिलकर काम करेगा. लाओस में कल अपने प्रमुख नीतिगत भाषण में ओबामा ने कहा, ‘भारत के साथ हमने हर क्षेत्र में संबंधों को नयी ऊंचाइयां दी हैं और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में हम भारत की बढती भूमिका का स्वागत करते हैं.’ अमेरिकी राष्ट्रपति का यह पहला लाओस दौरा है. ओबामा ने कहा कि शांति कायम रखने और आक्रामकता दूर करने के लिए अमेरिका ने अपनी अतिरिक्त आधुनिक सैन्य क्षमताएं क्षेत्र में तैनात की है. इसमें सिंगापुर में पोत और विमान तैनात करना भी शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘इस दशक के अंत तक हमारी नौसेना और वायुसेना के ज्यादातर बेडे प्रशांत क्षेत्र से बाहर की ओर आधारित होंगे. और हमारे सहयोगी तथा साझेदार एक दूसरे के साथ और ज्यादा सहयोग कर रहे हैं. इसलिए एशिया प्रशांत में हमारे संबंध और रक्षा क्षमताएं पहले की तरह ही मजबूत हैं.’
उभरती अर्थव्यवस्था और शक्तियों के साथ गहरे संबंध हैं
ओबामा ने कहा, ‘उभरती अर्थव्यवस्थाओं और उभरती शक्तियों के साथ हमने और गहरे संबंध बनाए हैं. इंडोनेशिया और मलेशिया के साथ हम उद्यमिता को बढावा दे रहे हैं. हम हिसंक कट्टरता का विरोध कर रहे हैं और पर्यावरण की खराब होती हालत की ओर ध्यान दे रहे हैं. ओबामा ने कहा, ‘हनोई और हो ची मिन्ह सिटी के अपने हाल के दौरे में हमने वियतनाम के साथ अपने संबंधों को पूरी तरह सामान्य करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई है.’ ओबामा ने कहा, ‘क्षेत्रीय संस्थानों के साथ हमने सहयोग और गहरा किया है, खासकर दक्षिणपूर्वी एशिया में. आसियान के साथ नयी रणनीतिक साझेदारी के तहत महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर हमारी सहमति बनी है, उसमें आसियान के केंद्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और प्रगति बनाए रखना शामिल है.
उन्होंने कहा, ‘अमेरिका अब पूर्वी एशिया सम्मेलन का हिस्सा है और क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा समेत तमाम सुरक्षा संबंधी और राजनीतिक चुनौतियों से निबटने के लिए हमने मिलकर इसे क्षेत्र का अग्रणी मंच बनाया है. ओबामा ने कहा कि अमेरिका ने चीन के साथ रचनात्मक संबंध बनाने के प्रयाए किए हैं. उन्होंने कहा, ‘महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारी सरकारों के बीच अब भी गंभीर मतभेद बने हुए हैं.
अच्छे या बुरे किसी भी समय में अमेरिका पर भरोसा कर सकते हैं
सर्वभौम मानवाधिकारों के लिए अमेरिका अपना सहयोग देता रहेगा. हमने साबित किया है कि पारस्परिक हितों के लिए हम मिलकर काम कर सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘ईरान को परमाणु बम हासिल करने से रोकने से लेकर कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु रहित करने की हमारी साझी प्रतिबद्धता तक और जलवायु परिवर्तन पर हमारे ऐतिहासिक नेतृत्व तक अमेरिका और चीन पहले के मुकाबले कहीं अधिक क्षेत्रों में एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं.’
ओबामा ने कहा, ‘मैं फिर दोहरा रहा हूं , अमेरिका चीन के उभार का स्वागत करता है जो शांतिपूर्ण, स्थिर और समृद्ध है और वैश्विक मामलों में एक जिम्मेदार राष्ट्र के तौर पर पेश आता है. हमारा मानना है कि इससे हम सभी को फायदा होगा.’ उन्होंने कहा, ‘अच्छे या बुरे, दोनों समय में आप अमेरिका पर भरोसा कर सकते हैं.’