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डोनाल्ड ट्रंप होंगे खतरनाक राष्ट्रपति

वाशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को खतरे में डाल देंगे. यह बात रिपब्लिकन पार्टी के 50 राष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों ने कही है जिससे ट्रंप को जोरदार झटका लगा है. विशेषज्ञों ने कहा कि व्हाइट हाउस के लिए नामित किए गए ट्रंप एक खतरनाक राष्ट्रपति साबित होंगे और देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देंगे. […]

वाशिंगटन : डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका को खतरे में डाल देंगे. यह बात रिपब्लिकन पार्टी के 50 राष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों ने कही है जिससे ट्रंप को जोरदार झटका लगा है. विशेषज्ञों ने कहा कि व्हाइट हाउस के लिए नामित किए गए ट्रंप एक खतरनाक राष्ट्रपति साबित होंगे और देश की सुरक्षा को खतरे में डाल देंगे. इन रक्षा विशेषज्ञों में पूर्व के प्रमुख जासूस और राजनयिक भी शामिल हैं. हालांकि ट्रंप ने इन विशेषज्ञों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि ‘‘वाशिंगटन के इन संभ्रांत” लोगों को इस बात का जवाब तलाशना चाहिए कि पूरा विश्व एक ‘गडबड’ कैसे बन गया है.

कल जारी बयान में राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषज्ञों के एक समूह ने कहा, ‘‘हममें से कोई भी डोनाल्ड ट्रंप के लिए वोट नहीं डालेगा। विदेश नीति के लिहाज से ट्रंप राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ बनने लायक नहीं हैं. हमें यकीन है कि वह एक खतरनाक राष्ट्रपति साबित होंगे और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा एवं खुशहाली को खतरे में डाल देंगे.” इस पत्र में कहा गया, ‘‘सबसे मूल बात यह है कि ट्रंप में राष्ट्रपति बनने लायक चरित्र, मूल्यों और अनुभव की कमी है. वह अमेरिका के, स्वतंत्र विश्व के नेता बनने के नैतिक अधिकार को कमजोर करते हैं.” जिन लोगों ने इस पत्र में हस्ताक्षर किए हैं, वे रिचर्ड निक्सन से लेकर जॉर्ज डब्ल्यू बुश तक रिपब्लिकन सरकारों में राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति से जुडे वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं.

इस बयान में कहा गया कि 70 वर्षीय ट्रंप में अमेरिकी संविधान, अमेरिकी कानूनों और अमेरिकी संस्थानों की मूलभूत जानकारी और उसके प्रति विश्वास में कमी प्रतीत होती है. इनमें धार्मिक सहिष्णुता, प्रेस की स्वतंत्रता और स्वतंत्र न्यायपालिका शामिल हैं. ट्रंप में राष्ट्रपति बनने लायक स्वभाव का अभाव बताते हुए इस बयान में आरोप लगाया गया कि उन्होंने बार-बार दिखाया है कि अमेरिका के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हितों, इसकी जटिल कूटनीतिक चुनौतियों, इसके अहम गठबंधनों और अमेरिकी विदेशी नीति का आधार कहलाने वाले लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति उनकी समझ बेहद कम है. बयान में कहा गया कि ट्रंप सच को झूठ से अलग करने में या तो असमर्थ हैं या फिर वह ऐसा करना ही नहीं चाहते। वह एक दूसरे से असहमति रखने वाले विचारों को प्रोत्साहन नहीं देते.

बयान में इन विशेषज्ञों ने कहा, ‘‘ट्रंप में आत्मनियंत्रण की कमी है और वह जल्दबाजी में काम करते हैं. वह निजी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकते। राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ बनने और अमेरिका के परमाणु शस्त्रागार की कमान संभालने वाले की महत्वाकांक्षा रखने वाले व्यक्ति में ऐसी चीजें खतरनाक हैं.”

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